नायलॉन क्या है?परिभाषा, उपयोग, सूत्र तथा गुण

नायलॉन की परिभाषा (नायलॉन क्या है?)

हमारे दैनिक जीवन में नायलॉन का उपयोग हमेशा होता ही रहता है आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि नायलॉन का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कहाँ-कहाँ होता है। नायलॉन एक कृत्रिम बहुलक है जिसे रासायनिक विधियों के द्वारा प्राप्त किया जाता है। नायलन जिसे Polyamide कहा जाता है। इसकी मजबूती, टिकाऊपन, जल्दी सूखना प्रतिरोधकता आदि गुणों के कारण इसे जादुई रेशा (Magic Fibre) कहा जाता है। नायलॉन एक विशेष शब्द है जिसे रासायनिक यौगिको के समूह के लिए दिया गया है। इसे Polyamide नाम से वर्गीकृत किया जाता है। संघीय व्यापार आयोग (FTI) की परिभाषा के अनुसार, नायलॉन एक लम्बी श्रंखला वाला संश्लेषित Polyamide बहुलक है। जिसमे 85 प्रतिशत से कम एमाइड श्रंखला दो एरोमैटिक रिंग से जुड़ा होता हैं।

नायलॉन का रासायनिक सूत्र = (C12H22N2O2)n

नायलॉन की खोज किसने किया

नायलॉन की खोज ई. आई. ड्यू . पोंट डी. नीम्यूरस एंड कम्पनी के विज्ञानी डॉ वेलेस एचकेरोथर्स तथा उनके साथियों ने की थी। इन्होने वर्ष 1935 में बहुलीकरण द्वारा लीनियर पॉलीमेर बनाकर नायलोन का रेशा प्राप्त किया था। शुरू में इसको Nylon -6.6 पॉलीमर के नाम से जाना जाता था। क्योंकि इसके दोनों घटक हेक्सामेथिलिन-डायमीन और एडिपिक एसिड के प्रत्येक अणु में कार्बन के 6 परमाणु होते हैं। नायलॉन नाम इसे बाद में दिया गया था।

नायलॉन रेशे का निर्माण कैसे हुआ

ऊपर के लेख में हमने आपको नायलॉन क्या होता है? नायलॉन की परिभाषा क्या है? तथा नायलॉन की खोज किसने किया था, इसके बारे में बताया अब हम आपको नायलॉन रेशे के निर्माण के बारे में बतलाया हैं। नायलॉन रेशे का निर्माण निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है।

  • नायलॉन के रेशे का निर्माण के लिए ऑक्सीजन,हाइड्रोजन (H), नाइट्रोजन एवं कार्बन (C) को निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है। यह अनुपात कितना और कैसा होगा वह बनाए जाने वाले रेशे की प्रकृति पर निर्भर करता है।

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