अवशोषण क्या हैं – What is Absorption
नमस्कार मेरे प्यारे छात्र /छात्रा arvindsirpatna.com किस वेबसाइट पर आपका एक बार फिर से बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम आपको विषय के बारे में बताने जा रहे जिसका नाम है अवशोषण क्या हैं। इसके बारे में आपको कक्षा 12वीं में और कक्षा 10वीं में जरूर सुना होगा और पढ़ा होगा परंतु यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज इस लेख आपके लिए खास होने जा रहा है। भौतिक रसायन कौन शाखा के अंतर्गत यह विषय में बताने वाले है। परीक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक होने के कारण आने से मै आपने लेख में शामिल किया हूँ।
आज हम महत्वपूर्ण प्रश्नों की बात करेंगे जो इस प्रकार है कि अवशोषण किसे कहते और क्या होता हैं अवशोषण का अर्थ क्या होता है , हम इसके प्रकारों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे जा रहे है मै एकदम अच्छा उदाहरण सहित आपको सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे। आपको बस हमारा यही लेख अंतिम तक पढ़ना है। इसके अतिरिक्त आप केमिस्ट्री के अन्य आर्टिकल्स को भी हिंदी में हमारी वेबसाइट से पढ़ सकते हैं। चलिए अब हम किसी प्रकार के देरी किए बिना शुरू करते हैं अपना आज का लेख अंतिम तक पढ़ना न भूलें।
अवशोषण क्या हैं? (Absorption Kya Hai?)
अवशोषण वह प्रक्रिया होती है जिसमें किसी पदार्थ के अणु या परमाणु किसी अन्य पदार्थ में समा या आंतरिक भाग में जाते हैं, अवशोषण कहलाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ के समान रूप से दूसरे पदार्थ के अंदर अणु या परमाणु वितरित होते हैं। उम्मीद करते है की आप अधिशोषण के बारे में सुना होगा। यह अधिशोषण से भिन्न है क्योंकि अधिशोषण में कोई पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ की केवल ऊपरी सतह पर चिपक जाता है, और कोई भी कण या पदार्थ दूसरे पदार्थ या कण के भीतर प्रवेश नहीं होता है। आशा करते हैं आपको समझ में आया होगा।
अधिशोषण को परिभाषित करें
अधिशोषण एक ऐसी घटना है जिसमें परमाणु, अणु या आयन के रूप में कण किसी अन्य पदार्थ की सतह पर एक पतली झिल्ली बनाते हैं जिस पर वह अधिशोषित हो जाता है। उनके संपर्क में आने पर ठोस सतह तरल या गैस के अणुओं को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
अधिशोषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषये
अधिशोषक किसे कहते हैं?
वह सतह जहाँ ये अधिशोषक चिपक जाते हैं, अर्थात् जहाँ अधिशोषण होता है, अधिशोषक कहलाता है। अधिशोषक के उदाहरण सिलिका जेल, एल्यूमिना जेल, सक्रिय चारकोल, ग्रेफाइट आदि हैं।
अधिशोष्य किसे कहते हैं?
वह पदार्थ जिसके कण (परमाणु, अणु या आयन) सतह पर चिपक जाते हैं, अधिशोष्य कहलाते हैं।
अवशोषक किसे कहते हैं?
जिस पदार्थ को किसी अन्य पदार्थ में सोखना या अवशोषित करना होता है, उसे अवशोषक कहते हैं।
शोषक किसे कहते हैं?
वह सतह जहाँ ये सभी कण अवशोषित होते हैं अवशोषित हो जाते हैं। संक्षेप में, यह एक ऐसी सामग्री है जो तरल को आसानी से अवशोषित कर लेता है जिसे अवशोषक के रूप में जाना जाता है।
अवशोषण के प्रकार
अधिशोष्य और अधिशोषक अणुओं के बीच बनने वाले बंधों के प्रकार के आधार पर अवशोषण को दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है: भौतिक अवशोषण और रासायनिक अवशोषण।
भौतिक आधिशोषण
यह एक आधिशोषण प्रक्रिया है जिसमें अवशोषित और शोषक के अणुओं के बीच कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। आधिशोषण के लिए कमजोर वान्डर वाल बल बंधन से बंधे होते हैं। उदाहरण के लिए, पानी में ऑक्सीजन गैस का अवशोषण।
रासायनिक आधिशोषण
यह एक आधिशोषण प्रक्रिया है जिसमें अवशोषित और शोषक के अणुओं के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है तथा रासायनिक बंधन से बंधे होते है ,रासायनिक अवशोषण का सबसे अच्छा उदाहरण भोजन का पाचन है।
अवशोषण और अधिशोषण में अंतर
यह दोनों शब्द एक दूसरे से काफी अलग है। और दोनों की परिभाषाएं में भी काफी अलग है। अधिशोषण और अवशोषण में अंतर निम्नलिखित हैं –
अधिशोषण | अवशोषण |
इसके अंतर्गत अधिशोषित होने वाले पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ पर जमा हो कर एक परत बना लेते हैं। यह एक परतीय प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया अधिशोषण की सतह पर ही पूर्ण रूप से घटित हो सकती है। | इसके अंतर्गत अवशोषित होने वाले पदार्थ दूसरे पदार्थ के संपूर्ण आयतन में एक समान रूप से फैला होता हैं। कहने का मतलब यह है कि अधिशोषित पदार्थ अधिशोष्य के ऊपर संपूर्ण भाग में समान रूप से वितरित होते हैं। |
शुरुआत में यह प्रक्रिया तेजी से चलती है अर्थात इस प्रक्रिया या अभिक्रिया का वेग तीव्र होता है परंतु जैसे-जैसे समय बीतता है इसकी गति मंद होते जाती है। | इसमें शुरू से लेकर अंत तक एक समान ही वेग रहता है और एक समान रूप से चलती रहती है। |
अधिशोषण की अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है क्योंकि अभिक्रिया के समय ऊष्मा का उत्सर्जन होता है। | अवशोषण की प्रक्रिया अभिक्रिया में ऊष्मा की आवश्यकता होती है अर्थात यह ऊष्माशोषी अभिक्रिया होती है। |
यह प्रक्रिया ताप के द्वारा प्रभावित होता है। | अवशोषण की अभिक्रिया ताप के द्वारा कभी भी प्रभावित नहीं होती है। |
अधिशोषण के उदाहरण जैसे कि सिलिका जेल पर अधिशोषण, चारकोल की सतह पर गैस का अधिशोषण होना आदि। | अवशोषण के उदाहरण जैसे कि रसगुला द्वारा पानी को अपने अंदर सोखना, पानी में कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करना आदि। |
दैनिक जीवन में अवशोषण के उदाहरण
हमारे दैनिक जीवन में अवशोषण के अनेक उदाहरण हैं।
- प्रकाश का अवशोषण एक बहुत ही सामान्य घटना है, जब सूर्य का प्रकाश घास पर पड़ता है, तो यह लाल, नारंगी, पीला, नीला, नील, और बैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है और केवल हरा रंग परिक्षित होता है। अतः घास का रंग हरा दिखाई देता है।
- एक काली सतह इसलिए दिखाई देती है क्योंकि यह सभी रंगों यानी लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, नील, और बैंगनी प्रकाश को अवशोषित कर लेती है।
- रसोई में गिरा दूध सूती कपड़ा से सोख लिया जाता है।
- कागज़ के पने से पानी में भिगोना अवशोषण का एक उदाहरण है।
- जब चॉक को स्याही में कुछ समय के लिए डुबाया जाता है तो यह अवशोषण के कारण स्याही का रंग कर लेता है।
- अवशोषण के कारण ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड पानी में घुल जाता हैं।
- पानी द्वारा अमोनिया गैस का अवशोषण
- रक्त द्वारा पचे हुए भोजन का अवशोषण हमारे शरीर में होता है और फिर भोजन से ये पोषक तत्व शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचाए जाता हैं।
- त्वचीय अवशोषण यानी त्वचा के माध्यम से सूर्य के प्रकाश का अवशोषण होता है।
निष्कर्ष
आज के लेख में आपने जाना की अवशोषण क्या होता हैं। अवशोषण के कितने प्रकार होते हैं अवशोषण और अधिशोषण में क्या अंतर है आपको हमारा आज का यह लेख पसंद आया होगा। टॉपिक से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।