अभिक्रिया की कोटि क्या होता हैं? परिभाषा, प्रकार तथा उदाहरण

अभिक्रिया की कोटि किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार तथा उदाहरण

दोस्तों स्वागत है आपका हमारी अरविन्द सर पटना की इस वेबसाइट पर आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे अभिक्रिया की कोटि क्या होता हैं? अभिक्रिया की परिभाषा क्या होता है? अभिक्रिया का  प्रकार कितना होता है? तथा इसके उदाहरण क्या-क्या होता हैं? इसके बारे में हम बहुत  विस्तार से बताएँगे। यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है, इस टॉपिक से संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछ लिए जाते हैं। इसीलिए इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी छात्र / छात्रा को पता होना चाहिए I अभिक्रिया की कोटि क्या होता  हैं? इस टॉपिक के बारे में जानने के लिए टॉपिक को अंत तक जरूर पढ़ेंI ताकि आपको अभिक्रिया की कोटि पूर्ण जानकारी हो जाए।इसके बारे में  हम विस्तार के साथ बताने वाले है, जो एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस टॉपिक से संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछ जाते हैं यदि आपने अभी तक इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में जानकारी नहीं है। तो आप हमारी अरविन्द सर पटना की इस वेबसाइट से इस टॉपिक को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको अभिक्रिया की कोटि क्या होता हैं? इसके साथ साथ अभिक्रिया की परिभाषा क्या होता है? तथा अभिक्रिया कितने प्रकार की होती है? साथ ही इसके उदाहरण कौन से हैं? इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हूँ। अभिक्रिया की कोटि से संबंधित जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि यह लेख आपको अच्छे से समझ आ सके I तो हम जल्दी से शुरू कर रहे है।

अभिक्रिया की कोटि क्या है? (What is order of reaction?)

  • किसी रसायनिक अभिक्रिया में अभिक्रिया के वेग को निर्धारित करने वाले अभिकारक के अणुओं की कुल संख्या को अभिक्रिया की कोटि कहलाता है  या “वेग नियम में निरहित सभी अभिकारककों की सान्द्र्ताओं  की घातांकों का योग को उस अभिक्रिया की कुल कोटि कहालाता है”। अब हम आपको अभिक्रिया की कोटि के कुछ उदहारण के बारे में बताने वाले है  की अभिक्रिया की कोटि के उदहारण से कैसे समझे। 
  • अभिक्रिया की कोटि का मान प्रायोगिक होता है। 
  • अभिक्रिया की कोटि का मान शून्य , धनात्मक ,ॠणात्मक ,भिनात्मक एवं तीन से अधिक हो सकता है। 

अभिक्रिया की कोटि का उदहारण है-

  • अभिक्रिया की कोटि का उदहारण निम्नलिखित है जो इस प्रकार है-

      जैसे-   SOCl2   ___________> SO + Cl

         (अभिकारक)                    (प्रतिफल)

      अभिकारक का वेग = K [SO2Cl2]

      कुल सांद्रण पद =1

     अभिक्रिया की कोटि = प्रथम कोटि की अभिक्रिया

जैसे   2FeCl3 + SnCl2 _________>  SnCl+ 2FeCl

   अभिक्रिया का वेग = K[FeCl3]. [SnCl2]

  कुल सांद्रण पद = 3

अभिक्रिया की कोटि = त्रितिय कोटि की अभिक्रिया

जैसे    NH4NO2___________>N2  + H2O

        (अभिकारक)                    (प्रतिफल)

    अभिक्रिया का वेग = K [NH4NO2]

    कुल सांद्रण पद =1

   अभिक्रिया की कोटि = प्रथम कोटि की अभिक्रिया

अभिक्रिया की कोटि के प्रकार(Type of order of reaction)

  • हम आपको ऊपर के लेख में बताया की अभिक्रिया की कोटि क्या होता हैं? और साथ ही अभिक्रिया की कोटि के उदहारण भी समझाया । अब हम आपको बताने जा रहे है अभिक्रिया की कोटि के प्रकार की अभिक्रिया की कोटि कितने प्रकार के है।

अभिक्रिया की कोटि निमं प्रकार की होती है,जो इस प्रकार के है –

  • शून्य कोटि की अभिक्रिया
  • प्रथम कोटि की अभिक्रिया
  • द्वीतीय कोटि की अभिक्रिया
  • तृतीय कोटि की अभिक्रिया

शून्य कोटी की अभिक्रिया क्या है?

वे अभिक्रिया जिनमें अभिक्रिया का वेग अभिकारक के अणुओं की सांद्रता के घात का योगफल का मान शून्य होता है, शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती है। शून्य कोटि की अभिक्रिया का उदहारण इस प्रकार है । 

जैसे-H +  Cl2  _______________सूर्य का प्रकाश ____>  2HCl

यह अभिक्रिया शून्य कोटि की अभिक्रिया है । 

प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है?

वे अभिक्रियाएँ जिसके अभिक्रिया का वेग अभिकारक के अणुओं की सान्द्रता के गुणनफल की प्रथम(1) घात के समानुपाती होता है, प्रथम कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैI प्रथम कोटि की अभिक्रिया का उदहारण इस प्रकार है । 

     जैसे NH4NO2___________>N2  + H2O

          (अभिकारक)                    (प्रतिफल)

    अभिक्रिया का वेग = K [NH4NO2]

    कुल सांद्रण पद =1

   अभिक्रिया की कोटि = प्रथम कोटि की अभिक्रिया

जैसे- SO2Cl _________________> SO2 + Cl2

       (अभिकारक)                           (प्रथम कोटि)

अभिकारक का वेग = K [ SO2Cl2 ]

कुल सांद्रण पद =1

प्रथम कोटि की अभिक्रिया = 1

यह अभिक्रिया प्रथम कोटि की अभिक्रिया है । 

द्वीतीय कोटि की अभिक्रिया क्या होता है?

वे अभिक्रियाएँ जिसके वेग समीकरण के अभिकारक की सान्द्रता के द्वीतीय घात (अर्थात 2 हो)  के समानुपाती होता है द्वीतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाता हैI द्वीतीय कोटि की अभिक्रिया का उदहारण इस प्रकार है। 

जैसे-   2 HI_________________>H2 +  I2

         (अभिकारक)              (प्रतिफल)

अभिक्रिया का वेग = K [HI]2

कुल सांद्रण पद = 2

अभिक्रिया की कोटि = 2

यह अभिक्रिया द्वितीय कोटि की अभिक्रिया है। 

तृतीय कोटि की अभिक्रिया

वे अभिक्रियाएँ जिनकी अभिक्रिया की  दर में अभिकारक की सान्द्रता के तीन घात पर निर्भर करती है, तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाता हैI या वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनके प्रायोगिक वेग समीकरण में अभिकारको की सांद्रता   की घातों का योगफल तीन होना चाहिए है तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहलाता हैI तृतीय कोटि की अभिक्रिया के उदहारण इस प्रकार है। 

जैसे-  2NO + O2 __________>2NO2

  (अभिकारक)                          (प्रतिफल)

अभिक्रिया का वेग =  K [ NO ]2 [ O]

कुल सांद्रण पद= 2+1=3

अभिक्रिया की कोटि = 3

यह अभिक्रिया तृतीय कोटि की अभिक्रिया है। 

अभिक्रिया की कोटि कैसे ज्ञात करें?

आपको उपरोक्त उदाहरण की सहायता से यह बताया गया है कि अभिक्रिया की कोटि क्या होता हैं? अभिक्रिया की कोटि की परीभाषा क्या होता है, अभिक्रिया की कोटि के उदहारण क्या है तथा इसके साथ -साथ अभिक्रिया कितने प्रकार की होती है यह जानकारी आपको दिया गया I अब हम आपको बताएँगे की अभिक्रिया की कोटि कैसे ज्ञात करते हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार से ज्ञात किया जाता हैं । 

 mA + nBप्रतिफल

दर =[A][B]

कुल सांद्रण पद = m+n

अभिक्रिया की कोटि=m+n

दर   = K [A]1  [B]1 = m+n = (1 +1 ) = 2 

दर  = K [A]1/2  [B]3/2  = m+n = 1/2 + 3/2 = 1+3/2 = 4/2 = 2

दर = K [A]1 /2 [B]-1  = m+n = 1/2 -1 =1/2 -2/2 = 1/2 = -0.5

दर  = K [A]1 /2  [B]2  = m+n = 1/2 +2 =5/2 =2.5 

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