नाइट्रिक अम्ल क्या है, लैब विधि, ओस्टवाल्ड विधि, भौतिक एवं रासायनिक गुण, उपयोग के बारें में पूर्ण जानकारी
नाइट्रिक अम्ल (Nitric Acid)
नाइट्रिक अम्ल का निर्माण सर्वप्रथम वैज्ञानिक ग्लॉबर ने शोर तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के मिश्रण को गर्म करके बनाया था। जिसके कारण ही नाइट्रिक अम्ल को शैरे का अम्ल के नाम से भी जानते हैं।
नाइट्रिक अम्ल बनाने की विधि
नाइट्रिक अम्ल को कई निमं विधियों द्वारा बनाया जाता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विधि ओस्टवाल्ड विधि है। इसी विधि द्वारा नट्रिक अम्ल का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है? यह बोर्ड परीक्षाओं में हरेक साल पूछे जाते है।इसे लैब में भी बनाया जा सकता है।
लैब विधि
लैब में नाइट्रिक अम्ल का निर्माण कांच के रिटार्ट में साढ H₂SO₄ तथा NaNO3 अथवा KNO3 को गर्म करके किया जाता है।
KNO3 +H₂SO4→ NaHSO4
नाइट्रिक अम्ल इस विधि से निम्न स्तर पर नाइट्रिक अम्ल बनाया जाता है औद्योगिक स्तर पर नाइट्रिक अम्ल ओस्टवाल्ड विधि द्वारा बनाया जाता है।
नाइट्रिक अम्ल ओस्टवाल्ड विधि द्वारा इस प्रकार है-
नाइट्रिक अम्ल का उत्पादन जिस विधि द्वारा बड़े पैमाने पर बनाया जाता है उसे औद्योगिक विधि कहते है। सर्वप्रथम ओस्टवाला विधि द्वारा बनायी जाती है। जिस कारण इसे नाइट्रिक अम्ल बनाने की औद्योगिक विधि भी कहते हैं।
ओस्टवाल्ड विधि द्वारा नाइट्रिक अम्ल निमं चरणों में पूर्ण होता है-
सिद्धांत-जब अमोनिया का उत्प्रेरक की ऑक्सीकरण किया जाता है,त नाइट्रिक अम्ल बनाता है। जब अमोनिया और हवा के मिश्रण 1:7.5 में लेकर 700C पर पैलटीनम(Pt) उत्प्रेरक के ऊपर प्रावहित किया जाता है।
NH3 + 5O2 →4NO + 6H2O+216.4K
अब नट्रिक आक्साइड ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजनडाइआक्साइड(NO2) में बदल जाता है।
NO + O2 → 2NO2
अब नाइट्रोजनडाइआक्साइड(NO2) से जल प्रवाहित करने पर नाइट्रिक अम्ल बन जाता है।
NO2 + 2H2O → HNO3 + NO
चूंकि यह प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी एवं उत्क्रमणीय है अतः ले-शतलीय सिद्धांत के अनुसार निमं ताप पर NO का उत्पादन अधिक होगा परन्तु इसे निमं तापक्रम पर प्रतिक्रिया की अधिक होगा परन्तु इस निमं तापक्रम पर प्रतिक्रिया की गति धीमी होती है अतः प्रतिक्रिया में तेजी लाने के लिए Pt उत्प्रेरक का प्रयोग किया जाता है।
नाइट्रिक अम्ल के भौतिक गुण
- नाइट्रिक अम्ल रंगहीन, गंधहीन द्रव है। इसका आपेक्षिक घनत्व 1.81 है।
- यह जल में पूर्णतः रूप से विलेय है।
- त्वचा पर इसका प्रभाव अत्यंत घातक होता है। यह त्वचा पर फफोले डाल देती है।
नाइट्रिक अम्ल के रासायनिक गुण
अपघटन
यह सामान्य ताप पर प्रकाश की उपस्थिति में धीरे-धीरे अपघटित होकर भूरे रंग की गैस NO2 बनाता है।
4HNO3 → 4NO2 + O2 + 2H2O
अम्लीय प्रकृति
यह क्षारों के साथ क्रिया करके नाइट्रेट लवण बनाता है।
HNO3 + H2O→ NO + H3O
ऑक्सीकारक गुण
HNO3 एक प्रबल ऑक्सीकारक है चूंकि यह वियोजित होकर नवजात ऑक्सीजन देता है।
2HNO3 →H2O + 2NO2 + नवजात ऑक्सीजन [O]
नाइट्रिक अम्ल के उपयोग
- नाइट्रिक अम्ल का प्रमुख उपयोग उर्वरकों बनाने में जैसे अमोनियम नाइट्रेट में किया जाता है।
- लैब में अभिकर्मक के रूप में तथा इसे अम्लराज(aqua regio) बनाने में।