सजातीय श्रेणी क्या है?
कार्बनिक यौगिकों को क्रियात्मक समूहों के आधार पर ही सजातीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
कार्बनिक यौगिकों की ऐसी श्रेणी जिसमें एक विशिष्ट क्रियात्मक समूह उपस्थित होता है तथा इस श्रेणी के सभी यौगिकों के रासायनिक गुण समान होते हैं एवं इनके अणुसूत्रों में एक या अधिक > CH2 का अन्तर होता है उसे सजातीय श्रेणी कहते हैं तथा इस श्रेणी के सदस्यों (यौगिकों) को एक-दूसरे के सजात या समजात कहतेहैं।
सजातक भी समावयवी नहीं होते तथा समावयी कभी सजात नहीं होते हैं क्योंकि सजातों के अणुसूत्र में > CH2 का अन्तर होता है जबकि समावयवियों का अणुसूत्र हमेशा समान होता है।
सजातीय श्रेणी की विशेषताएँ
- सजातीय श्रेणी के दो क्रमागत सदस्यों के मध्य CH2 का अन्तर होता है।अतः उनके अणुभार में 14 का अन्तर होता है।
- किसी सजातीय श्रेणी के सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।
- इस श्रेणी के यौगिकों के भौतिक गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है क्योंकि भौतिक गुण अणुभार पर निर्भर करते हैं।
- सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के रासायनिक गुण सामान्यतः समान होते हैं क्योंकि रासायनिक गुण मुख्यतः क्रियात्मक समूह पर निर्भर करते हैं।
- किसी सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य विधि द्वारा बनाया जा सकता है।
सजातीय श्रेणियों के कुछ मुख्य वर्ग
- ऐल्केन- सामान्यसूत्र ( CnH2n+2)
- ऐल्कीन- सामान्यसूत्र ( CnH2n)
- ऐल्काइन- सामान्यसूत्र ( CnH2n-2)
- ऐल्किलहैलाइड- सामान्यसूत्र ( CnH2n+1X )