मिशेल का निर्माण कैसे होता है?

मिशेल का निर्माण कैसे होता है?

साबुन उच्च वसीय अम्ल जैसे पामिटिक अम्ल (C15H31COOH), स्टिऐरिक अम्ल (C17H35COOH) के सोडियम या पोटेशियम लवण होते हैं। जिन्हें क्रमशः RCOONa या RCOOK से दर्शाया जाता है। जहां R लंबी श्रंखला के एल्किल समूह को व्यक्त करता है।जब साबुन को जल में घोला जाता है तो यह आयनीकृत हो जाता है। तथा RCOO एवं Na+ का निर्माण करते हैं।

RCOONa ⟶ RCOO + Na+RCOO के दो भाग होते हैं। एक भाग ध्रुवीय होता है। जो जल में अविलेय परंतु तेल में विलेय होता है। यह भाग संगुणित होकर मिशेल का निर्माण करते हैं।
इस प्रकार साबुन का एक मिशेल एक ऋणावेशित कोलाइडी कण है। इसमें ध्रुवीय भाग मिसेल से बाहर की ओर जाते हैं। जबकि अध्रुवीय भाग मिसेल के अंदर की ओर व्यवस्थित रहते हैं। क्योंकि मिशेल की सतह पर उपस्थित समूह आयनों के द्वारा घिरा होता है।

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