शॉट्की दोष और फ्रेंकेल दोष के बीच अंतर || Frenkel और Schottky defects differences in hindi

शॉट्की और फ्रेंकेल त्रुट्टी  के बीच अंतर , फ्रेंकेल शॉट्की दोष में अंतर ,फ्रेंकेल और शॉट्की दोष में क्या अंतर है ,फ्रेंकेल और शॉट्की दोष के बीच अंतर बताइए |

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से हम आपलोग को शॉट्की दोष किसे कहते है ? फ्रेंकेल दोष किसे कहते है ? फ्रेंकेल और शॉट्की दोष के बिच अंतर क्या होता है?

Frenkel और Schottky defects differences in hindi, फ्रेंकेल और शॉट्की दोष जानने से पहले हमलोग फ्रेंकेल और शॉट्की का परिभाषा जन लेते है |

शॉट्की दोष क्या होता है ?

→ यह दोष आयनिक ठोस में उत्पन होता है तथा आयनिक ठोस का समन्वय संख्या उच्च होना चाहिए |

→ इस दोष में एक समान मात्रा  में धनायन और ऋनायन अपने ही क्रिस्टल जालक के निशिचित बिंदु से गायब हो जाते है तब रिक्तियाँ बन जाता है इस प्रकार के दोष को शॉट्की दोष कहते है |

→ शॉट्की दोष में क्रिस्टल का घनत्व घट (कम हो जाना)जाता है |

→ शॉट्की दोष में क्रिस्टल का समन्वय संख्या  घट(कम हो जाना ) जाता है |

→ शॉट्की दोष धातुओं के हैलाइडो में प्रदर्शित करते है जैसे NaCl, KCl, KBr,CsCl,AgBr.

 फ्रेंकेल  दोष क्या होता है ?

→ यह दोष आयनिक ठोस में उत्पन होता है तथा आयनिक ठोस का समन्वय संख्या कम होना चाहिए |

→ इस दोष में धनायन अपने ही क्रिस्टल के अन्दर अंतराली स्थान में फंस जाते है , तब रिक्तियाँ बन जाता है इस प्रकार के दोष को फ्रेंकेल दोष कहते है |

→ फ्रेंकेल  दोष में क्रिस्टल का घनत्व अपरिवर्तित होता है|

→ फ्रेंकेल  दोष में क्रिस्टल का समन्वय संख्या अपरिवर्तित होता है|

अब हमलोग  शॉट्की और फ्रेंकेल दोष के बीच अंतर जाने जो बोर्ड परीक्षा में हरेके साल पूछे जाते है –

                        शॉट्की दोष                                  फ्रेंकेल दोष
यह एक रिक्तियाँ दोष है यानि इसमें समान संख्या में धनायन तथा ऋणायान अपनी क्रिस्टल जालक से बिलुप्त हो जाते है|यह एक अंतराकाशी दोष है अर्थात धनायन अपने ही क्रिस्टल के अंतराकशी स्थान में फंस जाते है |
इसमें धनायन एवं  ऋणायान का आकार लगभग समान होता है| इसमें धनायन का आकार छोटा तथा  ऋणायान का आकर बड़ा  होता है| 
इस दोष में आयन क्रिस्टल जालक से निकल जाते है|इस दोष में आयन क्रिस्टल जालक केअंतराकाशी में चल जाते है|
इस दोष के कारण क्रिस्टल का घनत्व घट जाता है|इस दोष के कारण क्रिस्टल का घनत्व अपरिवर्तित हो जाता है|
इस दोष के कारण क्रिस्टल का समन्वय संख्या  घट जाता है|इस दोष के कारण क्रिस्टल का समन्वय संख्या अपरिवर्तित हो जाता है|
इस दोष में क्रिस्टल के स्थायित्व तथा विथुत चालकता में वृद्धि होती है|इस दोष में क्रिस्टल के स्थायित्व घटता है, परन्तु  रिक्तियों की उपस्थति के कारण  विथुत चालकता में वृद्धि होती है|

 

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