ठोसों में चुम्बकीय गुण क्यों होते है? जानें

ठोसों में चुम्बकीय गुण क्यों होते है? विस्तर से जानें 

चुंबकीय गुण पदार्थों में उनके परमाणुओं और इलेक्ट्रॉनों की संरचना तथा गति पर निर्भर करता है। चुंबकत्व का मुख्य कारण निम्नलिखित कारकों से जुड़ा होता है:

1.इलेक्ट्रॉनों का स्पिन और गति

  • परमाणु के इलेक्ट्रॉन दो प्रकार की गति करते हैं:
  • स्पिन गति: इलेक्ट्रॉन अपने ही अक्ष पर घूमता है।
  • कक्षीय गति: इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर घूमता है।
  • ये गतियां छोटे-छोटे चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं। यदि एक परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के स्पिन और कक्षीय गति संतुलित नहीं होते, तो वह चुंबकीय गुण प्रदर्शित करता है।

2.परमाणु संरचना और इलेक्ट्रॉन कॉन्फ़िगरेशन

  • जिन तत्वों में अविवाहित (unpaired) इलेक्ट्रॉन होते हैं, वे चुंबकीय गुण दिखाते हैं।
  • जिन तत्वों में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित (paired) होते हैं, वे आमतौर पर गैर-चुंबकीय होते हैं।

ठोसों में चुम्बकीय गुण पाँच प्रकार के होते है –

1 अणुचुम्बकीय  

2 प्रति-चुम्बकीय

3 लौह-चुम्बकीय

4 प्रतिलौह-चुम्बकीय

5 फेरी चुम्बकीय

 अनुचुम्बकीय :- वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र से आकर्षित होते है ऐसे पदार्थ को अनुचुम्बकीय पदार्थ कहते है। जैसे –ऑक्सीजन ,Cr3+

प्रतिचुम्बकीय – वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र में ले जाने पर विपरीत दिशा में प्रबल रूप से आकर्षित होते है ऐसे पदार्थ को प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहते है। इस गुण को प्रतिचुम्बकीय गुण कहते  है।

जैसे-Nacl, H2O , Zn, Cu+

लौहचुम्बकीय — वे  पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र मे ले जाने पर प्रबल रूप से आकर्षित होते है ऐसे पदार्थ को लौह-चुम्बकीय गुण कहते है

जैसे – लोहा कोवाल्ट निकेल आदि

प्रति चुम्बकीय –वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र मे ले जाने पर विपरीत दिशा मे प्रबल रूप से आकर्षित होती है ऐसे पढ़ार्थ को प्रति लौह-चुम्बकीय पदार्थ कहते है इस गुण को लौह-चुम्बकीय गुण कहते है

जैसे –MnO2

फेरीचुम्बकीय- वे पदार्थ जो चुम्बकीय क्षेत्र में ले जाने पर लौह चुम्बकीय की तुलना में चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बल रूप से आकर्षित होती है ऐसे पदार्थ को फेरी चुम्बकीय पदार्थ कहते है तथा इस गुण को फेरी चुम्बकत्व का गुण कहते है।

जैसे- Fe3O4 ,MgFe2O4

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