अम्ल (Acids) –
जिन पदार्थों (यौगिकों) में विस्थापनशील हाइड्रोजन होता है, उन्हें अम्ल कहते हैं। ये जलीय घोलों में हाइड्रोजन आयन (H⁺) देते हैं। जैसे –नाट्रिक अम्ल (HNO3), हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), कार्बनिक अम्ल (H₂CO₃) आदि।
अम्ल के गुण (Properties of Acids):
- अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।
- अम्ल नीले लिटमस को लाल करते हैं।
- अम्ल संक्षारक होते हैं।
- अम्ल कुछ धातुओं से क्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं।
- अम्ल धातुओं के कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट से अभिक्रिया कर CO₂ गैस प्रदान करते हैं।
- अम्ल, क्षार से अभिक्रिया कर उसे उदासीन करते हैं।
प्रबल अम्ल (Strong Acids) –
जो अम्ल जल में लगभग पूर्णत: आयनित होते हैं और बड़ी संख्या में हाइड्रोजन आयन (H⁺) देते हैं, उन्हें प्रबल अम्ल कहते हैं।
जैसे – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄), नाइट्रिक अम्ल (HNO₃)।
दुर्बल अम्ल (Weak Acids) –
जो अम्ल जलीय विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते हैं और बहुत कम मात्रा में हाइड्रोजन आयन देते हैं, उन्हें दुर्बल अम्ल कहते हैं। जैसे – कार्बोनिक अम्ल (H₂CO₃), सल्फ्यूरस अम्ल (H₂SO₃), एसीटिक अम्ल (CH₃COOH), फॉर्मिक अम्ल (HCOOH), ऑक्सैलिक अम्ल (H₂C₂O₄)।
अम्ल की भास्मिकता (Basicity of an Acid) –
किसी अम्ल के एक अणु में उपस्थित विघटनीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या को अम्ल की भास्मिकता कहते हैं। जैसे – HCl, HNO₃, HCOOH, CH₃COOH की भास्मिकता 1 है;
H₂SO₄, H₂SO₃, H₂CO₃ की भास्मिकता 2 है;
H₃PO₄, H₃PO₃ की भास्मिकता 3 है।
क्षार (Bases)
क्षार पदार्थ धातुओं के ऑक्साइड या हाइड्रॉक्साइड होते हैं। ये जलीय घोलों में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) देते हैं।
जैसे – सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), एलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड (Al(OH)₃)
क्षार के गुण (Properties of Bases):
- ये स्वाद में कड़वे होते हैं।
- छूने में साबुन की तरह चिकने होते हैं।
- लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
- क्षार, अम्ल से अभिक्रिया कर उसे उदासीन करते हैं।
- क्षार भी संक्षारक होते हैं परंतु ये मधु संक्षारक हैं।
क्षार (Alkali) –
जल में घुलनशील भ्रम को क्षार कहते हैं।
उदाहरण – सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)।
प्रबल क्षार (Strong Alkali) –
जो क्षार जलीय विलयनों में लगभग पूर्णतः आयनित होते हैं और बड़ी संख्या में हाइड्रॉक्साइड आयन देते हैं, उन्हें प्रबल क्षार कहते हैं।
जैसे – सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)।
दुर्बल क्षार (Weak Alkali) –
जो क्षार जलीय विलयनों में आंशिक रूप से आयनित होते हैं और कम संख्या में हाइड्रॉक्साइड आयन देते हैं, उन्हें दुर्बल क्षार कहते हैं। जैसे –मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड (Mg(OH)₂)
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)₂)
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH₄OH)
क्षार की अम्लीयता (Acidity of a Base) –
किसी क्षार द्वारा जलीय विलयन में विघटित होकर दिए गए हाइड्रॉक्साइड आयनों की संख्या को क्षार की अम्लीयता कहते हैं। जैसे – NaOH, KOH, NH₄OH की अम्लीयता 1 है;
Mg(OH)₂, Ca(OH)₂ की अम्लीयता 2 है;
Al(OH)₃ की अम्लीयता 3 है।