ऑक्सीकरण की परिभाषा
जब किसी अभिक्रिया में किसी यौगिक या तत्व के साथ ऑक्सीजन या ऋणविद्धुती तत्व का संयोग होता है, या अभिक्रिया में यौगिक या तत्व से हाइड्रोजन या धन विद्धुती तत्व का त्याग होता है, तो ऐसी अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जब कोई पदार्थ किसी विद्धुत-ऋणात्मक तत्व अथवा ऑक्सीजन के साथ संयोग होता है तो इस अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
इस अभिक्रिया को उपचयन अभिक्रिया भी कहा जाता हैं। वायुमंडल में लगभग 20 % डाई-ऑक्सीजन (O2)पायी जाती है जिसके कारण अधिकतर तत्व इससे संयोग कर लेते हैं। इस अभिक्रिया का सबसे अच्छा उदाहरण हैं जब कार्बन को वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है तो यह ऑक्सीजन से संयोग करके कार्बनडाई ऑक्साइड गैस बनाती है।
ऑक्सीकरण अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण
दोस्तों हम आप को बता चुके हैं कि ऑक्सीकरण किसे कहते हैं? तथा उसकी क्या परिभाषा होती है? अब हम आपको ऑक्सीकरण अभिक्रिया की रासायनिक समीकरण के बारे में बताएँगे।
- जब सल्फर की अभिक्रिया ऑक्सीजन से कराई जाती हैं तो सल्फर,सल्फर डाई-ऑक्साइड प्राप्त होता है।
S + O2 = SO2
- कार्बन का ऑक्सीकरण कराने
C + O2 = CO2
- Mg का ऑक्सीकरण
Mg + Cl2 = Mgcl2
- पोंटाशियम का ऑक्सीकरण
2K + Cl2 = 2KCl
- सल्फर का ऑक्सीकरण
2H2S + O2 = 2S + 2H2O
- क्लोरीन का ऑक्सीकरण
PbCl2 + 2FeCl3 = PbCl4 + 2FeCl2
- कार्बन का ऑक्सीकरण
CH4 + O2 = C + 2H2O
- मैग्नीसियम का ऑक्सीकरण
2Mg + O2 = 2MgO
रसायनशास्त्रीयों को प्रेरणा मिली कि हाइड्रोजन के निकलने को ऑक्सीकरण कहा जाए। इस प्रकार पदार्थ से हाइड्रोजन के निकलने को भी ऑक्सीकरण कहते हैं। निम्नलिखित अभिक्रिया में भी हाइड्रोजन का निकलना ऑक्सीकरण का उदाहरण इस प्रकार है-
2H2S + O2 = 2S + 2H2O
जैसे जैसे रसायनशास्त्रीयों के बुद्धि में वृध्दि होती गयी वैसे – वैसे वह अभिक्रिया जिसमें ऊपर लिखी अभिक्रिया शामिल है, में ऑक्सीजन को छोड़कर अन्य ऋणविद्धुती तत्वों का संयोग होता है, उनको भी वह ऑक्सीकरण कहने लगे। उदाहरण के लिए कुछ अभिक्रियाएँ निम्नलिखित प्रकार से हैं।
- Al का ऑक्सीकरण फ्लोरीन द्वारा
Al (s) + F2 (g) = AlF3 (s)
- Al का ऑक्सीकरण क्लोरीन द्वारा
Al(s) + Cl2 (g) = AlCl3 (s)
- Al का ऑक्सीकरण सल्फर द्वारा
Al(s) + S (s) = Al2S3 (s)
उपर लिखी तीनो अभिक्रियाओं को ऑक्सीकरण अभिक्रिया समूह में शामिल करने पर रसायनशास्त्रीयों को प्रेरणा मिली तब वे हाइड्रोजन जैसे अन्य धनविद्धुती तत्वों के निकलने को भी ऑक्सीकरण कहलाने लगे। इस प्रकार से नीचे लिखी अभिक्रिया है –
2K4[Fe(CN)6] (aq) + H2O2 (aq) = 2K3[Fe(CN)6] (aq) + 2KOH (aq)
में धनविधुती तत्व पोटेशियम के हटने के कारण पोटेशियम फेरोसायनाइड का ऑक्सीकरण कह सकते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि किसी पदार्थ में ऑक्सीजन या ऋणविधुती का जुड़ना तथा हाइड्रोजन या धनविधुती तत्व का हटना ऑक्सीकरण कहलाता है।
अथवा
किसी परमाणु , अणु , या आयन से एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं।
- Na = Na+ + e– (Na का Na+ में ऑक्सीकरण)
- H2 = 2H+ + 2e– (H2 का H+ में ऑक्सीकरण)
- Fe++ = Fe+++ + e– (Fe++ का Fe+++ में ऑक्सीकरण)
- 2Cl– = Cl2 + 2e– (Cl– का Cl2 में ऑक्सीकरण)
अथवा
किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि होना उसका ऑक्सीकरण कहलाती है।
- FeCl2 + HgCl2 = FeCl3 + HgCl (FeCl2 का FeCl3 में ऑक्सीकरण हुआ है)
ऑक्सीकरण संख्या (Oxidation Number)
किसी यौगिक में किसी एक तत्व के एक परमाणु पर उपस्थित आवेश की संख्या ऑक्सीकरण संख्या कहलाता है। ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात करने के लिए नियम निम्नलिखित हैं।
- मुक्त अवस्था में किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है। उदाहरण- H2 , N2 , O2 , Cl2 , NH3 , H2O ,CO2 आदि की ऑक्सीकरण संख्या 0 होती है।
- किसी आयन या मूलक की ऑक्सीकरण संख्या उसमे उपस्थित आवेश की संख्या के बराबर होती है। उदाहरण- Cl– , O— , N— , Na+ , Fe++ , Cr+++, NH4+ , SO4— , PO4— की ऑक्सीकरण संख्या क्रमशः -1, -2, -3, +1, +2, +3, +1 , -2, -3 हैं।
- क्षार धातु की ऑक्सीकरण संख्या 1 और मृदा क्षार धातु की ऑक्सीकरण संख्या 2 होती है। क्षार धातुएँ Li , Na , K , Rb, Cs होती हैं, तथा मृदा क्षार धातुएँ Be , Mg , Ca , Sr , Ba होती हैं।
- सभी यौगिक में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है। लेकिन यदि हाइड्रोजन प्रबल धनविधुती तत्वों के साथ जुड़ा होता है, तब उसकी ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है। NaH , KH , CaH2 , MgH2 में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है।
- सभी यौगिक में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -2 होती है। लेकिन पर-ऑक्साइड में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण -1 और सुपर ऑक्साइडो में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -1/2 तथा OF2 में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या +2 होती है।
- सभी यौगिक में फ्लोरीन की ऑक्सीकरण संख्या हमेशा -1 होती है। लेकिन Cl , Br ,I की ऑक्सीकरण संख्या ऋणविधुती तत्वों के साथ धनात्मक होती है।
- किसी यौगिक में उपस्थित सभी तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या का योग हमेशा शून्य होता है।
हम निम्नलिखित यौगिक की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात जाने।
- KMnO4
माना की KMnO4 में Mn की ऑक्सीकरण संख्या = X
+1 + X +(-2)x4 = 0
1 + X – 8 = 0
X – 7 = 0
X =7 (अतः KMnO4 में Mn की ऑक्सीकरण संख्या 7 होता है)
- K2Cr2O7
माना की K2Cr2O7में Cr की ऑक्सीकरण संख्या = X
(+1)2 + 2X + (-2)7 = 0
2 + 2X – 14 = 0
2X – 12= 0
2X =12
X =12/2
X = 6 (अतः K2Cr2O7में Cr की ऑक्सीकरण संख्या 6 होता है)