हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों आपका स्वागत है हमारी arvindsirpatna.com की इस वेवसाइट पर, आज के इस महत्वपूर्ण टॉपिक में हम आपको बताएँगे कि उत्प्रेरक क्या हैं? इसकी परिभाषा क्या है? उत्प्रेरक कितने प्रकार के होता है? उत्प्रेरक का गुण तथा उदाहरण के बारे में बताएंगे। उत्प्रेरक के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण जरूरी होता है क्योंकि यह परीक्षाओं में बार-बार पूँछ लिया जाता है। इसलिए परिक्षा की दृष्टी से ये बहुत ही अति महत्वपूर्ण टॉपिक है? उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया में प्रयोग किये जाने वाले पदार्थ होते है। जिसके बारे में हम विस्तार से बताएँगे।
उत्प्रेरक की परिभाषा क्या है,उत्प्रेरक क्या होता हैं? उत्प्रेरक के प्रकार और इसके उदाहरण को हम आपको इस आर्टिकल में बहुत ही आसान में शब्दों में समझाने जा रहे हैं? इस आर्टिकल में आपको उन बहुत सारे टॉपिक के बारे में बताएँगे जो उत्प्रेरक से जुड़े हैं। इसमें हम आपको उत्प्रेरक किन अभिक्रियाओं के दर को बड़ता है और किन अभिक्रियाओं के दर को घटाता है। इस सबके बारे में हम आपको महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगा। इसके उदाहरण के बारे में विस्तार के साथ बताया। बिना किसी देरी के अब हम आपको उत्प्रेरक के बारे में बताएँगे।
उत्प्रेरक क्या हैं? What is Catalyst?
वे रासायनिक पदार्थ जो रसायनिक अभिक्रिया के दर को बढ़ा देते हैं या रासायनिक अभिक्रिया की दर को घटा देते हैं, परंतु स्वंय अपरिवर्तित रहता हैं उत्प्रेरक कहलाते हैं। उत्प्रेरक की सहायता से रासायनिक अभिक्रिया के दर में परिवर्तन होने की इस घटना को उत्प्रेरक कहलाता है तथा यह प्रक्रिया उत्प्रेरण कहलाता हैं। 1835 ई० में बर्जिलीयस नामक वैज्ञानिक ने उत्प्रेरण शब्द दिया था। इसको अगर हम दूसरे शब्दों में समझे तो मान लिया की आपको कोई मोटिवेशन देने वाला व्यक्ति मिला उसने आपको बताया कि आप ये क्या कर रहे हो अगर आप इस तरीके से पढ़ोगे तो आप जल्दी सफल हो जाओगे उसके मोटिवेशन को सुनकर आप में भी सफल होने का जूनून आया इसका मतलब है कि आपको किसी ने प्रेरणा दी और आप पढ़ने के लिए बैठ गए। ठीक इसी प्रकार से उत्प्रेरक भी अभिक्रिया को बढ़ा या घटा देते हैं।
उत्प्रेरक के प्रकार(Types of Catalyst)
मुख्य रूप से उत्प्रेरक तीन प्रकार के ही होते हैं।
- धनात्मक उत्प्रेरक
- ऋणात्मक उत्प्रेरक
- स्वतः उत्प्रेरक
धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst )
- वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के दर को बढ़ा देते हैं धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।आमोनिया बनाने की हैवर विधि में Fe उत्प्रेरक का कार्य करता है। उत्प्रेरक संकरण उर्जा को कम कर देता है।
N2 + 3H2 —–Fe——> 2NH3
ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative catalyst )
- वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के दर को कम कर देते हैं ऐसे उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।हाइड्रोजन परोक्साइड के अवघटन में H3PO4 ऋणात्मक उत्प्रेरक का कार्य करता है।
2H2O2 —————>2H2O + O2
जब हाइड्रोजन परआँक्साइड का जल अवघतन ग्लिसरीन की उपस्थिति में किया जाता है तो अभिक्रिया की डर कम हो जाती है। यह गिलसरीन एक उत्प्रेरक विष की भांति कार्य करता है। जब सोडियम सल्फेट का ऑक्सीकरण किया जाता है तो यह सोडियम सल्फाइड में तीव्रता से परिवर्तित हो जाता है। इसका ऑक्सीकरण एल्कोहल की उपस्थिति में किया जाता है। जिससे ऑक्सीकरण की दर कम हो जाती है।
स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst )
- वैसे रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के दौरान निर्मित प्रतिफल स्वयं उस प्रतिक्रिया के लिए उत्प्रेरक का कार्य करते है । उसे उत्प्रेरक अभिक्रिया कहते है। या कुछ रासायनिक अभिक्रियाएँ ऐसी होती हैं जिनमे वाह्य उत्प्रेरक की आवश्यकता नहीं होती है। जिनमे बने उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करते हैं, स्वतः उत्प्रेरक कहलाते हैं।
- उदाहरण – एस्टर के जल अपघटन से एसिटिक अम्ल बनता है। यह एसिटिक अम्ल अभिक्रिया में स्वतः उत्प्रेरक की भांति कार्य करता है।
CH3COOC2H5 + H2O ————> CH3COOH + C2H5OH
उत्प्रेरक वर्धक(Catalyst Promoter)
- वैसे उत्प्रेरण अभिक्रिया जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान उत्प्रेरक की सक्रियता को बढ़ा देता है,वर्धक कहते है। या ऐसे पदार्थ जो स्वयं उत्प्रेरक का कार्य नहीं करते है किन्तु जिनकी उपस्थिति उत्प्रेरक उत्प्रेरक की शक्ति को बढ़ा देती है उत्प्रेरक वर्धक कहलाते हैं। अमोनिया निर्माण की हैवर विधि में मोलिबिडनम आयरन की शक्ति को बढ़ा देते हैं। यहाँ Mo उत्प्रेरक वर्धक है।
N2 + 3H2 —–Fe(Mo)——> 2NH3
उत्प्रेरक विष(Catalyst piosion )
- ऐसे पदार्थ जो स्वयं उत्प्रेरक का कार्य नहीं करते किन्तु जिनकी उपस्थिति उत्प्रेरक की शक्ति घटा देती है उत्प्रेरक विष कहलाते हैं। H2SO4 के निर्माण में संपर्क कक्ष में AS2O3 की उपस्थिति उत्प्रेरक विष का कार्य करती है।
प्रेरित उत्प्रेरक
- एक ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जो अन्य अभिक्रिया को प्रेरित करती है ऐसी रासायनिक अभिक्रिया ही प्रेरित उत्प्रेरक कहलाती है।
उत्प्रेरण को भौतिक अवस्था के आधार पर निम्न भागो में बाटा गया है-
समांगी उत्प्रेरण(Homogeneous Catalysis )
- जब कभी हम उत्प्रेरक की बात करते हैं, तो हमारे मन में उत्प्रेरक से सम्बंधित बहुत सारे प्रश्न आते हैं। जैसे उत्प्रेरक किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? एंजाइम उत्प्रेरक किसे कहते हैं? इन सभी को हमने अपने इस आर्टिकल में अमझाया है। तो बात करते हैं अब समांगी उत्प्रेरण की। वे रासायनिक अभिक्रियाएँ क्रियाकारक क्रियाफल एवं उत्प्रेरक एक ही प्रावस्था में हो समांगी उत्प्रेरण कहलाती हैं
2SO2 + O2 —–NO—–>2SO3
विषमांगी उत्प्रेरण (Hetrogeneous Catalysis )
- आपने ऊपर के आर्टिकल में धनात्मक और ऋणात्मक उत्प्रेरक के बारे में जाना और साथ ही साथ आपने उत्प्रेरक बर्धक और उत्प्रेरक विष के बारे में भी बहुत कुछ जाना। तो चलिए अब हम बात करते हैं विषमांगी उत्प्रेरण की ।वे रासायनिक अभिक्रिया जिसमें क्रियाकरक क्रियाफल एवं उत्प्रेरक की प्रवास्थएं सामान नहीं होती हैं विषमांगी उत्प्रेरण कहलाता है।
CO + O2 —RT—–> CO2
एंजाइम उत्प्रेरण (Enzyme Catalysis)
- एन्ज़ाइम एक नाइट्रोजनयुक्त जटिल कार्बनिक यौगिक है।एंजाइम प्रोटीन युक्त अणु होते हैं। जो जीवित कोशिओं में होने वाली कार्बनिक अभिक्रियाओं को गति प्रदान करने के लिए उत्प्रेरक के सामान कार्य करते हैं। जैव उत्प्रेरक कहलाते हैं, और ये घटना एंजाइम उत्प्रेरण कहलाती है।
- उदाहरण- जाइमेज, मालटेज, इनवर्टेज
C12H22O11 + H2O —-इनवर्टेज —->C6H12O6 + C6H12O6
एंजाइम उत्प्रेरण के लक्षण
- अभिक्रिया की दर एंजाइम की सांद्रता के समानुपाती होती है।
- एन्ज़ाइम की उत्प्रेरण क्रियाशीलता काफी विशिष्ट होती है।
उत्प्रेरकों के गुण(Properties of Catalysis)
- उत्प्रेरक केवल अभिक्रिया के दर को कम या ज्यादा करने का कम करते हैं। इनके स्वयं के संगठन या मात्रा में कोई बदलाव नहीं होता हैं और न ही ये अभिकारक या उत्पाद में बदलाव करते हैं।
- अभिक्रिया में उत्प्रेरक की बहुत थोड़ी मात्रा ही उपयोग होती है ।
- प्रत्येक अभिक्रिया के लिए केवल निर्धारित उत्प्रेरक ही काम में लाया जाता है।
- उत्प्रेरक अभिक्रिया को शुरू नहीं करता और न ही समाप्त करता है ये केवल अभिक्रिया का दर बदलते हैं।
- उत्क्रमणीय अभिक्रिया की अग्र व पश्त दोनों ही दिशों को उत्प्रेरक सामान रूप से प्रभावित करता है।
- उत्प्रेरक एक निश्चित तापमान पर ही सक्रिय होता है।
निष्कर्ष(Conclusation )
दोस्तों आप ने हमारे इस आर्टिकल में उत्प्रेरक किसे कहते हैं? उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते हैं? भौतिक आधार पर उत्प्रेरण के प्रकार, समांगी उत्प्रेरण और विषमांगी उत्प्रेरण के बारे में जाना और इसके साथ ही साथ आपने उत्प्रेरकों के गुण को भी काफी जानकारी हमारी इस arvindsirpatna.com की वेवसाइट से प्राप्त की। हम अपनी इस वेवसाइट पर रोजाना इसी प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक लेकर आते रहते हैं। इसी प्रकार की और भी बहुत सारी जानकारी पाने के लिए बने रहिए हमारी arvindsirpatna.com की इस वेवसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।