मोनो सैकेराइड | डाइसैकेराइड | पॉलीसैकेराइड |
इसका सामान्य सूत्र CnH2nOn है। | इसका सामान्य सूत्र Cn+1H2nOn है। | इसका सामान्य सूत्र (C6H10O5) पाला हवसोस या (C5H8O4)n पॉलि- पेटोज है। |
इसका जल अपघटन नहीं होता है। | ये जल अपघटित होकर मोनोसैकेराइड के दो अणु देते हैं। | ये जल अपघटित होकर मोनो सैकेटराइड के अनेक अणु देते है। |
ये जल में विलेय तथा स्वाद में मीठ होते है। | ये जल मे विलेप तथा स्वाद में मीठे होते है। | ये जल में अविलेय है तथा स्वादहीन होते हैं। |
इनमे ग्लूकोसाइड वन्ध नहीं होता हैं। | इनमे एक ग्लूकोसाइड वन्ध होता है। | इनमें अनेक ग्लूकोसाइड वन्ध होते है। |
ये हेमीएसीटल बनाते है। | ये एसीटल बनाते हैं । | ये रेखीय या शाखा युक्त उच्च वहुलक है और हेमीएसीटल और एसीटल दोनो नही बनाते है। |
प्रश्न – कार्बोहाइट्रेट क्या होते है ? इनका वर्गीकरण करके चार प्रमुख कार्य लिखिए ।
उत्तर – परिषाण- प्रकाश सक्रिय पॉली हाइड्राक्सी एलिहाइड या कीटोन या वे पदाथे जो जल – अपघटित होकर इनका निर्माण करते है कार्बोहाइड्रेट कहलाते है ।
उदाहरण – ग्लूकोस, स्टार्च, सेल्युलोस, सुक्रोस आदि।
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण –
कार्बोहाइड्रेट :-
1. शर्कटाएँ
2.अशर्कटाएँ (पॉली सैकेराइड्स)
शर्कटाएँ :-
1. मोनो सैकेटराइड
2.ओलिगो सैकेराइड
मोनो सैकेटराइड :-
उदाहरण – ग्लूकोस , प्रक्टोस ,गैलेक्टोस ।
ओलिगो सैकेराइड :-
1. डाइसैकेराइड
2. उदा० – सुक्रोस
3. ट्राइसैकेराइड
4. उदा० – रेफिनोस
5. टेट्रा सैकेराइड
6. उदा० स्टैकियोस
C6H12O6+6O2 …….. 6CO2+6H20 + H = -2870K3 mol-1 ऊर्जा ।
प्रश्न – न्यूक्लिक अम्ल पर सक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
न्यूक्लिक अम्ल :-
यह जीव कोशिका के केन्द्र में पाया जाता है इसमें फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है
न्यूक्लिक अम्ल पाली न्यूक्लियोटाइड होते है जो अनेक न्यूक्लिओटाइड की इकाइयों के मिलने से वनती है।
प्रत्येक न्यूविलओटाइड तीन रासायनिक घटको का बना होता है ।
- फास्फेट समूह
- पेण्टोज राइबोज शर्करा या डी-आक्सीराइबोज,
- विषमचक्रीय बेस, जैसे- पायरीमिडीन के व्युत्पन्न एवं प्यूरीन के व्युत्पन्न ।
न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते है ।
(A) DNA – डी आक्सीराइबोज शर्करा अणु
(B) RNA – राइबोज अम्ल
(C) DNA के घटक (a) डी-आवसीराइबोस शर्करा अणु
(B) फास्फोरिक अम्ल के अणु
(C) नाइट्रोजन वेस । ये दो तरह के होते हैं।
- पिरामिडीन वेस :- ‘इसके अन्तर्गत साइसोसीन (C) और बाममीन (T) आते है।
- प्यूरीन बेस = इसके अन्तर्गत एडीनीन (A) और ग्वानीन (G) आते है।
RNA के घटक – RNA में टाइबोज तथा नाइट्रोजन वेस पैसे- एडीनीन (A) ‘वानीन (G) यूरेसिल (U), और साइटोसीन (C) होते है।
प्रश्न – संक्षेप में समझाइए –
(a) दो एन्जाइमो के नाम तथा उनके कार्य।
(b) जल में घुलनशील दो विटामिनो के नाम एवं इनके अभाव से होने वाले रोग।
1 . एमाइलेज –
कार्य – यह स्टार्च को ग्लुकोस मे वदल देता है ।
स्टार्च (एमाइलेज) ग्लूकोस
2. पेप्सिन –
कार्य – यह प्रोटीन को एमीनो अम्ल में वदल देता है।
प्रोटीन (पेप्सिन )एमीनो अम्ल
(b) जल में घुलनशील विटामिन –
- विटामिन B1 – थायमीन – अभाव में रोग – वेटरी-वेरी
2. विटामिन C – ऐस्कार्बिक अम्ल – अथाव में रोग – स्कर्वी जलमे घुलनशील विटामिनो के अन्य उदाहरण – विटामिन B2, B6, B12 तथा K
3. वसा – प्राप्ति ऊर्जा प्रदान करना । प्राप्ति – घी, तेल, मेवे, दूध, अंडा ।
(4). कैल्सियम – दाँत व हट्टी की एद्धि । प्राप्ति – पत्तेदार, सब्जियाँ, साबुत, अनाज, दूध।
प्रश्न – एमीनो अम्ल तथा प्रोटीन में दो दो अन्तर लिखिए।
एमीनो अम्ल | प्रोटीन |
सरल यौगिक जिनमें एमीनो अम्ल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह होता है एमीनो अम्ल कहलाते है। | जटिल नाइट्रोजनयुक्त यौगिक प्रोटीन कहलाते है। |
प्रोटीन अम्ल के संयोजन से डाइपेप्टाइड पॉली पेप्टाइड तथा प्रोटीन बनते है। जैसे- ग्लाइसीन, लाइसीन । | प्रोटीन के जल – अपघटन से एमीनो अम्ल वनते है। जैसे- हीमोग्लोबीन, केसीन । |
इन्सुलिन :-
इन्सुलिन हार्मोन्स अग्न्याशय व्दारा स्प्रावित होता है तथा इसका कार्य खत मे ग्लुकोज की मात्रा का नियंत्रण करना है।
(4) कार्टिसोन :-
काट्रीसोन एड्रीनल काटैक्स द्वारा स्वावित होता है तथा इसका कार्य वसा, प्रोटीन तथा जल के उपापचय का नियंत्रण करना है।
प्रश्न – विटामिन A, D, E एवं k के कार्य लिखिए।
विटामिन A – यह रोडोप्सिन एवं आयोडोप्सिन नामक दृश्य पिगमेन्ट के निर्माण में भाग लेता है
विटामिन D – यह हड्डियो के निर्माण में उपयोगी होता है।
विटामिन E – यह RBC के टूटने की क्रिया को रोकता है ।
विटामिन k – यह रक्त को जमने में सहायता करता है।
प्रश्न – निम्नलिखित जैव- अणुओ / तत्वो के कार्य व प्राप्ति के स्त्रोत लिखिए –
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- वसा
- कैल्सियम
- प्रोटीन – शरीर के अंगो का निर्माण करना।
प्राप्ति :- दूध, पनीर, अंडा, मछली आदि।
2. कार्बोहाइड्रेट – ऊर्जा प्रदान करना ।
प्राप्ति :- अनाज, चावल, फल, आलू, शक्कर आदि।
विटामिनो की थोड़ी सी मात्रा थी शरीर के थुचारु रूप से कार्य करने और वृद्धि के लिए आवश्यक है।
विटामिन कई प्रकार के होते है। जैसे – A,B,C,D,E,K
(a ) खून का धक्का न जमना :-
विटामिन्-K, (b) रतौधी- विटामिन A (रेटिनॉल) एक्सेरोफाइटॉल (c) रक्त अल्पता- विटामिन-B12 (सायनोवलेमीन) (d) सूखा रोग-विटामिन ० (कैल्थिकेराल) (e ) पायरिया – विटामिनं- C (एस्कार्विक खसिड) (F) वन्ध्यता – विटामिन – E (a – टोकफिरॉल) (g) अरवतता – विटामिन – B6 (पिरिडाक्सीन)।
प्रश्न – निम्नलिखित हार्मोन्स के बारे में लिखिए।
(1) टेस्टोस्टेरॉन (2) बायरॉविसन (ii) इन्सुलिन (IV) कार्टिसोन ।
(1) टेस्टोस्टेटयन :- टेस्टोस्टोरॉन हामौन की स्वावित करने वली ग्रन्थि वृषण है तथा इसका कार्य पुरुणे में जनन अंगो का नियंत्रण है।
(2) यायाक्सिन :- इस हार्मोन को स्मावित करने वाली ग्रंथि का नाम थायरॉयड है इसका कार्य उपापचय क्रियाओ में वृद्धि का नियंत्रण है।
प्रश्न – क्या होता है जव प्रोटीन का विकृतिकरण होता है ?
प्रोटीन का विकृतिकरण :-
प्रोटीन उसमा तथा रसायनो से प्रभावित होते है प्रोटीन को गर्म करने पर अथवा रासायनिक यौगिको से किया कराने पर इसकी जैविक क्रियाशीलता नष्ट हो जाती है ये विकृत और स्कन्दित होकर अविलेय हो जाते है इसक्रिया को प्रोटीन का विरुतिकरण कहते है।
विकृतिकरण से प्रोटीन की प्राथमिक संरचना अपरिवर्तित रहती है किन्तु वितीयक एवं तृतीयक संरचना में परिवर्तन हो जाता है जैसे- जब अंडे को उखानते है कुछ समय के लिए रखा जाता है तो डे की प्रोटीन अविलेय रेशेदार प्रोटीन में परिवर्तित हो जाती है जिससे प्रोटीन स्कन्दित हो जाता है अर्थात प्रोटीन का विकृतिकरण हो जाता है।
प्रश्न- विटामिन क्या है उन विटामिन के नाम लिखिये जिनकी कमी से निम्नलिखित वीमारियाँ उत्पन्न होती है ?
खून का थक्का नजमना (b) रतौंधी (c) खत अन्पता (d) खुखा रोग, (e) पायरिया (f) बन्ध्यता (g) अरक्तता।
उत्तर – विटामिन जटिल कार्बनिक यौगिक है जो शरीर के लिए भावश्यक पोषक तत्व के समान कार्य करते है यद्यपि ये हमारे शरीर मे वनते नही, परन्तु इनके आभाव से अनेक रोग उत्पन्नहो जाते है।