हिमांक का अवनमन क्या है?
वह तापक्रम जिसपर किसी पदार्थ की द्रव अवस्था एवं ठोस अवस्था समान होती है उसे द्रव का हिमांक बिन्दु कहते है इस तापक्रम के ऊपर केवल द्रव अवस्था अस्थाई होती है तथा इसे तापक्रम के नीचे केवल ठोस अवस्था अस्थाई होती है अतः वह तापक्रम जिसपर ठोस एवं द्रव दोनों के वाष्प दाब बराबर हो जाते है उस तापक्रम को उसे द्रव का हिमांक बिन्दु कहते है जब किसी अवाष्पशील ठोस को किसी वाष्पशील विलायाक मे डाला जाता है तब उसका हिमांक बिन्दु घट जाता है हिमांक बिन्दु मे हुई इसी कमी को हिमांक का अवनमन कहते है इसे ΔTf से सूचित करते है-
माना की t०C पर
शुद्ध विलायक का हिमांक बिन्दु = T
विलयन का हिमांक बिन्दु = T’
T’ < T
T’-T =ΔTf
हिमांक का अवनमन (ΔTf ) = T’-T
राउल्ट ने हिमांक का अवनमन सम्बधी अपने दो नियम प्रस्तुत किये जो इस प्रकार है:-
प्रथम नियम
किसी भी तनु घोल का हिमांक का अवनमन उसमे घुलाये गये विलेय के मोलर सांद्रण के समानुपाती होता है
हिमांक का अवनमन ∝ विलेय के मोलल सांद्रण
यदि w ग्राम विलेय जिसका अनुभार m है W ग्राम विलायक में घुला हो तो
जहां Kf ये नियतांक है जिसे हिमांक का अवनमन या मोलल हिमांक नियतांक या cryoscopic नियतांक कहते है।
अतः मोलाल हिमांक नियतांक को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है w ग्राम विलेय को 1000 विलायक में घुलने पर उसके कवथनांक बिन्दु में जितनी बृद्धि होती है उसे हिमांक का नियतांक कहते है।
द्वितीय नियम
यदि बिभिन्न पदार्थों की समआणविक मात्राओं को एक ही प्रकार की विलायक की मात्रा में मिलाया जाए तब उनके कवथनक बिन्दु भी समान होते है।
माना की 1 ग्राम यूरिया ,गुलूकोज और सुकरोज को w ग्राम विलायक में घुलाया जाता है।
यूरिया का हिमांक विंदु = ΔT1
ग्लूकोज का हिमांक विंदु = ΔT2
सुकोरज का हिमांक विंदु = ΔT3
राउल्ट के नियम के अनुसार ,
ΔT1 = ΔT2 = ΔT3