बायोगैस क्या है और इसके मुख्य अवयव, उदाहरण, उपयोग, लाभ और हानि
हैलो नमस्कार साथियों, आज हम फिर एक बार उपस्थित हुए हैं एक खास आर्टिकल बायोगैस क्या है के साथ। हमारे आसपास ऊर्जा के विभिन्न स्रोत हैं, जिनका उपयोग करके हमारे बहुत सारे दैनिक कार्य पूर्ण होते हैं। कुछ स्रोत ऐसे होते हैं जो सिर्फ एक बार ही उपयोग में लाए जा सकते हैं जैसे की पेट्रोल और डीजल, तथा कुछ स्रोत ऐसे होते हैं जिनका उपयोग एक से अधिक बार किया जा सकता है जैसे की बायोगैस। यदि आपको बायोगैस के बारे में अधिक जानकारी नही है तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं।
हम आज आपको बायोगैस से संबंधित बहुत सी जानकारियां देंगे। जैसे की बायोगैस क्या है, बायोगैस से क्या लाभ है, बायोगैस का उदाहरण है, बायोगैस का उपयोग, बायोगैस का महत्व, बायोगैस के लाभ और हानि तथा और भी बहुत से महत्वपूर्ण प्रश्नों की चर्चा करेंगे। अतः इस सम्पूर्ण जानकारी के लिए आपको बस इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक पढ़ना होगा। तो चलिए अब शुरू करते हैं इस सुंदर लेख को बिना कोई टाइम वेस्ट किए।
बायोगैस क्या है? What is Bio-gas in Hindi?
यह ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग कई बार किया जा सकता है। इस गैस के प्रयोग घरों में खाना बनाने तथा बिजली उत्पादन में किया जाता है।
बायोगैस के मुख्य घटकों में हाइड्रोकार्बंस आते हैं। क्योंकि यह हाइड्रोकार्बंस ज्वलनशील होते हैं इसलिए इन हाइड्रोकार्बंस को जलाने पर ऊर्जा तथा ताप प्राप्त होता है। बायोगैस का उत्पादन विभिन्न प्रकार की जैविक अभिक्रियाओं के द्वारा होता है, इसी कारण से इसे जैविक गैस अर्थात बायोगैस कहते हैं। आशा करते हैं आपको बायोगैस क्या है परिभाषा समझ में आ गई होगी।
बायोगैस का निर्माण कैसे होता है? How is the bio-gas produced?
बायोगैस के निर्माण के लिए दो चरण प्रयुक्त होते हैं। पहले चरण को अम्ल निर्माण का चरण कहते हैं। दूसरे चरण को मिथेन निर्माण स्तर कहते हैं। प्रथम चरण में होता क्या है कि गोबर के अंदर जितने भी अम्ल निर्माण करने वाले बैक्टीरिया होते हैं, बे गोबर को सड़ाना चालू कर देते हैं। ऐसा करने से गोबर के अंदर उपस्थित डिग्रेडेबल ऑर्गेनिक कंपाउंड एक्टिवेट होने लगता है। अम्ल निर्माण के चरण में अम्ल का निर्माण बैक्टीरिया द्वारा गोबर की decomposing से किया जाता है, और ऑर्गेनिक एसिड उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। जिस कारण इस चरण को अम्ल निर्माण स्तर कहा जाता है।अगले चरण में Methanogen(मेथानोजेन) बैक्टीरिया जो कि ऑर्गेनिक एसिड से मीथेन का निर्माण करते हैं, एक्टिवेट हो जाते हैं। और इस प्रकार बायोगैस का निर्माण होता है।
बायोगैस का महत्व क्या है? What is the importance of Bio-gas?
अब हम आपको बायोगैस की कुछ महत्वता को बताने जा रहे हैं। अतः आप इस आर्टिकल बायोगैस क्या है को अंत तक जरूर पढ़ें आपको बायोगैस के बारे में एक अच्छी नॉलेज हो जाएगी। बायोगैस के महत्व में निम्न प्रकार हैं –
- बायोगैस के उत्पादन तथा प्रयोग में किसी प्रकार का कोई भी प्रदूषण नहीं होता है। अतः यह कहा जा सकता है कि बायोगैस पर्यावरण प्रिय होती है।
- बायोगैस के उत्पादन के लिए जिन कच्चे पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, गांव – देहात क्षेत्र में वे पदार्थ आसानी से काफी मात्रा में प्राप्त हो जाते हैं।
- बायोगैस के उत्पादन से ऊर्जा का स्रोत प्राप्त होता है। इसके उत्पादन से पेड़ों की कटाई में कमी आती है और पर्यावरण स्वस्थ बना रहता है।
- गांव के कूड़े कचरे को तथा गोबर आदि को बायोगैस के कच्चे पदार्थ की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इससे जगह-जगह पर कूड़ा कचरा नहीं फैला रहता है और हमारा पर्यावरण साफ व स्वच्छ दिखाई देता हैं।
- जब बायोगैस में प्रयुक्त गोबर अपनी बायोगैस उत्पादन की क्षमता खो देता है, तब जो अंत में उत्पाद प्राप्त होता है उसे खेतों में डालकर खाद की तरह प्रयोग किया जाता है। यह एक बहुत अच्छी ऑर्गेनिक खाद कहलाती है, जो खेतों की उर्वरा क्षमता को काफी बढ़ा देती है।
बायोगैस संयंत्र निर्माण करने के लिए कुछ प्रमुख बातें Some Important points to be remember for creating a bio-gas plant.
इस संयंत्र का निर्माण करने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है जो हम आगे अपने आर्टिकल बायोगैस क्या है में बताने जा रहे हैं। बायोगैस संयंत्र निर्माण की कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं –
- जिस जगह हमें यह बायोगैस प्लांट लगाना है वहां की जमीन समतल होनी चाहिए। इसके साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उसके आसपास पानी ना भरा रहता हो।
- जमीन की मिट्टी ज्यादा कोमल नहीं होनी चाहिए और इसकी क्षमता लगभग 2 kg/cm² होनी चाहिए।
- जिस जगह इस बायोगैस का प्रयोग किया जाएगा, उस जगह के नजदीक ही बायोगैस संयंत्र बनाना चाहिए।
- पानी का स्तर ज्यादा अधिक ऊंचा नही होना चाहिए।
- संयंत्र का निर्माण ऐसी जगह पर करना चाहिए जहां पर कोई बड़ा वृक्ष ना हो। क्योंकि ऐसा हो सकता है की उस बड़े वृक्ष की जड़ें बायोगैस संयंत्र में घुस जाएं।
- बायोगैस संयंत्र में हवा आने व जाने की पर्याप्त व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।
- इस संयंत्र का आकार, प्रतिदिन उपलब्ध गोबर की मात्रा के आधार पर ही करना चाहिए।
- लगभग 3 घन मीटर बायोगैस का उत्पादन करने के लिए, 75 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है, अतः उचित व्यय व निर्माण के मापदंडों का प्रयोग करके ही बायोगैस के षड्यंत्र का आकार निर्धारित करें।
बायोगैस का मुख्य अवयव क्या है? What is the main component of Bio-gas?
यह गैस एक प्रकार का मिश्रण है जो विभिन्न गैसों से मिलकर बनी होती है। इसमें मुख्य रूप से मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड होते हैं। परंतु सबसे अधिक मात्रा में इसमें मेथेन गैस ही होती है। प्रतिशत के हिसाब से 55 से 75% तक मिथेन गैस पाई जाती है। कार्बन डाई ऑक्साइड का प्रतिशत लगभग 20 से 50% तक होता है। अन्य कुछ गैसे, जैसे कि कुछ मात्रा में हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया आदि भी सूक्ष्म मात्रा में मिलती हैं।
बायोगैस का उपयोग Uses of Bio-gas
आर्टिकल बायोगैस क्या है के अंतिम चरण में अब हम इस जैविक गैस के उपयोगों के बारे में मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालेंगे। बायोगैस के उपयोग निम्न लिखित दिए गए हैं –
- इस गैस का सर्वप्रथम प्रयोग रसोई के ईंधन के रूप में किया जाता है। बायोगैस निर्माण के बाद घरों में खाना बनाने के लिए अत्यधिक इस गैस का इस्तेमाल होता है।
- बायोगैस के बचे अपशिष्ट पदार्थ का प्रयोग खेतो में खाद के रूप में होता है। क्युकी ऐसा करने से यह खेतों की उर्वरक क्षमता को कई गुना तक बढ़ा देती हैं।
- घरों में प्रकाश के लिए बायोगैस का अच्छा उपयोग किया जाता है। उत्पादन की क्षमता के अनुसार ये बिजली का उत्पादन करती है।
- बायोगैस के इस्तेमाल से पेट्रोल तथा डीजल की खपत को भी कुछ प्रतिशत कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
आशा करता हूँ की आपको आलेख पसंद आया होगा साथ ही इसके विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी प्राप्त की। रसायन विज्ञान के इस आर्टिकल बायोगैस क्या है से संबंधित यदि आपका कोई भी प्रशन है तो आप नीचे टिप्पणी वाले बॉक्स में हम से पूछ सकते हैं। हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं हमारे वेबसाईट पर विज़िट करने के लिए धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो।