हैलो मेरे प्यारे साथियों आज हम आपको ऐनेलिडा,फाइलम आथ्रोपोडा ,कॉर्डेट और नॉन-कॉर्डेट में अंतर लिखें,ओस्टेइक्थीज या टेलोओस्टीमाइ,एम्फिबिया,रेप्टिलिया,एवीज क्या होते है उसके बारे में विस्तार से बतानें जा रहा हूँ अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगा होगा तो कॉमेंट और शेयर जरूर करें
ऐनेलिडा (Annelid)
- इसके निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
- यह स्वतंत्र जीवी तथा परजीवी होता है।
- यह बहुकोशिकीय ट्रिप्पोलोबलास्टि जंतु सोएलॉमटे जन्तु है।
- यह By Lateral Symmetrical जन्तु है।
- इसका शरीर खंड – खंड में बँटा होता है।
- इसके शरीर पर छोटे – छोटे काटेनुमारचना होती है जिसे Setpac कहतेहै।
- इसका लंबा और बेलाकार होता है।
- इसमें अंगतथा तंत्रपूर्ण विकसितहोता है।
- इसका आकार आहारनाल पूर्ण नली के आकार का होताहै।
- इसमें रक्त का परिसंचरण बंद रुधिरवाहिनी के द्वारा होता है।
- (Close type flood )
- इसमें उत्सर्जन नेफेलिडिया के द्वारा होता है।
- इसमें श्वसन की क्रिया त्वचा, गिल्स के द्वारा होता हैं।
- यह एकलिंगी या उभयलिंगी होता हैं।
- इसमें एक जोड़ा गैंगगेलिया होता हैं।
- इसमें नर और मादा अलग – अलग होता है।
- इसमें अलैंगिक प्रजन्न हैं।
फाइलम आथ्रोपोडा क्या होता है?
- इसके निम्नलिखित विशेषताएं हैं
- यह जल , वायु और स्थल पर पाया जाता है।
- यह बहुकोशिकीय और ट्रिपलोबलास्टिक सिलोमेंट जन्तु है।
- यह मीठा औरखड़ा पानी मेंपाया जाने वाला जन्तु है।
- इसका शरीर शिर, (head) वक्ष तथा उदर मे बँटा होता है।
- यह जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ है।
- इसमें अंगतंत्र पूर्ण विकसित होता है।
- इसमें श्वसन की क्रिया book galls, bock lungs तथा troche के द्वारा होता है।
- इसमें उत्सर्जन की क्रिया मैल्पीजीयन टयुबुलय ग्रीन ग्लैन्डस या कोक्लसग्रंथियोंद्वारा होता है।
- इसमें नर और मादा दोनों अलग – अलग होते हैं।
- इसमे अंतः निषेचन की क्रिया होती है।
- यह अंडा देने वाला जन्तु हैं।
- इसमें Open (खुला रुधिर संवहनतंत्र ) होता है।
- इसका ह्रदय लंबा और संकुचन शील होता है।
- इसका पेशी तंत्र विकसित होता हैं।
- संवेदी अंग के रूप में दो रेटिना आँख के ऊपर पाया जाता है।
- EX:- cockroach, Butterfly
फाइलम इकाइनोजोआ (Phylum Echinodermata)
- इसके निम्नलिखित विशेषताएं है
- इकाइनोजोआ प्राणी समुद्री होते हैं । इन प्राणियों का शरीर का आकार गोल होता हैं।
- यह सिर्फ खारा पानी में पाया जाता है।
- यह बहुकोशिकीय ट्रिप्लोप्लास्टिक तथा सिलोमेंट जंतु है।
- इसका चमड़ा काटेदार होता हैं।
- इसमें अंतः कंकाल पाया जाताहै।
- यह अंगतंत्र स्तर वाला जंतु है।
- व्यस्क अवस्था में यह रेडियल (Redial symmetrical) होता है।
- इसका आहारनाल कुंकलित और पूर्ण होता है।
- इसमे उत्सर्जन अंग नहीं पाया जाता है।
- नर और मादा अजग – अलग होतेहै।
- इसमे अंतः निषेचन की क्रिया होती है।
- इसमें Regeneration (रिजेनेरेसन) की क्षमता अधिक होती है।
- इसमें Tube feet पाया जाता है।
- जो प्रचलन औरभोजन ग्रहण करने में मदद करता हैं।
- Ex :- Starfish , Antedm (with figura )
- संघ हेमीकाँडाँट ! (Phyllum hemichordata)
- यह वॉर्म (warm) समूहका समुद्री जंतु है। अर्थात् यह समुद्र के किनारे पाया जाता है।
- यह समुद्र के किनारे सुरंग बनाकर रहता है।
- प्रोबॉसिस (Proboscis)
- कॉलर (Collor)
- धर (Trunk)
- यह अंगतंत्र स्तर का जंतु हैं।
- इसमें शवसन की क्रिया Gills (गिल्स) के द्वारा होता है।
- यह बहुकोशिकीय , ट्रिप्लोष्लास्टिकऔर सिलोमेंट जन्तु है।
- इसका शरीर लंबा और बेलानाकार होता है।
- इसमें उत्सर्जी अंग प्रोबॉसिस होता है।
- इसमें मेल और फिमेलअलग-अलग होताहै।
- इसमें बाह्य निषेचन की क्रिया होती है।
- इसमें Open blood Curculation होता है।
- Ex :- बैलेनोग्लोसिस (Balanoglossus)
कॉर्डेट और नॉन-कॉर्डेट में अंतर लिखें।
कॉर्डेट | नॉन-कॉर्डेट |
नोडोकॉर्ड उपस्थीत। | नोडोकॉर्ड अनुपस्थित। |
पृष्ठीय नलाकार एत एकल केन्द्रीय तंत्रिकातंत्र। | पृष्ठीय जलाकार एवं एकूल केन्द्रीय तंत्रिका तत्र । |
हृदय आंतरिक | हृदय उपस्थित रहने से पृष्ठीय भाग में पाया जाता है। |
क्लोमंध्र द्वारा ग्रसणी मे छिद्र विधमान है। | क्लोमंध द्वारा ग्रसणी में छिद्र विधमान नही है। |
गुदा के पीछे पुच्छउपस्थित। | गुदा के पीछे पुच्छ अनुपस्थित । |
साइक्लोस्टोमेटा (Cyclostomata) क्या है?
- यह बाह्य परजीवी जन्तु हैं।
- यह समुद्र में रहत्ता है लेकिन अंडा देने के लिए मीठा पानी में आता है। तथा अंडा देने के बाद इसकीमृत्यु हो जाती है तथा इसका लार्वा विकसित होकर समुद्र में चला जाता है।
- यहGills के द्वारा श्वसन की क्रिया करता है इसमें लगभग 6 -15 जोड़ा gillsस्लाई होते है।
- इसका मुख गोला और नुकीला होता है। अर्थात जबड़ा अनुपस्थितहोता है।
- इसमे हृदय दो चेमबड़ का बना होता है।
- इसमें शल्क नहीं पाया जाता है।
- Ex: – पैट्रोमाइजॉन, मिक्सन ।
कॉन्ड्रीक्थीज या इलास्मोब्रेन्की क्या है?
- इसके निम्नलिखित विशेषताएँ है
- यह खाड़ा, पानी में पाया जाने वालामछलीहै।
- इसका शरीर छोटे – छोटे शल्को (dermal placed scales) देका होताहै।
- नोटोकॉर्ड आजीवन रहता है।
- यह श्वसन क्रिया गिल्स के द्वारा होता होता है।
- इसमें अंतः कंकाल (Indo skeleton) पाया जाताहै।
इसका हृदय दो भागों में बंटे होते है
- अलिंद,निलय
- इसके शरीर में बिजलीअंग होता है।
- Ex:- टारयेडो
- इसमें पॉवरफुल (Powerful) जबड़ा होता है।
- नर और मादा अलग- अलना होता है।
- इसमें अंतः निषेचन की क्रिया होती है।
- इसकी कुछ जातियों में विषैली कोशिका पाई जातीहै।
- इसमें वायुब्लेंडर (air bladder) अनुपस्थित होता है।
ओस्टेइक्थीज या टेलोओस्टीमाइ क्या है?
- इसके निम्नलिखित विशेषताएं हैं
- यह मीठा और खारा पानी में पाया जाने वाला मछलीहै।
- इसमें अंत: कंकाल पायी जातीहै।
- इसमें चार जोड़ा गिल्स पाया जाता है। जिसकी सहायता से यह शसन की क्रिया करता है।
- इसका शरीर टीनॉइड (cycloid) शल्कों दँका होता है।
- इसमें उपस्थित वायु ब्लाडर(air bladder) होता है।
इसका हृदय दो भागों में बेटा होता है
- अंलिद,निलय
- यह शीत रक्तीय (cold blooded) जंतु है।
- इसमे नर और मादाअलग- अलग होता है।
- इसमें बाह्य निषेचन की क्रिया होती है।
- यह अंडा देने वाला जंतु है।
एम्फिबिया (Amphibia) क्या है?
- इसके निम्नलिखित विशेषताएं है
- यह जलीय और स्थलीय जंतु है।
- इसका शरीर सिर उदर में बँटा होता है।
- यह शीत रक्तीय जंतु है।
- इसमें आहारनाल पेशाब की थैली तथा प्रजनन अंग ऐकली छिद्र में खुलताजिसे क्लोयका कहते है।
- यह श्वसन की क्रिया गिल्स के द्वारा(lungs) लग्स के द्वारा , त्वचा केद्वारा होता है।
- इसका हृदय तीन भागों में बँटा है
- दो अंलिद में,एक निलय में
- इसमे नर और मादाअलग- अलग होते है।
- इसमें बाह्य निषेचन की क्रिया होती है।
- यह अंडा देने वाला जंतु है।
- इसका शरीर मुलायमऔर चिकनाहोता है।
- इसके लाल रक्त कण में केन्द्रक पाया जाता है।
रेप्टिलिया क्या है ?
- इसके निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:-
- यह अनियततायी है ये सामान्यतः स्थलवासी है,लेकिन कुछ जलवासी है ये जमीन पर रेंगकर चलते है इस वर्ग को रेप्टिलिया कहते है।
- आहारनाल जननवाहिनीयॅा तथा मूत्रवाहिनियॅा एक ही क्लोएकल मार्ग द्वारा बाहरकी ओर खुलते है।
- हृदय में दो अंलिद (auricles), तथा में आशिक रूप विभाजित निलय होता है।
- इसके शरीर का चमड़ा रुखरा और सूखा हुआ होता क्योंकि इसमे ग्रंथियॅा नहीं पायी जाती है।
- यह शीत रक्तियां (cold blooded) जन्तु है।
- इसमें अंत: कंकाल पाया जाता है।
- इसका हृदय तीन चेम्मड़ में बँटा होता है।
- इसमे लाल रक्त कण पाया जाता है।
- नर और मादा अलग – अलग होते है।
- यह अंगतंत्र स्तर वाला जंतु है।
- इसमें अंत: निषेचन की क्रिया होतीहै।
- यह अंडा देने वाला जंतु है।
- इसमें लार्वा अवस्था नहीं होतीहै।
- Ex:- कछुआ,सर्प,छिपकली
एवीज क्या है ?
- यह नियत तापी जंतु है। (warm blooded )
- यह स्थलीय जंतु तथा हवा मे उड़ सकता है।
- इसका शरीर सिर, गर्दन, से ढँका होता है।
- इसका शरीर, पंख से ढँका होता है।
- इसका अग्रपाद पंख में रूपांतरित होता है।
- इसके जबड़े नही होते है बल्कि एक नुखिला चोंच होता है।
- इसके अँगुलियों में नाखुन होते है।
- इसका हृदय चेम्मड़ में बँटा होता है
- दो आंलिद,दो निलय
- इसमें अंत: कंकाल पाया जाताहै।
- इसकी हड़िया हल्का ,मुलायम , स्पांजी होता है।
- यह शवसन लग्स (lungs) के द्वारा होता है।
- इसमें नर और मादा अलग – अलग होता है।
- इसमें अंत: निषेचन की क्रिया होती है।
- यह अंडा देने वाला जंतु है।
- इसके घर से एक पूँछ लगी होती है।
- Ex :- बाज , मुर्गी , बतख