मोनोसैकेराइड , डाइ‌सैकेराइड , पालीसैकेराइड से आप क्या समझते है ?

Table of Contents

मोनोसैकेराइड :-

ये सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट्स है इन्हे जल अपघाटन व्दारा अधिक साल कार्बोहाइ‌ड्रेटो में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है इनका सामान्य सूत्र CnH2nOहै जहाँ म का मान 1 से 10 तक हो सकता है ये क्रिस्टलीय ठोस है जल मे अधुनशील और स्वाद मे मीठे होते है ये दो प्रकार के होते है।

(i) ऐल्डोस (ii) कीटोस

 डाइ‌सैकेराइड :-

ये वे शर्करा है जो मोनोसैकेराइड के दो अणुओ के संयुक्त होने पा जल के एक अणु के निष्कर्षण द्वारा वनता है दोनो मोनोसैकेटराइड प्रायः हेक्सोस होते है तथा उनमें से एक अणु ग्लू‌कोस होता है।डाइसैकेटराइड का अणुसूत्र C12H22O11 है।

उदाहरण – सुक्रोस, माल्टोस।

पालीसैकेराइड:-

 ये वे सैकेराइड है जो जल अपघटन के पश्चात मोनोसैकेराइड के n अणु देते है ये रंगहीन तथा स्वादहीन होते है इनका अणुसूत्र Cn(H10O5) होता है।

उदाहरण – स्टार्च, सेल्युलोज । 

प्रश्न- न्यू‌विलओसाइड तथा न्यू‌क्लिओटाइड से आप वया समझते है।

उत्तर – न्यूक्लिओसाइड जब कोई प्यूरीन या पाइ‌रामिडीन वेस पेण्टोस शुगर अणु के साथ जुड़ जाता है तो इसे न्यू‌क्लिओसाइड कहते है।

Base + Sugar  –>  Nucleoside

न्यूविलओटाइड :-  यह न्यूक्लिओसाइड का फास्फेट  एंस्टर है।

 

प्रश्न – कार्बोहाइड्रेट क्या है मोनो डाई तथा चालीसैकेराइडो को उदाहरण सहित समझाइए ।

कार्बोहाइड्रेट :-

वे पदार्थ जो पालीहाइ‌दाक्सी ऐलिहाइड या पालीहाइ‌ड्राक्सी कीटोन है अथवा वे जो जल-अपघटन के पश्चात ये यौगिक देते है कार्बोहाइड्रेट्स कहलाते है कार्बोहाइड्रेटस को जल अपघटन के आधार पर तीन भागो मे वर्गीकृत किया गया है। 

प्रश्न – डाइ‌सैकेराइट क्या है किसी सामान्य डाइसैकेराइड आ अणुसूत्र लिखिए ।

उत्तर – डाइ‌सैकेराइट वे शर्करा है जो मोनो सैकेराइड के दो अणुओं के संयुक्त होने पर जल के एक अणु के निष्कर्षण द्वारावनते है दोनो मोनोसैकेराइट प्रायः हेक्सोम होते है तथा उनमें से एक ग्लूकोस होता है इस प्रकार ऐडोस – ऐल्डोस तथा ऐलोस – कीटोस प्रकार के डाइ‌सैकेटराइट पाये जाते है इन डाइसैकटराइट का अणुसूत C12H22O11 होता है ।

उदाहरणार्थ- सुक्रोस, माल्टोस. लैक्टोस आदि ।

प्रश्न – सुक्रोज और माल्टोज के पाइरानोस संरचना दीजिए।

स्ड्रगेज- स्कूगेज में दो मोनोसैकेराइड अणु परस्पर ग्लाइकोसाइडिक वन्ध के हो व्दारा जुड़े होते है जो 9- ग्लूकोस के C1 तथा B – फ्रक्टोस के C2 के मध्य जुड़ा होता है।

माल्टोज :-

माल्टोज का एक अणु ग्लु‌कोज के दो अणुओ के संघनन से वनता है।

प्रश्न – प्रोटीन की संरचना स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – प्रोटीन के अनु का निर्माण एमीनो अम्लो से होता है प्रोटीन भणु एमीनो अम्ल के रैखिक वहुलक होते है इनकी संम्पूर्ण सस्चना चार पर्दो में निर्धारित की जाती है

(1) प्राथमिक संरचना :-

इसमें प्रोटीन की पालीपेप्टाइड श्रंखला में विधिन्न एमीनो अम्लो के परस्पर जुड़ने के क्रम का ज्ञान होता है।

(2) व्दितीयक संरचना :-

यह प्रोटीन की पेप्टाइड श्रंखलाओ के संरूपण का ज्ञान कराती है।

(3) तृतीयक सोचना :-

• इससे यह ज्ञान होता है कि प्रोटीन अणु किस प्रकार मुड़‌कर एक विशिष्ट आकृति प्राप्त कर लेता है।

(4) चतुर्थ संस्चना :-

इससे यह पता चलता है कि दो पालीपेप्टाइड श्रखलाएँ एक दूसरे के सापेक्ष किस प्रकार व्यवस्थित है।

प्रश्न – प्रोटीन की संस्चना में पेप्टाइड लिंक का वनना स्पष्ट कीजिए ।

ऐमाइड वन्ध :-

प्रोटीन एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है जो विभिन्न अमीनो के आपस में संयुक्त होने से वनता है एक अमीनो अम्ल का कार्बोविसलिक समू‌ह दूसरे अमीनो अम्ल के अमीनो समूह से संयोग करके ऐमाडड वन्ध वनाता है।

प्रश्न-   पालिसैकेराइड क्या है इनके दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर – पालिसैकेराइट प्राकृतिक वहुलक है जिनका आविक द्रवमान कुछ हजार से कई लाख तक होता है इनका सामान्य सूत्र (C6H10O5) है जिसमे n का मान 12 से कई हजार तक होता है ये अत्यन्त जटिल पदार्थ है यह मोनो सैकेटराइट के संघनन वहुली करण द्वारा वनते हैं ग्लाइ‌को साइडिक वन्ध पाया जाता है पालीसैकेटा इडो के दो प्रमुख उदाहरण स्टार्च एवं सेल्युलोस है।

प्रश्न- इन्वर्ट शर्करा किसे कहते है।

उत्तर – शर्करा दक्षिण ध्रुवण धुर्वक (041+] होता है पान्तु जल – अपघटन पर दो मोनोसै केराइडो के एक सम- अणुक मिश्रव होता जोवाम ध्रुवण धुर्वक हो जाता है अतः प्राप्त ग्लु‌कोज और फ्रक्टोस का मिश्रण इन्वर्ट शर्करा कहलाता है।

                                     C12H22O11 + H2O –H+-> C6H12O6 + C6H12O6

प्रश्न – प्रोटीन की कमी से कौन सा रोग होता है व इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर – प्रोटीन के कमी से होने वाले रोग –

(1) एनीमिया –

मुख्य में हीमोग्लोवीन नामक प्रोटीन की कमी से यह रोग होता है। इसमे रोगी के शटीर मे रक्त की कमी होने से चक्कर आना, शरीर पर झुर्रियों पड़ जाना आदि परिलक्षित होती है।

(2) क्वाथियोरकर –

यह रोग मुख्यतः बच्चों में पाया जाता है इसमें रोगो की शरीर सूजका वेडौल हो जाता है।

प्रश्न-  कार्बोहाइड्रेट को परिभाषित कीजिए ।

उत्तर – वे पदार्थ जो जल, हाइड्राक्सी ऐल्डिहाइड या पाली हाइड्राक्सी कीटोन है अथवा वे पदार्थ जो जन अपघटित होने पर ये यौगिक देते है कार्बोहाइट्रेट कहलाते है।

प्रश्न- विटामिन C का रासायनिक नाम, स्त्रोत सूत्र त‌था इसकी कमी से उत्पन्न रोग नाम लिखिए ।

उत्तर – विटामिन एका रासायनिक नाम ऐस्कार्बिल अम्ल विटामिन C के स्त्रोत – संतरा, नीबू, आँवला, टमाटर विटामिन के कमी से होने वाले रोग – स्कर्वी, पार्यारया हड़ियो का कमजोर होना ।

विटामिन  C का सूत्र      C6H8O6

DNA तथा RNA में महत्वपू‌र्ण संरचनात्मक एवं क्रियात्मक अंतर लिखिए ।

                                     DNA   

                                             RNA

1. इसकी व्दि – हैलिक्स संरचना होती है।

2. यह डी- आक्सीराइबोस शर्करा है।

3. इसके पायरीमिडीन क्षार मे मुख्य थायमीन होता है। 

4. यह साधारणतः नाथिक मे पाया जाता है।

5. यह पैतृक गुणो के वाहक के रूप में कार्य करता है।

6. प्रत्येक DNAएक याएक से अधिक एन्जाइम के कार्य का निर्देशन करता है।

 

इसकी एकल – हैलिक्स संरचना होती है। 

यह राइबोस शर्करा है।

इसमें थायमीन के स्थान पर यूरेसिल होता है।

यह साइटोप्लाज्म व क्रोमोसोम मे पाया जाता है।

यह मुख्य रूप से प्रोटीन के निर्माण का कार्य करता है।

यह केवल सन्देशवाहक का कार्य करता है।

प्रश्न – विटामिन A व C हमारे लिये आवश्यक क्यो हैं इनके महत्वपूर्ण स्त्रोत दीजिए । 

उत्तर- विटामिन A – ये हमारे लिये आवश्यक होते है क्योकि इनकी कमी से रतौंधी तथा जी टोक्नैल्मिया का कारण वनती है।

स्त्रोत- गाजर, दूध, मक्खन, मछली के यकृत का तेल अंडे का योग पीली व हरी सब्जियाँ ।

विटामिन – ये हमारे लिये आवश्यक होते है क्योकि इनकी कमी के कारण स्कर्वी दाँतो का टूटना, पाहरिया इत्यादि होता है।

स्त्रोत- नींव, संतरा, आँवला, टमाटर, भालू, तथा हरी पत्तेदार सब्जियाँ ।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top