P – block चैप्टर से एग्जाम में सबसेअधिक नंबर के प्रश्न पूछे जाने वाले प्रशन

P–ब्लॉक चैप्टर  से एग्जाम  में सबसे अधिक नंबर के प्रश्न पूछे जाते है अगर आप इस चैप्टर को अच्छी तरीको से तैयारी कर लेते है तो आपका बोर्ड परीक्ष में नंबर अधिक आयोग इसलिए चैप्टर की तयारी अच्छा से करना न भूले 

P- block से सम्बंधित महत्पूर्ण प्रश्न है जो बोर्ड परीक्ष में बार – बार आते है आप अन्त तक पढना न भूले –

1. N2 कमरे के ताप पर कम क्रिया शील है क्यों ?

उत्तर :-N = N के बिच आबंध उर्जा उच्च होता है येसा P π – P π  आबंध के कारण है – अंता N2 कम क्रियाशील है जबकि उच्च ताप पर क्रियाशील होता है |

2. क्या होता है जब Pcl5 को गर्म करते है ?

उत्तर – Pcl5 को गर्म  करने पर  हो जाता है |

           PCl5  → PCl5 + Cl2

3. H3PO4 की क्षारीयता क्या है ?

उत्तर – H3PO4 की क्षारीयता तीन होता है क्यूकि H3PO4 अणु में P-OH तीन बंधन होता है |

 

4. H2O एक द्रव है जबकि H2Sगैस है क्यों ?

उत्तर -H2O के अणुओं के बिच प्रबल हाइड्रोजन बंधन बनता है क्योकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बिच विद्युतऋणात्मक का अंतर अधिक होता है जबकि H2S अणुओं के बिच हाइड्रोजन बंधन नहीं होता है अतः  H2O द्रव है तथा H2S गैस है |

5. N2 अक्रिय प्रवृति की गैस है क्यों ?

उत्तर -नाइट्रोजन अक्रिय प्रवृति की गैस है क्योकि नाइड्रोजन – नाइड्रोजन के बिच P π – P π  बंधन होता है |

6. NH3 (अमोनिया) क्षारीय प्रवृति के होते है क्यों ?

उत्तर -अमोनिया क्षारीय प्रवृति के होते है क्यूकि अमोनिया में नाइड्रोजन पर लोन पेयर एलेक्ट्रोने उपस्तिथ होते है

7. अमोनिया जल में घुलनशील है क्यों ?

उत्तर – यह क्योकि अमोनिया हाइड्रोजन बंधन का निर्माण करती है |

8. Pcl5 होते है जबकि Ncl5 नहीं होते है क्यों ?

उत्तर -Pcl5 होते है क्योकि  फास्फोरस की सह – संयोजकता तीन और पाच होता है क्यूकि फास्फोरस के पास d – orbital उपस्तिथ होते है इसलिए Nitrogen तीन संयोजकता को प्रदेर्सित करता है |

9.  अक्रिय जोड़ी प्रभाव क्या है ?

उत्तर – जब S – Orbital वाले इलेक्ट्रान  बंधन में भाग नहीं लेते है उसे अक्रिय जोड़ी प्रभाव कहते है |

10.  जब Ba(N3)2 को गर्म किया जाता है तब –

उत्तर – Ba(N3)2 → Ba + 3N2

11.  हैबर विधि द्वारा अमोनिए की उत्पादन की व्यख्या  करे ?

उत्तर – हैबर बिधि द्वारा अमोनिए का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाता है इसे कारण से औधोगिक विधि कहते है | इस विधि में नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन की प्रक्रिया कराई जाती है जब अमोनिया बनता है |

N2 + H2 2NH3 + २२.4 किलोकैलोरी

अमोनिया के निर्माण के द्वारा उस्म मुक्त होता है  और आयतन में कमी होती है | अतः लासेतियर नियम के अनुसार कम दब और उच्च दाब पर अमोनिया अधिक मात्रा में उत्पन होते है | हैबर नियम में N2 तथा H2 को 1:3 के अनुपात में मिलाकर 200 से 300 वायुमंडलीय दाब है तथा 500C ताप लोहे के चूर्ण उत्प्ररक जिसमे होता है इससे प्राप्त अमोनिया को संधानित में प्रवाहित करके द्रवित कर लेते है शेष गैस को पुनः  उत्प्रेक  क्लास में प्रवाहित करते है जिससे अमोनिया का लगातार उत्पादन होता है |

 

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