वर्नर सिद्धांत
वर्नर ने Ni,Cr, Co ….इत्यादि अमोनियाकृत जटिल यौगिक का अध्यन किया और यह बताया की जटिल यौगिक दो प्रकार के संयोजकता प्रदर्शित करते है (i) प्राथमिक संयोजकता और द्वितियक संयोजकता
प्राथमिक संयोजकता:- यह जटिल यौगिक में आयनीकृत होने वाला भाग है,यह समन्वय मंडल के बाहर उपस्थित होता है,इसके सहायता से जटिल यौगिक में केन्द्रीय धातु का ऑक्सीकारण बतलाता है ।
द्वितियक संयोजकता:-यह जटिल यौगिक में आयनीकृत होने वाला भाग नहीं होता है,यह समन्वय मंडल के अन्दर उपस्थित होता है,इसके सहायता से जटिल यौगिक का ज्यामिति पता किया जाता है।
प्राथमिक संयोजकता और द्वितियक संयोजकता के बिच अंतर
प्राथमिक संयोजकता | द्वितियक संयोजकता |
यह जटिल यौगिक में आयनीकृत होने वाला भाग है। | यह जटिल यौगिक में आयनीकृत होने वाला भाग नहीं होता है। |
यह समन्वय मंडल के बाहर उपस्थित होता है। | यह समन्वय मंडल के अन्दर उपस्थित होता है। |
इसके सहायता से जटिल यौगिक में केन्द्रीय धातु का ऑक्सीकारण निकला जाता है । | इसके सहायता से जटिल यौगिक का ज्यामिति पता किया जाता है। |
वर्नर सिद्धांत,FAQ
Q.वर्नर सिद्धांत किस जटिल यौगिक पर लागु होता है ?
उत्तर-Ni, Cr, Co का अमोनियाकृत जटिल यौगिक पर लागु होता है ।
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