संक्षारण क्या है || जंग लगने बचाओ || संक्षारण कैसे होता है || कैसे रोके ||

संक्षारण क्या है || जंग लगने बचाओ || संक्षारण कैसे होता है || कैसे रोके ||

धातुओ को घुली हवा में कुछ दिनों तक छोड़ देने से उसकी सतह पर छोटे छोटे छिद्र बन जाते है | जिसके धातु की क्षमता छीन होने लगती है ,अर्थात धातुओं  का क्षय होने लगता है | धातुओ का क्षय होना ही  संक्षारण या  क्ष्रण कहलाता है | संक्षारण की प्रक्रिया वायुमंडल में उपस्तिथ CO2 , H2 इत्यादि के आक्रमण से होते है | जब धातु इन गैसों के सम्पर्क में आते है, तब ये इनसे प्रतिक्रिया करके धीरे धीरे समाप्त होने लगते  है | उदाहरण के लिए लोहे में जिंग लगना चाँदी का फीका पड जाना, तांबे की  सतह का हरा हो जाना इत्यादि |

संक्षारण के प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारण है |

धातुओ की क्रियासिलता ज्यादा सक्रिय धातु वयुमंडललिए गैसों से तीव्रता से प्रातक्रिया

  • धातुओं की क्रियाशीलता :- ज्यादा सक्रिय धातु वायुमंडलीय गैसों से तीव्रता से प्रतिक्रिया करके तीव्रता से संक्षारित हो जाते है |
  • अशुध्दियो की उपस्थिति :- अशुध्दियों की उपस्थिति से धातुओं का संक्षारण तीव्रता से होता है क्योंकि ये अशुध्दियो संक्षारण सेल का निर्माण का देते है |
  • हवा या नमी :- हवा एवं नमी संक्षारण में सहायक होते है |वायुमंडल में उपस्थित H2 , Co2 , So2 आदि गैसों हवा के सम्पर्क में आ कर संक्षारण को और तेज कर देती है |
  • धातुओं का तनाव :- धातुओं के मुड़े हुए में स्थान में ज्याद तनाव होता है ,अतः चिकनी एवं समतल सतहों की तुलना में धातुओं के मुड़े हुए भाग में अत्यधिक संक्षारण होता है
  • Electrolyte की स्थिति में :- Electrolyte की उपस्थिति में संक्षारण की दर बढ़ जाती है |
  • समुद्री जल :- समुद्री जल में उपस्थित लवण धातुओं को शीधता से संक्षारित करते है |
  • लोहे में जंग लगना :- जब लोहा नमीयुक्त हवा के सम्पर्क में आता है ,तब इस पर एक लाल भूरे रग  की परत जम जाती है ,तथा इसे ही जंग कहते है |

  लोहे में जंग लगने से लोहा का संक्षारण होने लगता है |लोहे में जंग लगने के लिए  नमीयुक्त हवा का होना आवश्यक है | शुष्क हवा की उपस्थित में लोहे में जंग नहीं लगता | लोहे में जंग लग्न एक सतत प्रक्रिया है | इससे लोहे की शक्ति धीरे -धीरे  घटने लगती है  अतः लोहा नष्ट हो जाता है |

विधुत रासयनिक सिध्दांत के आधार पर लोहे में जंग लगने की इस प्रक्रिया को निम्नलिखित रासायनिक समीकरण की सहायता से समझाया जा सकता है |

Fe – 2e 🠒 Fe+ +

2Fe+ + + 1/2 O2  + 2H2o  🠒 Fe2o3 + 4H+   

Fe2o3 + xH2o  🠒 Fe2o3.xH2o

  • लोहे में जंग से बचाव :- लोहे में जंग से बचाव करने की निम्नलिखित विधियाँ है
  • लोहे की सतह को पेंट करके
  • लोहे की जस्तीकरण करके ( लोहे में जस्ता का लेप लगाना जस्तीकरण कहलाता है |
  • स्व: बचाव
  • कैथोड बचाव

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