संयोजकता क्या है,कैसे निकालें जानें

संयोजकता क्या होता हैं संयोजकता निकालने का तरीका और उदहारण

हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों स्वागत है आपका हमारी अरविन्द सर पटना की वेवसाइट पर। आज के इस लेख  में हम आपको संयोजकता क्या होता हैं? संयोजकता निकालने का सूत्र और उदाहरण क्या होते हैं? इसके बारे में विस्तार में बताने वाले है और इसके साथ-साथ हम आपको संयोजकता आबंध क्या होता हैं इसके बारे में विस्तार से बताएँगे। संयोजकता एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जो परीक्षाओं में कई बार पूंछ चुका है। इससे सम्बंधित प्रश्न भी परीक्षाओं में पूंछे जाते हैं जिनके बारे में हम नीचे इस लेख  में विस्तार से बताएँगे। आज का टॉपिक संयोजकता के आधार पर है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में हम आज के इस लेख  में चर्चा करने वाले हैं। इस टॉपिक से परीक्षाओं में कुछ इस तरह के प्रश्न पूंछे जाते हैं जैसे नाइट्रोज परमाणु की संयोजकता कितनी होती है? ऑक्सीजन तत्व की संयोजकता क्या होती है? सल्फर की संयोजकता क्या होता है? इस तरह के प्रश्नों को हम आज के इस लेख  में हल सहित समझाने वाले हैं। इसलिए इस लेख में “संयोजकता किसे कहते हैं?” अतः इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक जरूर पढ़े।

संयोजकता की परिभाषा अथवा संयोजकता क्या होता हैं? जानें

तत्वों के परमाणुओं के परस्पर संयोग करने की क्षमता यानि बंधन बनाने में जो इलेक्ट्रान त्याग या ग्रहण करते है संयोजकता कहते हैं। या किसी भी परमाणु की बाहरी कक्षा में पाए जाने वाले इलेक्ट्रानो की संख्या ही उस परमाणु की संयोजकता कहलाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं किसी भी परमाणु के बाह्यतम कक्षा में पाया जाने वाले इलेक्ट्रॉन्स की जो संख्या होती है उसे  उसकी संयोजकता होता है। इसे हम इस तरह से भी समझ सकते हैं एक तत्व दूसरे तत्व से वह क्षमता जो जितना जुड़नें की क्षमता होती है उसी क्षमता को उसकी संयोजकता कहलाता हैं अथवा किसी भी तत्व के अंतिम सेल में उपस्थित युग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व के संयोजकता कहलाता है। या यदि अणु में उपस्थित परमाणु में इलेक्ट्रान के आदान–प्रदान या साझेदारी को ही संयोजकता कहलाता हैं। संयोजकता शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रैंकलैंड नामक वैज्ञानिक ने किया था। संयोजकता के इलेक्ट्रान सिद्धांत के अनुसार होता है,यदि किसी तत्व के एक परमाणु द्वारा त्याग किया गया इलेक्ट्रान या ग्रहण किए गए या साझेदारी किए गए इलेक्ट्रानो की संख्या उसकी संयोजकता कहलाती है। जिन तत्वों की संयोजकता एक होती है उसे एकल-संयोजकता कहलाता हैं। इसी तरह चार और पांच संयोजकता वाले तत्वों को चतुर्थ संयोजक एवं पंच-संयोजक कहलाते हैं। वैसे तत्व जो किसी अन्य तत्वों से नहीं जुड़ते हैं तथा उनकी संयोजकता शून्य होता है,क्योंकि न तो इलेक्ट्रान(electron) त्याग करते है न तो इलेक्ट्रान ग्रहण(gain) करते है। जैसे-अक्रिय या निसक्रिय या जैसे-अक्रिय या नि-सक्रिय गैस He,Ne , Ar, Kr, Xe तथा Ra आदि तत्वों की संयोजकता शून्य होता है।

संयोजकता कितने प्रकार होते है और उदाहरण

इस लेख  में संयोजकता क्या होता हैं? इसके बारे में जाना। अब हम आपको संयोजकता के प्रकार और उदाहरण के बारे में विस्तार से बताने वाले है। संयोजकता तीन प्रकार की होते है। जो इस प्रकार है।

  1. वैधुत संयोजकता (Electro valency)
  2. सह –संयोजकता (CO – valency)
  3. उप – सहसंयोजकता (CO –Ordinate valency)
  1. वैधुत संयोजकता (ElectroValency)

संयोजकता किसे कहते हैं? इसका प्रकार वैधुत संयोजकता होता है। एक परमाणु से दूसरे परमाणु में इलेक्ट्रोनो के स्थानातरण से उत्पन्न संयोजकता को वैधुत संयोजकता कहते हैं

उदाहरण KCl में पाई जाने वाली संयोजकता।

  1. सह-संयोजकता (Co-Valency)

जब दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रान की साझेदारी हो जाती है तब जो संयोजकता उत्पन्न होती है उसे सह– संयोजकता (CO–valency) कहा जाता है। और इसके बीच बने बंध को सहसंयोजक बंध कहा जाता है।

उदाहरण  हाइड्रोजन का अणु , नाइट्रोजन का अणु तथा ऑक्सीजन अणु के बीच पाई जाने वाले संयोजकता को सह– संयोजकता (CO – valency) कहते हैं।

  1. उप-सहसंयोजकता (Co-Ordinate Valency)

संयोजकता क्या हैं? । यह एक ऐसी संयोजकता होता  है जिसमे एक परमाणु दूसरे परमाणु को इलेक्ट्रान युग्म या जोड़ा प्रदान करते  है। इस प्रकार इलेक्ट्रान जोड़ी  देने वाले परमाणु को इलेक्ट्रान जोड़ी  दाता और इलेक्ट्रान जोड़ी  ग्रहण करने वाले परमाणु को इलेक्ट्रान जोड़ी ग्राही कहा जाता है। इस साझेदारी से  बनने वाली संयोजकता को सह – संयोजकता (CO – valency) कहलता   है।उदाहरण  अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल तथा मगनेशियमहाइड्रोक्साइड आदि।

संयोजकता किसे कहते हैं? यह जानने के बाद, संयोजकता शब्द का प्रयोग निम्न दो बातों के लिए किया जा सकता है।

  1. तत्वों की जोड़ने की क्षमता को एक पूर्ण संख्या में व्यक्त करने के लिए।
  2. उन बलों के लिए जो अणु में परमाणु को एक दूसरे से बांधे रहते हैं।

संयोजकता निकालने का सूत्र (संयोजकता किसे कहते हैं?)

किसी तत्व के बाह्यतम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रोनो जितना त्याग या ग्रहण करता है उसकी संयोजकता कहलाती है। इसके उदाहरण निम्नलिखित इस प्रकार हैं।

Na का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2, 8, 1 होता है इसके बाहरी कोश में 1 इलेक्ट्रान है अतः इसकी संयोजकता 1 होगा।

Mg का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2, 8, 2 होता है इसके बाहरी कोश में 2 इलेक्ट्रान है अतः इसकी संयोजकता 2 होगा।

Al का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2, 8, 3 होता है इसके बाहरी कोश में 3 इलेक्ट्रान है अतः इसकी संयोजकता 3 होगा।

Ca का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2, 8, 8,2  होता है इसके बाहरी कोश में 2 इलेक्ट्रान है अतः इसकी संयोजकता 2 होगा।

संयोजकता से संबंधित पूछे जाने वाले प्रशन(FAQ)

प्रश्न- संयोजकता आबंध सिद्धांत किसे कहते है?

उत्तर- इस सिद्धांत को पॉलिक तथा स्लेटर नामक वैज्ञानिको ने दिया था। इस सिद्धांत की सहायता से किसी उपसह्संयोजक यौगिक त्रिविम रासायन व चुम्बकीय गुण का स्पष्ट पता लगाया जाता है। इस सिद्धांत  के अनुसार –

  1. केन्द्रीय धातु परमाणु या आयन के पास अपनी समन्वय संख्या के अनुसार रिक्त कक्षक यानि ऑर्बिटल होते हैं जिसके संकरण से वह आवंधित कक्षकों का निर्माण करता है।
  2. केन्द्रीय धातु परमाणु के रिक्त संक्रित कक्षक, लिगेंड्स के भरे हुए कक्षाकों के साथ अतिव्यापन करते हैं जिससे सिग्मा बंध का निर्माण होता है जिसे उप-सहसंयोजक बंधन  कहते हैं।
  3. यदि केन्द्रीय धातु परमाणु के भरे हुए कक्षक लिगेंड्स के रिक्त कक्षकों के साथ अति व्यापन करते हैं तो पाई बंध बनता है। परन्तु इसकी संभावना बहुत कम होती है।

प्रश्न- संयोजी इलेक्ट्रॉन किसे कहते हैं?

उत्तर- तत्वों के बाहरी कक्षा को संयोजी कोश और बाहरी कोश में पाए जाने वाले इलेक्ट्रोनो को संयोजी इलेक्ट्रान कहलाता हैं।

प्रश्न- कार्बन परमाणु की संयोजकता कितनी होती है?

उत्तर-  कार्बन परमाणु के बाहरी कक्षा में 4 इलेक्ट्रान होते हैं इसलिए इसकी संयोजकता 4 होती है।

प्रश्न- मैगनेशियम  तत्व की संयोजकता कितनी होती है?

उत्तर- मैगनेशियम  की संयोजकता 2 होती है। ऑक्सीजन (0), सल्फर (S), कैल्शियम (Ca), मैगनेशियम (Mg)आदि की जो संयोजकत्ता 2 होती है और इनको द्विसंयोजी तत्व कहा जाता है।

प्रश्न- सोडियम की संयोजकता कितनी होती है?

उत्तर- सोडियम की परमाणु संख्या 11 होती है इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 होता है इसके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रान होने के कारण इसकी संयोजकता 1 होती है।

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