थॉमसन का परमाणु मॉडल
थॉमसन ने परमाणुओं की संरचना से संबंधित एक मॉडल प्रस्तुत किया, जो की तरबूज की तरह था। इनके अनुसार परमाणु एक धनावेशित तथा ऋण आवेशित गोला था, जिसमें इलेक्ट्रॉन सभी जगह एक सामन मात्रा में उपस्थित होते है । तरबूज का उदाहरण भी ले सकते हैं| जिसके अनुसार परमाणु में धन आवेश तरबूज के खाने वाले लाल भाग की तरह बिखरा है, जबकि इलेक्ट्रॅान धनावेशित गोले में तरबूज के बीज की भांति उपस्थित होता हैं|
थॉमसन का परमाणु मॉडल इस प्रकार है-
थॉमसन ने प्रस्तावित किया किः
(i) परमाणु धन तथा ऋण आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॅान उसमें उपस्थित होते हैं।
(ii) ऋणात्मक और धनात्मक आवेश सभी जगह में समान होते हैं। इसलिए परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं।
परमाणु नाभिक की खोज
परमाणु केन्द्रक की खोज रदरफोर्ड ने की, उन्होने तेज गति से चल रहे अल्फा कणों को सोने की पतली पन्नी पर टकराया गया। जिसके परिणाम से पता चला कि परमाणु में अधिकांश भाग खाली है जहाँ से अल्फा कण बीना टकराये पन्नी से सीधे निकल गये परन्तु कुछ अल्फा कण पन्नी के द्वारा बहुत छोटे कोण से विक्षेपित हुए। जहाँ से ये कण विक्षेपित हुए थे, दरअसल वह परमाणु का नाभिक अर्थात केन्द्रक था। इसप्रकार रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज की।