जिंक ब्लेंड से जिंक का निष्कर्षण,जिंक(जस्ता),उपयोग,रासायनिक अभिक्रिया
संकेत | Zn |
परमाणु संख्या | 30 |
द्रव्यमान संख्या | 65 |
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास | 4S2 3d10 |
समूह या वर्ग संख्या | II B या 12 |
अवार्त संख्या | 4 |
ब्लॉक | d – ब्लॉक |
संयोजकता | 2 |
जिंक का अयस्क संयुक्त अवस्था में पाया जाता है जिंक का महत्वपूर्ण अयस्क निम्नलिखित है
जिंक ब्लेंड – ZnS
कैलेंमाइन – ZnCO3
जिंकाइट – ZnO इन सबो में जस्ता का प्रमुख अयस्क जिंक ब्लेंड है तथा इसी अयस्क द्वारा जस्ता का निष्कर्षण बड़े पैमाने पर किया जाता है |
जिंक ब्लैंड से जस्ता का निष्कर्षण
जिंक ब्लैंड से जस्ता के निष्कर्षण में निम्नलिखित चरणों को पूरा किया जाता है
अयस्क का सान्द्रण
सर्वप्रथम अयस्क का महीनचूर्ण कर लिया जाता है तथा इसका सान्द्रंण फेन उप्लावन विधि द्वारा कर लिया जाता है |
अयस्क का जारण
अब सान्द्रित अयस्क को हवा की उपस्थिति में एक भठी में 9000 C पर जारित किया जाता है जारन के पश्चात् Zinc oxide में हो जाता है |
2ZnS + 3O2 2ZnO + 2SO2 ↑
जिंक ब्लेंड जिंक ऑक्साइड
जिंक ऑक्साइड का अवकरण
इस प्रकार प्राप्त जिंक ऑक्साइड का अवकरण 14000 c पर कार्बन द्वारा करायी जाती है अतः इस विधि को कार्बन –अवकरण विधि कहा जाता है|अवकरण के पश्चात जस्ता धातु प्राप्त हो जाता है |
ZnO + C Zn + CO ↑
इस द्रवित जिंक को कुछ देर ठण्डा होने के लिए छोड़ दिया जाता है जिसमे यह ठोस के रूप में परिवर्तित हो जाता है तथा इस ठोस जस्ते को स्पेल्टर कहा जाता है |
जिंक का शुद्धिकरण
इस प्रकार प्राप्त जस्ते का शुद्धिकरण किया जाता है इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए इनका शुद्धिकरण किया जाता है | इसके लिए एक विधुत घट जिसमे 15% ZnSO4 तथा 5% H2SO4 का मिश्रण उपस्थित रहता है | जब विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तब जस्ता धातु कैथोड पर जमा होने लगता है जबकि अशुदियां एनोड पर जमा होने लगता है इस प्रकार प्राप्त जस्ता 99.9% शुद्ध रहता है |
Anode Zn → Zn++ + 2e–
Cathode Zn++ + 2e– → Zn (जिंक)
जिंक का भौतिक गुण
- जस्ता एक नीले सफ़ेद रंग का धातु है
- कमरे के तापक्रम पर यह भुर- भूरा हो जाता है परन्तु 120 – 2000 c पर यह तन्य हो जाता है |
- यह ऊष्मा एवं विधुत का सुचालक होता है |
- इसका गलनांक 4200 c and कव्थनांक 9070 c है |
जस्ते का रासायनिक गुण
वायु से अभिक्रिया -जब जस्ता धातु को हवा कि उपस्थिति में 10000 c पर गर्म किया जाता है तब जिंक ऑक्साइड प्राप्त होता है |
जल के साथ अभिक्रिया -शुद्ध जस्ता जल से अभिक्रिया नहीं करता परन्तु यदि तप्त अशुद् जस्ते पर जलवाष्प प्रवाहित किया जाता है तब जिंक ऑक्साइड प्राप्त होता है
Zn + H2O → ZnO + H2 ↑
जिंक जिंक ऑक्साइड
इस प्रकार प्राप्त ZnO नीले सफ़ेद रंग का होता है जिसे दार्शनिको का अनु कहा जाता है |
Action of Halogen and Sulpher
जस्ते की प्रतिक्रिया chlorine से कराने पर Chloride and सल्फर के साथ सल्फाइड बनता है |
Zn + Cl2 ZnCl2
Zn + S Zns
Action Of NaOH
जस्ते की प्रतिक्रिया NaOH के कराने पर सोडियम जिंकाएट बनता है |
Zn + 2NaOH → Na2ZnO2 + H2 ↑
Action of H2O4
जस्ता H2SO4 से प्रतिक्रिया करके क्रमशः H2 and SO2 गैस बनता है |
Zn + H2SO4 dil. ZnSO4 + H2 ↑
Zn + H2SO4 Conc. ZnSO4 + 2H2O + SO4 ↑
Action of HCl
जस्ते की प्रतिक्रिया dil. HCl से करने पर ZnCl2 and H2 बनता है |
Zn + 2HCl dil. ZnCl2 + H2 ↑
इस वेबसाइट से हिंदी माध्यम में पढ़ रहे सभी छात्र / छात्रा को किसी भी बोर्ड परीक्षा में प्रशन रामबाण साबित होता है इसलिए अगर आपको अच्छा लगा हो और भी मित्रों को शेयर करें ताकि आपका दोस्त भी परीक्षा में टॉप करें