प्राणी जगत से क्या समझते है?

प्राणी जगत (Animal Kingdom) संपूरण चैप्टर 

एक कोशिकीय 

  • एक कोशिका वाला जंतु ।

बहुकोशिकीय 

  • दो से अधिक वाला जंतु

डिप्लोबालास्टिक 

  • दो स्तर वाला जंतु , बाहरी स्तर , भीतर’ स्तर 

ट्रिपोलोबलास्टि 

  •  तीन स्तर वाला जंतु बाहरी (Ecoderm) मध्य (Mesoderm) अंदर (Endodrem)

 एसोसिमेलेंट 

  •  वैसा जंतु जिसका शरीर भित्ति और आहारनाल के बीच कोई जगह के मेति (cybaly) उपस्थित ना ही। उसे एसोसिमेलेट कहते हैं।

सिलोमेंट 

  • वैसा जन्तु जिसके शरीर भित्ति और आहारनाल के उसे बीच उपस्थित हो उसे सिलोमेंट कहते हैं।
  • Eχ :-  Man , frog, cockroach

Open type blood

  • जब blood (रक्त) anterior ceosterriar की और बढ़ता है  अर्थात आगे से पीछे की और जाता हैं। उसे open type blood system कहते।

Close type flood

  • जब blood (रक्त) ceosterriar से enteriorr की और बढ़ता है  अर्थात पीछे से आगे की और जाता हैं। उसे Close  type flood system कहते।

Cellure  level

  • वैसा बना निर्माण जन्तु जो सिर्फ कोशिकाओं का बना होता है जिसमें ऊतक का निर्माण नहीं होता है तो वैसा जन्तु को cellurc  level वाला जंतु कहा जाता है।

उत्तक स्तर (Tissue level)

  • वैसे जंतु  जो सिर्फ  ऊतक का बना होता है जिसके अंग का निर्माण नहीं होता है तो वैसे जंतु की Tissue level वाला जंतु कहा जाता है।

अंग स्तर (Organ level)

  • वैसे जंतु जो सिर्फ अंग का बना होता है,  उसमें अंगतंत्र का निर्माण नहीं होता है , उसे  Organ Sevel कहते हैं।

 अंगतंत्र स्तर (Organ system level)

  • वैसे जन्तु जिसमें सभी अंग विकसित होते हैं और सभी अंगों का निर्माण हो जाता है, उसे Organ system level कहते हैं।

 अरिय समिति (Radial symmetry)

  • जब किसी (उद्ङ्गत) रूप से किसी भी दिशा विभाजित किया जाए तो वह दो बराबर भागों में बाँटा जाता है। तो वह Radial Symmetry कहलाता है।

एस्मेटिरी (Asymmetry)

  • जब किसी जन्तु को किसी भी दिशा मे विभाजित किया जाएँ तो वह भी कभी दो बराबर  भागों में नहीं बांटता हैं।

By radial symmetrical

  • जब किसी जन्तु की vertical रूप से सिर्फ एक ही दिशा मे  विभाजित किया जाए तो  दो बराबर से भागों में बँट जाता है।
  • Era-skeleton (बाह्य  कंकाल)
  • hair, nail
  • Endo-skeleton ( अंत भीतरी कंकाल)
  • शरीर भीतरी हड्‌डियो, रीड
  • oviparous (अड्डा देनेवाला)
  •  egg, Bird
  • viviparous (संतान देनेवाला)
  • Marine (खरा)  fresh water (मीठा पानी)
  • Aquatic (जलीय) terrestrial (स्थलीय)
  • अंतर निषेचन (internal fertilization)
  • इसमे निषेचन अभिक्रिया mother body के अंदर होता है।

बाह्य  निषेचन (External fertilization)

  • इस निषेचन में अभिक्रिया mother body के बाहर होता है।
  •  संघ 
  • पीरिफेरा
  • हीर सेना (छीद्र जन्तु
  • fera to bear (होना)

इसके निम्नलिखित विशेषताएँ है

  • यह बहुकोशिय तथा डिप्लोबलास्टिक जन्तु है।
  • यह मीठा और खाड़ा पानी में पाया जाने वाला जन्तु है।
  • यह छीद्रदार जन्तु  है इसलिए इसे स्पाजो कहते हैं।
  • इसका आकार अनियमित , बेलाकार , अंडाकार या शाखीय होता है।
  • इसमें ऊतक निर्माण नहीं होता हैं।
  • इसके शरीर में अनेको छिद्र  होते है।
  • इसके शरीर के बाहरी सतह काटेनुमा रचना होता है जिसे  कहते है।
  • इसके ऊपरी भाग को  कहते है।
  • इसके बाहरी स्तर तथा भीतरी के बीच एक लस्सा पदार्थ पाया जाता है। जिसे मिसेकाइन कहते है।
  • इसमें अलैंगिक तथा प्रजन्न (Budding) जेम्यूल  द्वारा होता है।
  • यह उभयलिंगी जन्तु हैं।
  • इसमे आंतरिक निषेचन होता हैं।
  • इसमें आंतरिक पाचन क्रिया होता है।
  • इसमें लैंगिग प्रजन्न गैमेट के द्वारा  होता है।
  • यह Asymmetricalजन्तु है।

इनके निम्नलिखित विशेषताएँ है

  • यह बहुकोशिकीय डिप्लोब्लास्टिक जंतु हैं।
  • यह अधिकांश समुद्र में पाया जाता है।
  • इस संघ को नाइडेरिया भी कहते हैं।
  • यह रेडियलस्मैनटरी (आरियसमिती) होता है।
  • यह मीठा और मुख्यत खड़ा पानी में पाया जाता है।
  • इसके बाहरी स्तर और भीतरी स्तर के बीचू लस्सा  पदार्थ पाया जाता जिसे मिसेग्लिया  कहते है।
  • इसमें सिर और गुहा नहीं होता हैं।
  • इसके मुख की (हाइपोटोनस कहते हैं जिसके  चारों और पाँच छः संस्पर्शक होते हैं।
  • संस्पर्शक के अर्ग भाता पर काटेनुमा (hooks) तथा एक शैलीनुमा रचना Nemotocyst (देश कौशिका ) होता हैं।
  • दंश कोशिका मे विषैला पदार्थ होता है।
  • इसमें परिसंचरण, उत्सर्जन तथा श्वसन तंत्र नहीं पाया जाता है।
  • यह उभयलिंगी जन्तु हैं।
  • इसमें अलैंगिग प्रजन्न, Bud के द्वारा होता है। जबकि लैंगिग प्रजन्न गैमेट  के द्वारा होता है।
  • इसमें ऊतक स्तर वाला जन्तु है।
  • इसमें अंत बाध्य पाचन क्रिया होती है।
  • इसमें संस्यर्शक की सहायता भोजन पकड़न का काम करता है।
  • यह दो Farm में पाया जाता है।

इसके निम्नलिखित मुख्य विशेषताएँ है

  • यह बहुकोशिकीय तथा डिप्लोब्लास्टिक जन्तु है।
  • यह मुख्य रूप से समुद्र में पाया जाता है। इसलिए इसे Sea wall nut कहते है।
  • यह गोलाकार और चपटा होता है।
  • इसके शरीर पर आठ Plate के समान कंधी आकार का संरचना होता कहते हैं। जिसे Comb Plate कहते हैं।
  • यह Comb Plate प्रचलन में मदद करता हैं।
  • इसमें दंशकोशिका नहीं पाई जाती हैं।
  • इसके जीवन में  अवस्था नहीं पाई जाती है।
  • इसकी बाहरी स्तर को इकोडरम  तथा भीतरी स्तर इन्ड्रोड्ररम दोनों स्तर के बीच लस्सा पदार्थ मेसोगोलिया कहते हैं।
  • इसमें दो संस्पर्शक होते हैं।
  • यह ऊतक स्तर का जंतु है अर्थात इसमें अंग का निर्माण नहीं होता है।
  •  इसमें किसी प्रकार के अंग का विकास नहीं होता है।
  • यह उभयलिंगी जन्नतु हैं।
  •  इसमें बाह्यनिषेचन की प्रक्रिया होती है।
  • इसमें अंत और बाह्य पाचन की क्रिया होती है।
  • यह रोडियलू , स्मेटरीयल  (अरिय समिती) जन्तु है।

प्लेटीहैलिमंथीज(platyhelminthım)

  • Platy  = flate
  • Heliminthum (warm > कीडा)

इसके निम्नलिखित विशेषताएँ है

  • यह चपटा फीतेनुमा परजीवी कृमि होता है
  • यह बहुकोशिकीय, ट्रिपलोबलास्टिक तथा एसिलीमेंट होता है
  • यह अंतपरजीवी होता हैं।
  • इसका शरीर खंड – खंड में बाँटा होता हैं।
  • इसका शरीर भीत्ति तीन स्तर में होती है।
  • इकोड्रम 
  • मेसोइम
  • इनडोड्रम 
  • इसका पूरा शरीर एक पतली क्यूटिकल  का बना होता है।
  • यह प्रथम जन्तु है जिसमें अंग बनना प्रारंभ हो ही जाता है।
  • इसमें पाचन तंत्र अपूर्ण होता हैं।
  • यह उभयलिगी जन्तु हैं।
  • इसका जीवन चक्र दो विपरीत को (HOSE) पर बीतता है। प्राथमिक Host , द्वितीय Host-ping  बनाता हैं।
  • यह एक बीमारी देता है जिसे टिनोओसीस कहते हैं।
  • इसमें मुख पर Hook  तथा शंकर (Sugar) होता है।
  • इसमें एक अवष्टि कोशिका होता हैं। जिसे flame cell फलैम सेल कहते हैं।
  • इसमें Regeneration क्षमता पाई पुनः उत्पादन की क्षमता पाई जाती है।
  • एक जोडा गैंगगेलिया तथा तीन जोड़ा नर्म कोड पाया जाता है।
  • यह By laterall symmetrical जंतु है।

ऐस्केलमिशीज 

इसके निम्नलिखित विशेषताएँ है

  • यह गोल कृमि हैं।
  • यह जलीय, स्थलीय परजीवी होता है।
  •  इसका शरीर, लंबा बेलाकार, पतले धागे समान होता है
  • यह बहुकोशिकीय ट्रिपलोबलास्टिक तथा एसलोमैट जन्तु है।
  • इसमें अंगतंत्र स्तर बनना प्रारम्भ हो जाता है।
  • यह  By laterall symmetrical जंतु है।
  • इसका आहारनाल पूर्ण होता है।
  • इसका नर और मादा अलग – अलग होते है।
  • इसमें मादा नर से अधिक लंबा होता है।
  • इसमे अंत निषेचन की क्रिया होती है।
  • इस परजीवी के द्वारा निमूनिया और फलेरिया नामक रोग होता हैं।
  • इसका शरीर पतलें झीली से दँका होता है।
  • इसमें श्वसनतंत्र तथा रक्तपरिवहन तंत्र नहीं पाया जाता हैं।

 

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