तत्वों और यौगिक के रासायनिक संयोजन के तीन नियम
रासयनिक संयोजन के नियम
जब कभी भी कोई रासयनिक पदार्थ अभिक्रिया करती है तो वह कुछ नियम का पालन करती है ,जिसे हमलोग रासयनिक संयोजन के नियम से जानते है |
(1) द्रव्यमान संरक्षण का नियम
इस नियम का प्रतिपादन एंटोनी लावोजियर ने 1774 में किया | इस नियम के तहत किसी भी भौतिक या रासयनिक परिवर्तन में अभिकारक तथा प्रतिफल की द्रव्यमान आपस में एकसमान होती है| भौतिक या रासयनिक परिवर्तन में अभिकारक तथा प्रतिफल की द्रव्यमान संरक्षित रहता है |
जैसे – Ice → Water
CaCo3(s) → CaO(s) + CO2
N2+ 3H2 → 2NH3
नोट :- कोई भी संतुलित रासयनिक अभिक्रिया द्रव्यमान संरक्षण नियम का पालन करती है|
अपवाद :- नाभिकीय अभिक्रिया कभी भी रासायनिक संयोजन के नियम को पालन नहीं करता है क्यों की अभिकारक और प्रतिफल का मात्र बदलते रहते है |
(2) स्थिर अनुपात का नियम :-
इस नियम का प्रतिपादन 1779 में प्राउस्ट द्वारा दिया गया था “ स्थिर अनुपात नियम के अनुसार किसी भी शुद्ध पदार्थ में उपस्थित तत्वों का प्रतिशत अनुपात एक समान पाया जाता है ,चाहे उसे हम किसी भी सश्रोत या किसी भी तरीके से प्राप्त क्यों न हो“| जैसे – शुद्ध जल
अपवाद :- यदि पदार्थ में तत्वों की समस्थानिक उपस्थित के नियम का पालन नहीं करता है क्योकिं समस्थानिक का मतलब यह होता है की तत्व का परमाणु भार आलग-अलग हो परन्तु परमाणु संख्या समान होते है|
जैसे :- C12 → CO2
12 : 32
C14 → CO2
14 : 32
(3) गुणित अनुपात के नियम
इस नियम का प्रतिपादन 1804 ई० में जॉन डाल्टन के द्वारा दिया गया था यदि दो तत्वों मिलकर एक या एक से अधिक यौगिक का निर्माण करते है तथा जिसमे एक तत्व की द्रव्यमान का अनुपात सरल होता है ,इसे ही हम गुणित अनुपात का नियम कहते है |
जैसे (1) C और O ⇒ CO ,CO2
(2) H2O and H2O2
(3) SO2 and SO3
(4) एवगाड्रो का नियम
एक नियत या सामान ताप एवं दाब पर विभिन्न गौसो की आयतन यदि समान रहती है ,तो गैस के मोलो की संख्या भी सामान रहती है |
नोट :- यदि विभिन्न गैसों का ताप एवं दब तथा आयतन सामान रहता है तो विभिन्न गैसों मोलो की संख्या सामान पायी जाती है |
एवगाड्रो संख्या का मान 6.022X1023 होता है |