घोल किसे कहते हैं और घोल कितने प्रकार के होते हैं?

घोल किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होता हैं? Solution in Hindi medium

हैलो मेरे प्रिय स्टूडेंट आपका स्वागत है हमारे इस Chemistry  के नए आर्टिकल में। आज हम  आपको यहां यह बताने वाले है की घोल किसे कहते हैं? हमारे दैनिक जीवन में हम बहुत से द्रव देखते हैं, परंतु हमें केमिस्ट्री के बारे में बहुत कम जानकारी होता  है। उदाहरण के लिए जल और चीनी के तैयार किया गया मिश्रण शर्बत कहलाता है परंतु यह घोल बनने की प्रक्रिया और इसके अंदर छिपी बहुत सारी राज होता है, जो हमारी जानकारी में नही होता हैं। ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारियों को आज हमने अपने इस लेख में बताने वाले है। आज हम इस अभिलेख के अंदर आपको बताएंगे कि घोल किसे कहते हैं या Solution Kya hota Hain? विलायक क्या समझते हैं? विलेय से आपका क्या होता है? घोल के कितने प्रकार के होते हैं? कोलाइडी घोल क्या कहते हैं? बफर विलियन का क्या अर्थ होता है? ऐसे ही बहुत महत्व प्रश्न का उत्तर आपको मिलने वाला है हमारे आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

रसायन विज्ञान में घोल किसे कहते हैं?

What is Chemical Solution in Hindi?

जब दो या दो से अधिक पदार्थों को आपस में एक समांगी मिश्रण  बनाया जाता है तो उसे वह  घोल कहलाता हैं। घोल में उपस्थित अवयवों के संगठनों को एक निश्चित सीमा तक ही परिवर्तन किया जा सकता है। चूंकि घोल समांगी मिश्रण होता है तो इस में उपस्थित अवयवों को किसी भौतिक विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है।किसी घोल में दो समांगी पदार्थ मिले होते हैं तो घोल को द्वि अंगी घोल कहते हैं और यदि किसी घोल में तीन अवयव हो तो वह त्रि-अंगी घोल कहलाता है। घोल की परिभाषा एक इस प्रकार भी होता है: जब ऐसे दो पदार्थ आपस में मिलाया जाए जो परस्पर अभिक्रिया ना करें और समांगी मिश्रण बनाया जाता है तो उस मिश्रण  को घोल कहा जाता है। Solution Ka Matlab hindi में घोल होता है

विलायक क्या हैं?

घोल में जिस घटक या अवयव की मात्रा अधिक होती है उसे विलायक कहते हैं। इसमें विलेय को घोला जाता है। विलेय की मात्रा विलायक से कम होती है।

विलेय क्या है?

घोल का वह अवयव जो कम मात्रा में उपस्थित होता है,विलेय या घूल्य कहलाता है।आइए हम  इन्हे अब उदाहरण से समझें:

नमक पानी  नमक पानी के अंदर नमक घुली हुआ होता है। यह एक समांगी मिश्रण तैयार करते हैं, अर्थात घोल बनाते हैं।

चीनी और पानी  चीनी विलेय और पानी विलायक के रूप में कार्य करता है। चीनी और जल के घोल को सत्य घोल कह सकते हैं।

वायु  पृथ्वी के चारों  ओर उपस्थित जो वातावरण है वह कई गैसों का मिश्रण होता है।

घोल के कितने प्रकार होता हैं?

हम अब अपने आर्टिकल घोल किसे कहते हैं घोल के प्रकारों का वर्णन करेंगे। घोल की भौतिक  विशेषताओं के आधार पर इन्हे निम्नलिखित भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है–

ठोस घोल(Solid Solution)

वे घोल जिसमें विलायक ठोस अवस्था में और विलेय ठोस हो तो उसे, ठोस घोल कहलाता है।

द्रव घोल(Liquid Solution)

वे घोल जिनमें विलायक द्रव अवस्था में होता है और विलेय द्रव, गैसीय अवस्था में उपस्थित हो, द्रव घोल कहलाता है।उदाहरण- जल और चीनी का घोल

गैसीय घोल(Gaseous Solution)

वे घोल जिनमे विलायक और विलेय दोनो ही गैसीय अवस्था में पाए जाता हैं, गैसीय घोल कहलाते हैं। इनमें खास बात ये होती है की ये किसी भी अनुपात में मिल जाते हैं और स्वतंत्र रूप से विचरण का सकते हैं।गैसीय घोल का सबसे अच्छा उदाहरण है वायु(हवा)।

विलेय की मात्रा के आधार पर घोल को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया गया है

सांद्र घोल(Concentrated solution)

वैसे घोल जिसमें में विलेय की मात्रा अधिक हो और घोल गाढ़ा प्रतीत हो तो इस प्रकार के घोल को सांद्र घोल कहलाता हैं।

तनु घोल(Dilute Solution)

वैसे घोल जिसमें में विलेय की मात्रा बहुत कम हो और घोल पतला प्रतीत हो तो ऐसे घोल को तनु घोल कहलाता हैं।

संतृप्त घोल(Saturated Solution)

वैसे घोल जिसमे एक नियत ताप पर विलेय की और अधिक मात्रा नही घोला जा सकता है, संतृप्त घोल कहलाता है। अर्थात कहने का मतलब यह है जिस घोल में विलेय को घोलने की और अधिक क्षमता न हो ऐसे घोल संतृप्त घोल कहलाते हैं तथा इसे saturated solution भी  कहते हैं।

असंतृप्त घोल(Unsaturated Solution)

वैसे घोल जिनमे विलेय की घुली मात्रा संतृप्त मात्रा से कम होता है, असंतृप्त घोल कहलाता हैं। असंतृप्त घोल को अंग्रेजी में unsaturated solution कहलाता हैं।

घोल की विशेषताएं जानें

हमारे इस आर्टिकल में  घोल किसे कहते हैं अब हम घोल की विशेष बातों के बारे में चर्चा करने वाले है। घोल की विशेषताएं इस प्रकार हैं –

  • घोल एक समांगी मिश्रण है, इसके घटकों को भौतिक विधियों के पृथक करना संभव नहीं है।
  • घोल की अवस्था  एक समान रहती है।
  • घोल दो चीजों से मिलकर बना होता है जिन्हें विलेय तथा विलायक कहा जाता हैं।
  • घोल में प्रकाश का मार्ग देखने को नही मिलता। अर्थात कहनें का मतलब यह है की प्रकाश का मार्ग घोल में दृष्टिगोचर नहीं होता है।
  • घोल के जो भी गुणधर्म होते हैं, वे सभी घोल में उपस्थित अवयवों के गुणधर्म के बराबर ही होता हैं। अर्थात घोल के गुणधर्म उसके अवयव के समानुपाती होता हैं।
  • घोल के कणों का आकार बहुत छोटा होता है। लगभग 1nm से भी कम व्यास के कण घोल में उपस्थित होते हैं।

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कोलाइडी घोल क्या होता हैं? What is Colloidal Solution Hindi?

वैसे घोल जिसमें विलेय का त्रिज्या 1nm से 100nm के बीच होता है इस प्रकार के घोल को कोलाइडी घोल कहलाता है अर्थात कोलाइडी घोल में कोलाइडी कण का त्रिज्या छोटा होता है।इस प्रकार के घोल में विलायक तथा विलेय को आसानी से अलग-अलग नहीं कर सकते है।कोलाइडी घोल को ही सॉल(sol) कहा जाता है। यह कण फिल्टर पेपर को तो आसानी से पार कर जाते हैं परंतु प्लाज्मा झिल्ली को पार नहीं कर पाते हैं।

फर घोल किसे कहते हैं? What is Buffer Solution?

वैसे घोल जिनमें थोड़ी मात्रा में अम्ल और क्षार मिला देने पर उनके pH मान में तनिक सा भी फर्क नहीं पड़ता है तो इस प्रकार के घोल को वफर घोल कहते हैं। यह कहने का तात्पर्य यह है कि इन घोल के PH का मान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

इस लेख का निष्कर्ष

आज हमनें जाना कि घोल किसे कहते हैं? साथ में ऐसे बहुत महत्वपूर्ण प्रश्नों को भी जाना जो प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत पूछे गया हैं। जैसे की, कोलाइडी घोल किसे कहते हैं?आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद यदि अभी भी आपका कोई प्रश्न बाकी रह गया होगा हो तो आप इस लेख के अंत में कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं या यदि भी कोई प्रश्न पूछ सकते हैं।

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