| Chapter- 1 ठोस अवस्था (SOLID STATE ) बिहार बोर्ड के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न |
ठोस अवस्था का ये Question नहीं पढ़ा तो एग्जाम बाद पछताओगे
| 1. क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस के बिच अंतर लिखें |
| क्रिस्टलीय ठोस | अक्रिस्टलीय ठोस |
| ठोस के घटक कण नियमित क्रम में सजे होते है इसलिए इनकी ज्यमिति निश्चित होती है l | ठोस के घटक कण अनियमित क्रम से व्यवस्थित होते हैं इसलिए इनकी ज्यमिति निश्चित नहीं होती है l |
| इसकी गलानक निश्चित होती है l | इसकी गलानक अनिश्चित होती है l |
| क्रिस्टलीय ठोस को हमलोग सत्य ठोस के नाम से जानते हैं | अक्रिस्टलीय ठोस को हमलोग असत्य ठोस के नाम से जानते हैं |
| तेज धार वाले औजार से काटने पर विदलन स्पष्ट होता है और नइ बनी सतह स्पष्ट और चिकनी होती हैं | तेज धार के औजार से काटने पर ये अनियमित सतहों में टुकड़ों में बंट जाते हैं |
दीर्घ-परासी व्यवस्था में होते हैं | लघु-परासी व्यवस्था में होते हैं |
| क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिकता दर्शाते है | अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिकता दर्शाते है |
Ans:- यदि ठोस का भौतिक गुण जैसे -अपवर्तनांक ,चालकता ,उसमीय चालकता ……इत्यादि का मान सभी दिशाओं में एक समान होते हैं वे समदैशिकता कहलाते हैंI

| 3. विषमदैशिकता किसे कहते है ? |
Ans:- यदि ठोस का भौतिक गुण जैसे -अपवर्तनांक ,चालकता ,उसमीय चालकता ……इत्यादि का मान सभी दिशाओं में अलग -अलग होते हैं वे विसमदैशिकता कहलाते हैंI
| 4.क्वार्ट्ज और काँच में क्या अंतर है ? |
Ans:- सिलिका(SiO2) का नियमित्त व्यवस्था को कर्टज कहते हैं तथा सिलिका(SiO2) का अनियमित्त व्यवस्था को काँच कहते है I
| 5. क्रिस्टल जालक या आकाशीय जालक क्या हैं ? |
Ans:- यदि ठोस का अणु ,परमाणु और आयन के त्रिविमीय एवं नियमित व्यवस्था को हमलोग क्रिस्टल जालक या आकाशीय जालक के नाम से जानते हैं
Ans:- क्रिस्टल जालक कि वह सुक्ष्म इकाई जिसे त्रिविमीय बार-बार दुहराने पर संपूर्ण क्रिस्टल जालक का निर्माण होता है उसे इकाई कहते हैं
| 7. समन्वय या उपसहसंयोजन संख्या क्या है ? |
Ans:- किसे दिए गए ठोस में एक गोला से जितने अन्य गोले को स्पर्श कर रहे हो इन्हीं स्पर्शी गोलों की संख्या को समन्वय संख्या कहते हैं
| 8.ग्रेफाइट विधुत का सुचालक है जबकि डायमंड विधुत का कुचालक है क्यों ? |
Ans:- ग्रेफाइट विधुत का सुचालक है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं जबकि डायमंड में मुक्त इलेक्ट्रॉन उपस्थित नहीं होते हैं इसलिए डायमंड विधुत का कुचालक होते हैं