पारा के मुख्य अयस्कों का नाम लिखें। पारा को इसके अयस्क से निष्कर्षण की अभिक्रिया को लिखें।
पारा का मुख्य अयस्क सिनेबार होता है।इसी अयस्क के द्वारा पारा का निष्कर्षण बड़े पैमाने किया जाता है जो निम्नलिखित चरनाओ में पूर्ण होता है-
सांद्रण– सिनेबार अयस्क के महीन चूर्ण का सांद्रण फेन उत्प्लावन विधि से किया जाता है।
फेन उत्प्लावन विधि-इस विधि द्वारा सल्फाइट अयस्क का सन्दण किया जाता है। इस विधि में सर्वप्रथम अयस्क का महीन चूर्ण कर लिया जाता है तथा इसे ही पानी से भरे एक वीकर में घुला दिया जाता है। विकर में वायु प्रवेश के लिए एक पम्प डाल दिया जाता है तथा इसमें तारपीन तेल की कुछ बूंदें डाल दी जाती है।सारी प्रक्रियाएँ पूर्ण होने के पश्चात वीकर में पम्प द्वारा हवा प्रवाहित किया जाता है। ऐसा करने से अयस्क में झाग बनने लगता है तथा सल्फाइट अयस्क हल्का होने के कारण झाग के साथ पर चला आता है जिसे समय पर अलग करते रहते है। झाग को सुखा लेने पर शुद्ध अयस्क का प्राप्त हो जाता है जबकि अशुद्धिया घोल में ही रह जाती है।
जारण- सांद्रित अयस्क और चारकोल यानि कोक के मिश्रण का जारण शाफ्ट भट्टी में किया जाता है।पारा के वाष्प को लोहे के पाइप से प्रवाहित कर तथा जल द्वारा ठंडा कर संघनित किया जाता है।
पारा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रशन FAQ.
Q.फेन प्लवन विधि से किस अयस्क का सान्द्रण किया जाता है?
(A) सिनेवार
(B) बॉक्साइट
(C) मालाकाइट
(D) जिंकाइट
Q.सिनेबर है-
(A) HgS
(B) PbS
(C) SnO2
(D) PbCO3