फैराडे का नियम प्रथम तथा द्वितीय नियम क्या है?

फैराडे का नियम क्या है? विस्तार से जानें

इस लेख की सहायता से हम आपको फैराडे का नियम की बारे में बताने वाला हूँ? इसकी पूर्ण जानकारी देने वाले हैं और इसके साथ साथ हम फैराडे के वैधुत अपघटन के नियमों के बारे में भी बताने वाले है। हम आपको इसके संख्यात्मक प्रशन का हल भी इसी आर्टिकल में देने वाले हैं तो शुरू करते हैं आज का महवपूर्ण टॉपिक। फैराडे नामक वैज्ञानिक ने 1834 ई० में  विद्युत अपघटन पर आधारित दो नियम दिए जो निम्नलिखित हैं।

फैराडे के विद्युत अपघटन का प्रथम नियम क्या है?

इस नियम के अनुसार जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो कैथोड इलेक्ट्रोड पर मुक्त होने वाले पदार्थ की मात्रा विद्युत अपघटन के लिए प्रवाहित धारा की मात्रा के समानुपाती होती  है। ये फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम होता है। अथवा विद्युत अपघटन की क्रिया में इलेक्ट्रोड पर मुक्त या जमा होने वाले पदार्थ की मात्रा सेल में प्रवाहित आवेश के सीधा समानुपाती होती है।

यदि मुक्त पदार्थ की मात्रा W और धारा की मात्रा Q हो तो

W ∝ Q

या W = ZQ

यहाँ Z एक प्रकार का स्थिरांक  है जिसे विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं।

W = Z X Q

हमलोग जानते है आवेश(Q )= it होता है तब हम देखते हैं

W = Z x i x t

जहाँ t = समय

i = विद्युत धरा

यदि i = 1 एम्पियर(A) , t = 1 सेकंड हो तो

W = Z

अतः इससे स्पष्ट होता है कि जब किसी विद्युत अपघटनी सेल में 1 कूलाम आवेश प्रवाहित किया जाए तो इलेक्ट्रोड पर जमा हुए पदार्थ की मात्रा ही उसका विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहलाती है।

फैराडे के विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम क्या है?

इस नियम के अनुसार जब किसी विद्युत विद्युत अपघट्य के विलयन में एक सामान विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोड  पर मुक्त पदार्थो का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भार के समानुपाती होता है। यह फैराडे का विद्युत अपघटन का दूसरा नियम है। अथवा जब विभिन्न विद्युत अपघट्य में सामान धारा प्रवाहित होता  है तो इलेक्ट्रोड पर जमा पदार्थो की मात्रा उनके तुल्यांकी भार व विद्युत रासायनिक तुल्यांको के समानुपाती होती है।

W ∝ E

प्रथम विधुत अपघट्य के लिए

W1 ∝ E1

W1 = KE1  समीकरण -1 

द्वितीय विधुत अपघट्य के लिए

 W2 ∝ E2

W2 = KE2   →समीकरण -2

समीकरण 1 तथा 2 भाग करने पर

W1/W2 = E1/E2

क्योंकि W = Z x i x t

इसलिए Z1/Z2 = E1/E2

तब  Z1/Z2 = E1/E2 = W1/W2

नोट:- E ∝ Z

E = FZ

जहाँ F = 1 फैराडे = 96500 कूलाम

1 फैराडे = 1 मोल इलेक्ट्रान का आवेश

6.023 x 1023 x 1.602 x 10-19

= 96488.6

लगभग 96500 कूलाम को ही(इसे 1 फैराडे कहते हैं) यही फैराडे का नियम है।

फैराडे के विधुत अपघटन से सम्बन्धित पूछे गए प्रश्न (FAQ)

प्रश्न- CuSO4 विलयन को 2 एम्पियर की धारा से 450 सेकंड तक अपघटित किया गया। कैथोड पर जमा पदार्थ के द्रव्यमान की गणना कीजिए। (Cu = 63)

उत्तर-  CuSO4 ———->Cu++  +  SO4

E = a/2 = 63/2

i =2 एम्पियर

t = 450 सेकंड     w=?

W = Z x i x t

W = E /96500 x i x t

W = 63x2x450/2×96500

Ans. W = 0.293gm

प्रश्न – 1 मोल Al+++ को Al में अपचयित करने के लिए कितना आवेश चाहिए?

उत्तर   Al+++ + 3e ——–>Al

इसलिए आवेश = 3F  = 3×96500 = 289500

Ans. = 2.895×105 कूलाम(C)

प्रश्न- 1 मोल Cu++ को Cu में अपचयित करने के लिए कितने आवेश की आवश्यकता होगी।

उत्तर- Cu++ + 2e ——–>Cu

इसलिए आवेश = 2F  = 2×96500 = 193000

Ans. = 1.93×105 कूलाम(C)

प्रश्न- 1 मोल MnO-4को Mn++ में अपचयित करने के लिए कितने आवेश की आवश्यकता होगी।

उत्तर- इसलिए आवेश = 5F  = 5×96500 = 482500

Ans. = 4.825×105 कूलाम(C)

प्रश्न- Cu++ के 4 ग्राम तुल्यांक को Cu धातु में अपचयित करने के लिए आवश्यक फैराडे की संख्या बताओ

उत्तर-  फैराडे की संख्या = ग्राम तुल्यांक की संख्या

Ans. इसलिए F = 4F

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