शैवाल क्या है ,इसके गुण ,लक्षण ,प्रकार विस्तार से जानें
शैवाल के विशिष्ट लक्ष्ण :-
- शैवाल का नाम सबसे पहले लीनियस ने दिया था।
- विज्ञान के जिस शाखा मे शैवाल का अध्ययन किया जाता है। उसे फाइकोलेजीPhycology) कहते है ।
- फाइकोलैजी (Phycology) का जनक – F.F Fritsch.
- यह जलीय और स्थलीय होता हैं।
- यह मीठा और खारा पानी में पाया जाता है।
- इसका शरीर शैलसनुमा होता है।
- इसमें क्लोरोफिल पाया जाता है।
- यह स्वपोषी और और प्रकाश संश्लेषण (Photo-Synthesis) होता है।
- इसमें क्लोरोफिल A,B,C और D होता है इसके साथ साथ जैन्योफिल, कैरोटीनपाया जाता है।
- इसमें लगिक प्रजन्न आइसोगेमस अनआइसोगेमस एवं उगेमस प्रकार से होता है।
- इसमें क्लोरोप्लास्ट का आकार गोलाकार अण्डाकार, कपनुमा,कितानुमा, इत्यादि होता है ।
- इसका जीवन हैं। चक्र मुख्यतः गैमोटोफैटिक होता है ।
- शैवाल को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है:-
- क्लोरोफाइसी (chlorophyceae) = हरा शैवाल
- फ्रीयोफाइसी (Phaeophyceae) = भूरा शैवाल
- रोडोंफाइसी (Rhodophyceae) = लाल शैवाल
क्लोरोफाइसी (chlorophyceae):-
- इस इसे शैवाल का रंग हरा होता है इसलिए इसे हरा शैवाल भी कहते हैं।
- इसमें क्लोरोफिल A और B उपस्थित होता है ।
- इसमें हरितलवक का आकार तस्तरी नुमा, प्लारेनुमा , रिबन के आकार का, अण्डाकार और गोलाकार होता है ।
- इसका थैलस एक कोशिकीय, क्लोनियल (colonial) तथा तन्तुमय होता है।
- हरितलवक के उपर पायरेनाइट्सprenoid) उपस्थित होता है।
- इसमे अनेक पीगमेंट (pigments) पाये जाते है ।
- इसमें भोज्य पदार्थ स्टार्च के रूप में संचित (Store) होता है।
- कोशिकाभित्ति सेलुलोज (cellulose) या पेकटोज (Pectose)का बना होता है | इसमें वर्धि तथा प्रजन्न विखण्डन विधि द्वारा तथा अलैंगिक प्रजन्न जूस्पोर (zoospore) द्वारा होता है ।
- इसमें लैंगिकप्रजन्न आइसोगेमस अन – आइसोगेमस तथा उमेगस प्रकार से होता है ।
- नोट :- क्लोरेला भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है तथा एन्टीबायोटिक दवा बनाने मे भी सहायता करता हैं |Example :- स्पायूरोगयरा (sporogyra),वोलभोक्स (volvox), क्लैमाइडो- मोनस (chlamydomonas), कारा (chara)
फियोफाइसी (phaeophyceae)
- इसका थैलस का रंग भूरा या पीला दिखाई देता है।
- इसमें क्लोरोफिल A, C कैरोटीन तथा जेन्योफिल पाया जाता है ।
- यह मुख्युतः समुद्र (खारा पानी ) में पाया जाता है , इसलिए इसे समुद्री घासकहते हैं।
- *इसका थैलेस बहुकोशिय होता है जो होल्डफास्ट ,स्टीप तथा फ्रान्ड में बाँटा होता है।
- इसका कोशिकाभिती सेलुलोज तथा फ्यूसिनीका ऐसिड का बना होता है ।
- इसमें भोज्य पदार्थ मैनिटॉल तथा लैमेरिन के रूप में जमा होता है।
- इसे केल्पस के रूप में जाना जाता है।
- इसमें वर्धी प्रजनन विखंडन विधि द्वारा हो है
- इसमें अलौगिक प्रजनन बाइफ्लौजलेट स्पोर द्वारा होता है।
- इसमें लौंगिक प्रजनन आइसोगेम्स ,अन- आइसोगेम्स तथा उमेगस प्रकार से होता है।
रोडोफाइसी
- इसमें क्लोरोफिल A और d पाया जाता है । इसके साथ –साथ इसमें फाइकोसाइनीम, फाइकोसाइथीम नामक पगिमेन्ट पाया जाता है।
- यह एक कहर पनि में पाया जाता है।
- इसे साधारणः डीपेस्ट शैवाल कहते है।
- इसका थैलेस बहुकोशिय होता है । सिर्फ इसका कोशिका भित्ति ग्लौकटोज तथा पोलियुरेनिव ऐसिड का बना होता है ।
- इसमें भोज्य पदार्थ फ़्लोरोडीन स्टार्च के रूप में जमा होता है।
- यह पनि के ऊपरी सतह नीला रंग का दिखाई देता है। जबकि गहराई में लाल रंग दिखाई देता है।
- इसका जीवन चक्र मुखयतः तीन अवस्था में होता है।
- इसमें प्रजनन लौंगिक विधि द्वारा होती है । जैसे – पॉलीसाइफोनिया ,जेलीडीयम
संघ-ब्रायोफाइट
- यह नम एवं छायादार स्थानों में,चट्टानों पर,वृक्ष के छाल से चिपका हुआ या पुराने मकानों के दीवारों पर पाया जाता है।
- यह पनि और जमीन दोनों पर पाया जाता हैइसलिए इसे एमिफबीयन्स प्लांट कहते है।
- इसका थैलेस जड़, तना और पत्ती में बाँटा हुआ नहीं होता है।
- यह डोरसीवेंटल थैलेस होता है।
- इसमें डाइकोटोमस्ली शाखा पाया जाता है । जिसके बीच में नॉटच होता है।
- इसमें दो तरह राइजोवाइरस होते है,स्मूथ वाल और दुभारकुलोटोड
लिवरवर्टस (liverwalts):-
- यह नमू, और छायादार स्थानों पर पायां जाता है।
- इसका पौधा थैलस की तरह होता हैं।
- इसका मुख्यपौधा डौसीवंतराल (Dosiven–tral) होता है।
- इसमे दो तरह के राइजोवार्ट्स होता हैं।
- Smooth wall rhizoids
- Tuber culate rhizoids
- इसमें वर्धी प्रजन्न कपनुमा (Gemma (up) द्वारा होता है ।
- इसमें डाइकोयैमसली ब्रांच (Dichotomouslybranch ) होता है।
- इसमें लैंगिक प्रजन्न पुधानी (antheredium)और स्त्रीधानी(Archegonium) द्वारा होता है।
- इसका मुख्य पौधा स्पौर द्वारा विकसित होता है ।
- स्पोरोफाइट फुट सीटा तथा कैप्सुल में बँटा होता है।
- इसमें कॉलुमेला (collumela) तथा इलेट्स (eletes) उपस्थित होता है।
- इसमें एसीमीलेटरीतन्तु (Assimilatoryfilament) एमरपारे तथा एयरचैम्बर (Aircharmber) उपस्थित होता है।
- Example :- मारकेन्सीया , रीकिसया
मौसेस (Mossos)
- इसका मुख्यतः पौधा गैमोटोफाइट होता है जो पती की तरह दिखाई देता है।
- इसमें वर्धी प्रजन्न प्रटोनिमा (protonima) द्वारा होता है।
- इसमे कॉलुमेला उपस्थित तथा इलेट्रेस अनुपस्थित होता है।
- लैंगिक प्रजन्न एन्थरीडियम और आरची- गोनियम द्वारा होता है।
- इसमें स्केल्स अनुपस्थित होता हैं।
- इसका- स्पोरोफाइट, फुट , सीटा और कैप्सूल में बंटा होता है।
- इसका पौधा राइजोवाट्स (मूलांक) तना और पत्तीया में बँटा होता हैं।
- इसमें Annulas (एनुलस) तथा peristone. (परिस्टोन) उपस्थित होता है जो दात की तरह दिखाई देता हैं।
- Example :- फ्यूनेरिया, स्काग्नम
- टेरिडोफाइटा (Teridophyta)
- यह नाम और छायादार स्थानों पर पाया जाता है।
- इसमें सभी पौधों में भुण (embryo) होता है ।
- इसे वैस्कुलर क्रिप्टोगेम्स कहा जाता है ।
- यह प्रथम स्थलीय पौधा जिसमें जाइ- लम तथा फ्लोएम पाया जाता हैं।
- इसका पौधा जड़, तना और पती मे बँटा होता हैं।
- इसका पौधा स्पोरोफाइट होता है।
- यह मुख्यतः शाकीय होता है।
- इसमें संवहक उ-तक पाया जाता है।
- जिसमें वाहिकाओं तथा कम्पनियम सेल ( सह – कोशिकाओ ) का अभाव होता है।
- इसमें स्पोर , स्पोरीनीयंजीम मेंउत्पन्न होता हैं।
- इसमें सेक्सऑरगन स्तोबिली या कोन्स में पाया जाता है।
- स्पोर अंकुरति होकर गैमेटोफाइट, को जन्म देता है जिसे प्रोथैल्स कहते हैं।
- इसमें नर जननांग को इन्थूरीडीयम तथा मादा जन्मांग को आरचीगोनियम कहते हैं।
- मेल तथा गैमेर फिमेल को एन्थेरोजवाइड (Antherzoids) तथा गैमेर को रोग (egg) कहते है ।
- निषेचन की क्रिया के लिए जल कीआवश्यकता होती है ।
- जाइगोट विभाजित और विकसीत होकरभ्रूण बनाता है।
- मेल और फिमेल गैमेट आपस मे फ्यूज (fuse ) जाइगोट का निर्माण करता है।
- इस पौधे में बिज स्वभाव की उत्पत्ति मानाजाता है।
- इस पौधे में निश्चित पिढी एकांतरण होता है।
- इसमें दो तरह के स्पोर होते हैं।
- मेगास्पोर
- माइक्रोस्पोर
इस संघ को चार वर्गों में बांटा गया है। जो निम्न है :-
- साइलोप्सिड़ा (psilopsida)
Example :- साईलोटम (Psilotum)
- लाइकोप्सिडा(Lycopsida)
Example :- लाइकापिडियम (Lyeopodium) , सिलेजिनेला(Selaginella)
- स्कीनोप्सिडा (Sphenopsida)
Example :- इक्वीजीटम (Equisetum)
- टेरापिसड़ा (Pteropsida)
Example :- टेसिस (Dryopteris)
अनावृतबीजी(Gymnosperms)
Gymno – Nacked,Sperm – seed
- जिम्नोस्पर्म के बिज पर कोई आवरण नहीं होता है इसलिए इसे नग्न बीजीपौधा होता है।
- यह बहुवर्षी(Perennial), कोष्ठीय झाड़ी-नुमा पौधा है।
- यह स्पोरोफाइटीक पौधा है।
- इसमें मुसला जड़पूर्ण विकसित होती है |
- इसमें तना लम्बा, बेलनाकार, अशाखीत तथा काष्ठीय होता है।
- इसका पत्ती संयुक्त तथा जीरोफाइटीक होता है।
- इसमें दो प्रकार के स्पोर होते हैं।
- माइक्रोस्पोर (Microspore)
- मेगास्पोर (Megaspore)
- इसमें जनन अंग स्ट्राबलिसयाशंकुमेंहोताहै।नरशंकुऔरमादाशंकु |
- इसमें एन्येरोजवाइड गतिशील लेकिन कुछ गती में गतिहीन होता है |
- यह वहुभुणता धारण करता हैं।
- Anglosperm:-
- Parts of flower :-
- बाध्यदलपुंज – calyx – Sepals
- दलपुंज – coralla – petals
- पुमंग – Androecium – Stamen
- जायांग – Gynoecium –carpel
- पेरियेन्थ – Pereanth–Tepals
- पुमंग के भाग :-
- Anther (परागकोस)
- Connective
- Filament (तंतु )
- जायांग के भाग :-
- Stigma -स्टीगमा
- Stula – स्टाइल
- Ovary – अण्डाशय
- Seed –Monocot =गेहूं , धान , मक्का
- Seed –Dicot =दलहन , आम ,सरसों
- Double fertilization(द्विनिषेचन)
आवृतबीजी :-
- आवृतबीजी को दो वर्गों मे बाँटा गया हैं
- एक बीज पत्री के अंतर्गत धान , गेहूं , मक्का, बाँस , लीली , केला ,घास इत्यादि’ आता है।
- पुष्प के नर भाग को पुंकेसर तथा मादा भाग को carpel कहते हैं।
- द्विबीज– पती के अंतर्गतदलहन ,सूर्यमुखी ,सरसों ,गेंदा, नीम इत्यादि आता है।
स्टेमन को तीन भाग मे बाँटा गया हैं :-
- Anther
- Connective
- Filament
जबकि carpel को भी तीन भाग में बाँटा गया हैं :-
- Stigma
- Style
- Ovary
- बिजांड के अंदर फिमेल गैमेटोफाइटा बनता है इसे भ्रूण कोष (Embryosac) कहते हैं।
- भ्रूणकोष विभाजित होकर आठ केन्द्रक वाले रचना बनाता है।
- भ्रूणकोष में उपर से एक और नीचे से एक केन्द्रक, बिच में आकार (polarcell) बनाता है।
- माइक्रोपाइलर छोर शेष, तीन केन्द्रक बचते हैं। जिसमें सबसे बड़ा केन्द्रक eggcellबनाता है जबकि शेष दो केन्द्रक synergid cell बनाता है।
- माइक्रोपाइलर छोर egg और synergid cell, eqq Apparatus कहलाता हैं।
- चैलेजर छोर पर शेष तीन केन्द्रक Antipodel cell का निर्माण करता है।
Double Fertillization (द्विनिषेचन)
- यहवैसीप्रक्रियाहैजिसमेंदोमेलगैमेट बारी- बारीसेदोबारनिषेचनकरता है जिसमेंएकजैगोटबनाताहै जबकिदूसराइन्डोस्पर्म (Endosperm) अर्थात मेल गैमेट दो बार synergid की सहायता से फ्यूज (fuse)करती हैं। इसलिए इस क्रिया को Double fertilizationकहते हैं।
- एक मेलगैमेट इन्डोस्पर्म के अंदर synergid की सहायता से egg cell के साथ फ्यूज (fuse) करके zygote का निर्माणकरता है।
- दूसरा मेलग्गैमेट दूसरा synergid की सहायता से पोलेरसेल के साथ फ्यूजकरके इन्डोस्पर्म का निर्माण करता है।
पिदियो का एकांतरण तथा पौधे का जीवन का वृत
स्पोडोफाइटा में अगुणित(Haploid)बिजाणु अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप में बनता है यह अगुणित समसूत्री विभाजन के द्वारा Haploid Plant body बनता है । इस प्रकार लैंगिक जजन करने वाले पौधों में पीढ़ियों का एकां-तरणहोता है , जिसमें Haploid गैमटोफाइट द्विगुणित स्पोरोफाइट को एकांतरित करता है।
पौधी में पिदियों का एकांतरण तीन प्रकार से होता है।
- हैप्लांटिक (Haplontic)
- डिप्लांटिक (Diplontic)
- हैप्लो प्लांटिक (Haplo diplontic)
हेप्लांटिक (Haplontic)
इस तरह के पौधा गैमेटोफाइट होता है तथा स्पोडोफाइट, थोड़े सम केलिए होता है इसमें स्योर के द्वारा समसूत्रम विभाजन के फलरूवरूप गैमेटोफाइट बनाता है , जो लंबे समय तक रहता हैं।
Example :- स्पाटारोगायरा (Spirogyra),क्लेडोमोनामस (Chlamydomonas)
डिप्लांटिक (Diplontic)
इस प्रकार के एकांतरण में मुख्य पौधा स्योरोफाइट होता है। इसमें गैमेटोफाइट, अवस्था बहुत कम समय के लिए होता है।
Example :-जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm),एंजियोस्पर्म (Angiosperm)