11th क्लास Chapter-2 परमाणु की संरचना

रसायन विज्ञान

अध्याय-2:परमाणु की संरचना

रदरफोर्डका अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग

गीगर एवं मार्सडन (रदरफोर्डकेछात्र) ने सोने की पतली पन्नी पर 4-कणों की बौछार करके इनके प्रकीर्णन को विश्लेषित करके निम्न प्रेक्षण प्राप्त किए

  1. अधिकांश -कण पन्नी से सीधे गुजर जाते हैं।
  2. कुछ कणअल्प कोण से विचलित होते हैं।
  3. बहुतकमकण (1000 में 1) 90° सेअधिककोणसेविचलितहोतेहैं।
  4. बहुत ही कम कण सीधे वापस लौट आते हैंअर्थात् 180° के कोण से विचलित होते हैं।

वर्ष 1911  में रदरफोड ने सफलतापूर्वक नाभिकीय मॉडल द्वारा alpha-कणों के प्रकीर्णन की व्यख्या की। लक्ष्य द्वारा theta कोण पर प्रकीर्णित alpha कणों की संख्या

जहाँ

Nθ= प्रकीर्णक के एकांक क्षेत्रफल पर टकराने वाले alpha कणों की संख्या

N= प्रतिमीटर  पर लक्ष्य परमाणुओं की संख्याt= लक्ष्य की मोटाई

Z e= लक्ष्य नाभिक का आवेश,

2e=alpha -कण पर आवेश,

R=लक्य से पदें की दूरी,

v0=निकटतमउपगमनकीदूरीपर alpha-कण का वेग।

नाभिक के केन्द्र से वह न्यूनतम दूरी जहाँ तक -कण पहुँचता है निकटतम पहुँच दूरी  r0 (उपगमन की दूरी) कहलाती है।इस दूरी पर alpha कण की सम्पूर्ण गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन हो जाता है

अत :निकटतम उपगमन की दूरी

जहाँ ER, आपतित कण की गतिज ऊर्जा है

रदरफोर्डकापरमाणुमॉडल

alpha कणकेप्रकीर्णनकेप्रयोगोंकेनिष्कर्षोंकेआधारपररदरफोर्डनेएकमॉडलदिया, जिसेरदरफोर्डमॉडलकहतेहैं।इसमॉडलकेअनुसार,

  • परमाणु केकेन्द्रपरलगभग 10-14 मीकानाभिकहोताहैजिसमेंपरमागुकासमस्तघनात्मकआवेशतथाद्रव्यमानकेन्द्रितहोताहै।नाभिकपर +Ze आवेशहोताहै, जहाँ Z अवयवकापरमाणुक्रमांकहै।
  • इलेक्ट्रॉन (ऋणात्मकआवेशितकण) लगभग 10-10 मीत्रिज्याकेखोखलेगोलेकेभीतरबँटेरहतेहैं।
  • इलेक्ट्रानों काकुलऋणात्मकआवेशनाभिककेधनात्मकआवेशकेबराबरहोताहै।
  • इलेक्ट्रॉन, नाभिककेचारोंऔरस्थिरनहींरहतेहैं, अन्यथानाभिककेधनात्मकआवेशकेआकर्पणकेकारणइलेक्ट्रॉननाभिकमेंगिरजातेतथापरमाणुअस्थायीहोजाता।अत: रदरफोर्डनेमानाकिइलेक्ट्रॉननाभिककेचारोंओरवृत्तीयकक्षाओंमेंघूमतेहै।

रदरफोर्डपरमाणुमॉडलकेदोष

  1. परमाणु स्थायित्व यह मॉडल परमाणु के स्थायित्व को नहीं समझा सका, क्योंकि चिरसम्मतविद्युत-चुम्बकत्वकेसिद्धान्तकेअनुसारएकत्वरितआवेशऊर्जाउत्सर्जितकरताहै।

अत :वृत्तीयकक्षाओंमेंघूमरहेइलेक्ट्रॉनभीऊर्जाउत्सर्जितकरेंगेऔरइलेक्ट्रॉनधीरे-धीरेअपनीऊर्जाखोदेगाअर्थात्इनकेवृत्तीयकक्षाकीत्रिज्याकमहोतीजाएगीऔरअन्ततःइलेक्ट्रॉननाभिकमेंगिरजाएगा

  1. इसमॉडलकेआधारपरपरमाणुकास्पेक्ट्रमसतत्होनाचाहिएपरन्तुव्यवहारिकरूपसेरेखीयस्पेक्ट्रम (असतत्) प्राप्तहोताहै।
  2. यहनाभिककेचारोंओरइलेक्ट्रॉनवितरणकोनसमझासका।

बोहरकापरमाणुमॉडल

नीलबोहरनेएकपरमाणुमॉडलप्रस्तुतकियाजोप्लांकतथाआइन्सटीनद्वाराप्रतिपादितविकिरणकेक्वाण्टमसिद्धान्तपरआधारितथा।उन्होंनेरदरफोर्डकेपरमाणुमॉडलमेंमैक्सप्लांककेसिद्धान्तकीअवधारणाकाप्रयोगकररदरफोर्डमॉडलकीकमियोंकोदूरकियाथा।

इसकेलियेउन्होंनेनिम्नलिखितपरिकल्पनायेंप्रस्तुतकी

  • इलेक्ट्रॉनकेवलउन्हींकक्षाओंमेंघूमसकतेहैंजिनमेंउनकाकोणीयसंवेग h/2pi कापूर्णगुणजहो, जहाँ h प्लांककासार्वत्रिकनियतांकहै।

जहाँ n एकपूर्णांकहै (n = 1, 2, 3, …..) जिसेकक्षाकी ‘क्रमसंख्या‘ अथवा‘ मुख्यक्वाण्टमसंख्या‘ कहतेहैं।इससमीकरणकोबोहरकाक्वाण्टीकरणप्रतिबन्धकहतेहैं।

  • स्थायीकक्षाओंमेंघूमतेसमयइलेक्ट्रॉनऊर्जाकाउत्सर्जननहींकरते, यद्यपिउनमेंअभिकेन्द्रत्वरणहोताहै।अतःपरमाणुकास्थायित्वबनारहताहै।
  • जबपरमाणुकोकिसीकारणवशबाहरसेऊर्जामिलतीहैतोउसकाकोईइलेक्ट्रॉनअपनीनिश्चितकक्षाकोछोड़करकिसीऊँचीकक्षामेंचलाजाताहै।परमाणुकीयहअवस्था ‘उत्तेजितअवस्था‘ कहलातीहै

यदिऊँचीकक्षामेंइलेक्ट्रॉनकीऊर्जा E1, होतथानीचीकक्षा E2हो, तोउत्सर्जिततरंगोंकीआवृत्तिनिम्नसमीकरणकेअनुसारहोतीहै

Hv = E2– E1

बोहरकेमॉडलकेअनुसार:-परमाणुमेंइलेक्ट्रॉनधनआवेशितनाभिककेचारोंओरस्थायीकक्षाओंमेंचक्करलगातेहैं।विभिन्नकक्षाओंमेंइलेक्ट्रॉनकीऊर्जाभिन्न-भिन्नहोतीहै।इनकक्षाओंकोहीऊर्जास्तरकहाजाताहै।

बोहरपरमाणुमॉडलकेदोष

  1. यहकेवलएकल-इलेक्ट्रॉनपरमाणुकेलिएसत्यहै H, He ‘, Li + 2, Na + 1 इत्यादि।
  2. बोहरकेअनुसारकक्षायेंवृत्तीयहोतीहैंजबकिबादमेंसमरफील्डनेबतायाकियेदीर्घवृत्तीयहैं।
  3. स्पेक्ट्रमीरेखाओंकीतीव्रताकीव्याख्यानहींकीजासकी।
  4. नाभिककोस्थिरमानागयाहैजबकियहअपनेअक्षकेपरितःघूर्णनकरताहै।
  5. स्पेक्ट्रममेंप्राप्तसूक्ष्मसंरचनाओंकीव्याख्यानहींकीजासकी।
  6. यहजीमेनप्रभाव (चुम्बकीयक्षेत्रमेंस्पेक्ट्रमीरेखाओंकाअलग-अलगहोना) एवंस्टार्कप्रभाव (विद्युतक्षेत्रमेंस्पेक्ट्रमीरेखाओंकाअलग-अलगहोना) कीव्याख्यानहींकरसका।

n वेंकक्षककीत्रिज्या

n वेंकक्षकमेंइलेक्ट्रॉनकीकक्षीयचाल

इलेक्ट्रॉनकीकक्षीयआवृत्ति

इलेक्ट्रॉनकाआवर्तकाल,

या

इलेक्ट्रॉनकीगतिजऊर्जा,

इलेक्ट्रॉनकीस्थितिजऊर्जा,

कुलऊर्जा

 

यहाँरिडबर्गनियतांक

हाइड्रोजनस्पेक्ट्रम

यदिविसर्जननलीमेंहाइड्रोजनगैसलेकरनिम्नदाबकेअन्तर्गतउसमेंसेविद्युतविसर्जनगुजाराजायेतथाउत्सर्जित (लालरंग) किरणकास्पेक्ट्रोग्राफकीसहायतासेविश्लेषणकियाजायेतो UV, दृश्यतथा IR क्षेत्रोंमेंतीव्ररेखाओंकीश्रेणियोंसेबनास्पेक्ट्रमपायाजाताहै।रेखाओंकीयहश्रेणियाँहाइड्रोजनकारैखिकयापरमाणुस्पेक्ट्रमकहलातीहैं।दृश्यक्षेत्रमेंरेखायेंफोटोग्राफिकपर्देपरप्रत्यक्षदेखीजासकतीहैं।

  • हाइड्रोजन स्पेक्ट्रमरैखिकउत्सर्जनस्पेक्ट्रमऔरपरमाणुउत्सर्जनस्पेक्ट्रमअथवाअसतत्स्पेक्ट्रमकाउदाहरणहै।
  • यह प्रकाशविभिन्नविलगिततीव्ररेखाओंकाअसतत्रेखीयवर्णक्रमदर्शाताहै।
  • स्पेक्ट्रमकीप्रत्येकरेखानिश्चिततरंगदैर्ध्यकेप्रकाशकेअनुरूपहोतीहै।सम्पूर्णस्पेक्ट्रमरेखाओंकाबनाहोताहै, प्रत्येकश्रेणीकोउसकेखोजकर्ताकेनामपरनामदियागयाहै।

हाइड्रोजनस्पेक्ट्रमपरमाणुस्पेक्ट्रम

बोहरनेहाइड्रोजनकेस्पेक्ट्रमकाअध्ययनकिया।इसस्पेक्ट्रममेंकालीपृष्ठभूमिपरपृथक्- पृथक्चमकीलीरेखायेंहोतीहैं।इनरेखाओंको Halpha, Hbeta, Hgamma, Hdelta, …कहतेहैं।बॉमरनेसन् 1885 मेंयहज्ञातकियाकिबॉमरश्रेणीकीसभीरेखाओंकीतरंगदैर्ध्य (λ) =

N2 =3, 4, 5 ….

जहाँ R एकनियतांकहैजिसे ‘रिडबर्गकानियतांक‘ कहतेहैंतथाइसकामान 1.097×107 प्रतिमीटरहै।

बॉमरश्रेणीकीकईरेखायेंस्पेक्ट्रमकेदृश्यभागमेंहोतीहैं।

स्पेक्ट्रमकेअदृश्यभागमेंभीअन्यश्रेणियाँप्राप्तकीगईहैंजैसेलाइमनश्रेणीपराबैंगनीभागमेंतथापाश्चन, ब्रैकेटवफुण्डश्रेणियाँअवरक्तभागमेंप्राप्तहुईं।

इनविभिन्नश्रेणियोंकीरेखाओंकीतंरगदैर्ध्य

  1. लाइमन श्रेणी n1=1 केलिए (पराबैंगनीक्षेत्र)

जहाँ  n2=2,3,4, …

  1. बॉमरश्रेणी n1 = 2 केलिए (दृश्यक्षेत्र)

जहाँ  n2 =3,4,5, …

  • पाश्चनश्रेणी n1 = 3 केलिए (अवरक्तक्षेत्र)

जहाँ  n2=4,5,6, …

  1. ब्रैकेटश्रेणी n1 = 4 केलिए (अवरक्तक्षेत्र)

जहाँ  n2=5,6,7, …

  1. फुण्डश्रेणी n1 = 5 केलिए (सुदूरअवरक्तक्षेत्र)

जहाँ n2=6,7,8, …

 

 

NCERT SOLUTIONS

अभ्यास (पृष्ठसंख्या68-72)

प्रश्न1

  1. एक ग्राम भार में इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
  2. एक मोल इलेक्ट्रॉनों के द्रव्यमान और आवेश का परिकलन कीजिए।

उत्तर-

  1. एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान

∴ एक ग्राम भार में इलेक्ट्रॉनों की संख्या

  1. एक मोल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या =6.022×1023

एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान =9.1094×10−31kg

एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश =1.6022×10−19C

∴ एक मोल इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान =9.1094×10−31×6.022×1023

=5.48×10−7kg

एक मोल इलेक्ट्रान का आवेश =1.0622×10−19×6.022×1023=9.65×104C

प्रश्न2

  1. मेथेन के एक मोल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
  2. 7mg14C में न्यूट्रॉनों की-
  3. कुल संख्या,
  4. कुल द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। (न्यूट्रॉन का द्रव्यमान =1.675 × 10-27kg मान लीजिए।)
  • मानक ताप और दाब(STP) पर 34mg NH3 में प्रोटॉनों की-
  1. कुल संख्या,
  2. कुल द्रव्यमान बताइए।

दाब और ताप में परिवर्तन से क्या उत्तर परिवर्तित हो जाएगा?

उत्तर-

  1. CH4 के मोलो में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6 + (1 × 4) = 10

मेथेन के एक मोल में 6.022 × 1023

अतः मेथेन के एक मोल में उपस्थित कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या, =10 × 6.022 × 1023 = 6.022 × 1024

  1. NH3 के एक एक अणु में प्रोटॉनों की संख्या

= 7 + (1 × 3) = 10

S.T.P पर एक मोल अमोनिया (17g) में 6.022 × 1023 अणु उपस्थित रहते है।

∴ 34mg (0.034g) अमोनिया में उपस्थित अणुओ की संख्या,

अतः 34mg अमोनिया में प्रोटॉनों की संख्या

  1. 34mg अमोनिया में प्रोटॉनों का कुल द्रव्यमान-

(1 प्रोटॉन का द्रव्यमान =1.67262×10−27kg)

गणना किए गए मानो पर ताप एवं दाब में परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न3निम्नलिखित नाभिकों में उपस्थित न्यूट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बताइए-

उत्तर-

प्रश्न4नीचे दिए गए परमाणु द्रव्यमान (A) और परमाणु संख्या (Z) वाले परमाणुओं का पूर्ण प्रतीक लिखिए-

  1. Z = 17, A = 35.
  2. Z = 92, A = 233.
  • Z = 4, A = 9.

उत्तर-

प्रश्न5सोडियम लैम्प द्वारा उत्सर्जित पीले प्रकाश की तरंग-दैर्घ्य (λ)580nm है। इसकी आवृत्ति (v) और तरंग-संख्या  की परिकलन कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न6ऐसे फोटॉन की ऊर्जा ज्ञात कीजिए-

  1. जो 3 × 1016Hz आवृत्ति वाले प्रकाश के संगत हो।

उत्तर-

प्रश्न72.0 × 10-10s काल वाली प्रकाश तरंग की तरंग-दैर्घ्य, आवृत्ति और तरंग-संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न8ऐसा प्रकाश, जिसकी तरंग-दैर्घ्य 4000pm हो और जो 1J ऊर्जा दे, के फोटॉनों की संख्या बताइए।

उत्तर-

प्रश्न9यदि 4 × 10-7m तरंगदैर्घ्य वाला एक फोटॉन 2.13ev कार्यफलन वाली धातु की सतह से टकराता है तो-

  1. फोटॉन की ऊर्जा (ev में)
  2. उत्सर्जन की गतिज ऊर्जा और
  • प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन के वेग का परिकलन कीजिए। (1eV = 1,6020 × 10-19J)

उत्तर-आइन्स्टीन की प्रकाश विद्युतीय समीकरण के अनुसार,

इस स्थति में,

प्रश्न10सोडियम परमाणु के आयनंन के लिए 242nm तरंगदैर्ध्य की विद्युत-चुम्बकीय विकिरण पर्याप्त होती है। सोडियम की आयनन ऊर्जा kJmol-1 में ज्ञात कीजिए।

उत्तर-प्रति परमाणु सोडियम की आयनन ऊर्जा = प्रयुक्त प्रकाश की ऊर्जा-

प्रश्न1125 वॉट का एक बल्ब 0.57μm तरंगदैर्घ्य वाले पीले रंग का एकवर्णी प्रकाश उत्पन्न करता है। प्रति सेकण्ड क्वाण्टा के उत्सर्जन की दर ज्ञात कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न12

उत्तर-

प्रश्न13जब हाइड्रोजन परमाणु के n = 4 ऊर्जा स्तर से n = 2 ऊर्जा स्तर में इलेक्ट्रॉन जाता है, तो किस तरंग-दैर्घ्य का प्रकाश उत्सर्जित होगा?

उत्तर-हाइड्रोजन में nth कोश को दी गयी ऊर्जा-

प्रश्न14यदि इलेक्ट्राॅन n= 5 कक्षक में उपस्थित हो, तो H परमाणु के आयनन के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी? अपने उत्तर की तुलना हाइड्रोजन परमाणु के आयनन एन्थैल्पी से कीजिए।

(आयनन एन्थैल्पी n = 1 कक्षक से इलेक्ट्राॅन को निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा होती है।)

उत्तर-प्रस्तुत स्थिति में, आयनन प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण n=5 कोश से n=∞ कोश में होगा।

अत: आयनन एन्थैल्पी (वह ऊर्जा जो इलेक्ट्रॉन को n = 1 कोश से निकालने के लिए आवश्यक होती है) इलेक्ट्रॉन को n = 5 कक्षक से निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा का 25 गुना है।

प्रश्न15जब हाइड्रोजन परमाणु में उत्तेजित इलेक्ट्रॉन = 6 से मूल अवस्था में जाता है तो प्राप्त उत्सर्जित रेखाओं की अधिकतम संख्या क्या होगी?

उत्तर-उत्सर्जित रेखाओं की प्राप्त संख्या 15 होगी। यह निम्न संक्रमणों के कारण प्राप्त होंगी-

प्रश्न16

  1. हाइड्रोजन के प्रथम कक्षक से सम्बन्धित ऊर्जा -2.18 × 10-18J atom-1 है पाँचवें कक्षक से सम्बन्धित ऊर्जा बताइए।
  2. हाइड्रोजन परमाणु के पाँचवें बोर कक्षक की त्रिज्या की गणना कीजिए।

उत्तर-

  1. हाइड्रोजन परमाणु के लिए-

प्रश्न17हाइड्रोजन परमाणु की बामर श्रेणी में अधिकतम तरंग-दैर्घ्य वाले संक्रमण की तरंग-संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-बामर श्रेणी में अधिकतम तरंगदैर्घ्य वाले संक्रमण के लिए-

प्रश्न18हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन को पहली कक्ष से पाँचवीं कक्ष तक ले जाने के लिए आवश्यक ऊर्जा की जूल में गणना कीजिए। जब यह इलेक्ट्रॉन तलस्थ अवस्था में लौटता है तो किस तरंग-दैर्घ्य का प्रकाश उत्सर्जित होगा? (इलेक्ट्रॉन की तलस्थ अवस्था ऊर्जा -2.18 × 10-11 ergs है)।

उत्तर-

उत्तेजित इलेक्ट्रॉन के तलस्थ अवस्था में लौटने पर समान ऊर्जा मुक्त होती है।

प्रश्न19हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा  द्वारा दी जाती है। n=2 कक्षा से इलेक्ट्रॉन को पूरी तरह निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए। प्रकाश की सबसे लम्बी तरंग-दैर्घ्य (cm में) क्या होगी जिसका प्रयोग इस संक्रमण में किया जा सके?

उत्तर-

इलेक्ट्रॉन को n = 2 कक्षक से निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा,

प्रश्न202.05 × 107ms-1 वेग से गति कर रहे किसी इलेक्ट्रॉन का तरंग-दैर्ध्य क्या होगी?

उत्तर-डी-ब्रॉग्ली समीकरण के अनुसार-

प्रश्न21इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 × 10-31kg है। यदि इसकी गतिज ऊर्जा 3.0 × 10-25J हो तो इसकी तरंग-दैर्घ्य की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न22निम्नलिखित में से कौन सम-आयनी स्पीशीज हैं, अर्थात् किनमें इलेक्ट्रॉनों की समान संख्या है?

Na+, K+, Mg2+, Ca2+, S2-, Ar

उत्तर-Na+ = 11 – 1 = 10, K+ = 19 – 1 = 18,

Mg2+ = 12 – 2 = 10, Ca2+ = 20 – 2 = 18

s2- = 16 + 2 = 18, Ar = 18

अतः सम-आयनी स्पीशीज K+, Ca2+, S2-, Ar हैं (इनमें प्रत्येक में 18 इलेक्ट्रॉन हैं)।

सम-आयनी स्पीशीज Na+ तथा Mg2+ हैं (इसमें प्रत्येक में 10 इलेक्ट्रॉन हैं)।

प्रश्न23

  1. निम्नलिखित आयनो का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए-
  2. H-
  3. Na+
  4. O2-
  5. F-
  6. उन तत्वों की परमाणु संख्या बताइए जिनके सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉनों को निम्नलिखित रूप में दर्शाया जाता है-
  7. 3s1
  8. 2p3
  9. 3p5
  • निम्नलिखित विन्यासों वाले परमाणुओं के नाम बताइए-
  1. [He] 2s1
  2. [Ne] 3s2 3p3
  3. [Ar] 4s2 3d1

उत्तर-

  1. H : 1s2
  2. Na+ : 1s2, 2s2, 2p6
  3. O2- : 1s2, 2s2, 2p6
  4. F : 1s2, 2s2, 2p6
  5. Z = 11 : 1s2 2s2 2p6 3s1
  6. Z = 7 : 1s2 2s2 2p3
  7. Z = 17 : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p5
  1. 1s2 2s1 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास युक्त परमाणु Li (लीथियम) है।
  2. 1s2 2s2 2p6 3s2 3p3 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास युक्त परमाणु P है।
  3. 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d1 4s2 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास युक्त परमाणु Sc है।

प्रश्न24किस निम्नतम n मान द्वारा g कक्षक का अस्तित्व अनुमत होगा?

उत्तर-g उपकोश के लिए, 1 = 4

चूँकि 1 का मान 0 तथा (n – 1) के बीच होता है, g कक्षक के अस्तित्व के लिए 2 का निम्नतम मान n = 5 होगा।

प्रश्न25एक इलेक्ट्रॉन किसी 3d कक्षक में है। इसके लिए n, l और ml के सम्भव मान दीजिए।

उत्तर-3d कक्षक के लिए, n = 3, l = 2

l = 2 के लिए, m1 = -2, -1, 0, +1, +2

इस प्रकार, दिये गये इलेक्ट्रॉन के लिए-

n = 3, 1 = 2, m1 = -2, -1, 0, +1, +2

प्रश्न26किसी तत्व के परमाणु में 29 इलेक्ट्रॉन और 35 न्यूट्रॉन हैं-

  1. इसमें प्रोटॉनों की संख्या बताइए।
  2. तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास बताइए।

उत्तर-एक उदासीन परमाणु के लिए Z = प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या

इसलिए, दिये गये तत्त्व का परमाणु क्रमांक (Z) = 29

इसमें उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = 29

दिये गये तत्व को इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न है-

1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s1 or [Ar]3d10 4s1

प्रश्न27 स्पीशीज में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताइए।

उत्तर-H2  में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 1 + 1=2

में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2 – 1 = 1

में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = (8 + 8) – 1 = 15

प्रश्न28

  1. किसी परमाणु कक्षक का n = 3 है। उसके लिए l और 2ml के सम्भव मान क्या होंगे?
  2. 3d कक्षक के इलेक्ट्रॉनों के लिए ml और l क्वाण्टम संख्याओं के मान बताइए।
  • निम्नलिखित में से कौन से कक्षक सम्भव हैं-

lp, 2s, 2p और 3f

उत्तर-

  1. जब n = 3, l = 0, 1, 2

l = 0 के लिए, ml = 0

l = 1 के लिए, ml = -1, 0, +1

  1. l = 2 कक्षक के लिए, ml = -2, -1, 0, +1, +2

∴ 3d कक्षक के लिए,

n = 3, l = 2, ml = -2, -1, 0, +1, +1

  • 1p : सम्भव नहीं है क्योंकि n = 1, l = 0 केवल (p के लिए, l = 1)

2s : सम्भव है क्योंकि जब n = 2, l = 0, 1 (s के लिए, l = 0)

2p : सम्भव है क्योंकि जब n = 2, l = 0, 1 (p के लिए, l = 1)

3f : सम्भव नहीं है क्योंकि जब n = 3, l = 0, 1, 2 (f के लिए, l = 3)

प्रश्न29s, p, d संकेतन द्वारा निम्नलिखित क्वाण्टम संख्याओं वाले कक्षकों को बताइए-

  1. n = 1, l = 0
  2. n = 3, l = 1
  • n = 4, l = 2
  1. n = 4, l = 3

उत्तर-

  1. as
  2. 3p
  • 4d
  1. 4f

प्रश्न30कारण देते हुए बताइए कि निम्नलिखित क्वाण्टम संख्या के कौन से मान सम्भव नहीं हैं-

उत्तर-

  1. सम्भव नहीं है, क्योंकि n का मान कभी शून्य नहीं होता।
  2. सम्भव है।
  • सम्भव नहीं है, क्योंकि जब n=1, 1= 0 केवल
  1. सम्भव है।
  2. सम्भव नहीं है, क्योंकि जब n= 3, 1= 0, 1, 2
  3. सम्भव है।

प्रश्न31किसी परमाणु में निम्नलिखित क्वाण्टम संख्याओं वाले कितने इलेक्ट्रॉन होंगे?

  1. n =3,l=0

उत्तर-n=4  कक्षक के लिए, इलेक्ट्रॉनों की सम्पूर्ण संख्या =2n2=2×(4)2=32

इनमें से आधे इलेक्ट्रॉनों के लिए तथा शेष आधे के लिए  होगा।

अत: n=4 तथा  युक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या 16 होगी।

n =3 तथा l=0 युक्त कक्षक के लिए

ml=0 तथा  तथा

इस प्रकार केवल दो इलेक्ट्रॉन होंगे।

प्रश्न32यह दर्शाइए कि हाइड्रोजन परमाणु की बोर कक्षा की परिधि उस कक्षा में गतिमान इलेक्ट्रॉन की दे-ब्राग्ली तरंग-दैर्घ्य को पूर्ण गुणक होती है।

उत्तर-बोर के सिद्धांत अनुसार-

दे-ब्राग्ली की समीकरण के अनुसार,

समीकरण (i) और (ii) से,

2πr बोर कक्षक की परिधि को इर्शाता है। इस प्रकार, हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर कक्षक की परिधि दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की पूर्ण गुणांक होगी।

प्रश्न33He+ स्पेक्ट्रम के n = 4 से n = 2 बामर संक्रमण से प्राप्त तरंग-दैर्घ्य के बराबर वाला संक्रमण हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में क्या होगा?

उत्तर-हाइड्रोजन जैसी स्पीशीज़ के लिए-

He+ स्पेक्ट्रम के लिए, Z=2

He+ स्पेक्ट्रम में बामर संक्रमण के लिए n2=4 तथा n1=2

H स्पेक्ट्रम में सामान तरंगदैर्घ्य के लिए संगत संक्रमण,

यह तभी सम्भव है जब n1 = 1 तथा ny = 2 हो। अत: H स्पेक्ट्रम में समान तरंगदैर्घ्य के लिए संगत संक्रमण n = 2 से n = 1 होगा।

प्रश्न34He+(g) → He2+ + (g) + e प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए।

हाइड्रोजन परमाणु की तलस्थ अवस्था में आयनन ऊर्जा 2.18 × 10-18J atom-1 है।

उत्तर-हाइड्रोजन जैसी स्पीशीज के लिए nth कक्षक की ऊर्जा निम्न व्यंजक से प्राप्त की जा सकती है-

प्रश्न35यदि कार्बन परमाणु का व्यास 0.15nm है तो उन कार्बन परमाणुओं की संख्या की गणना कीजिए जिन्हें 20cm स्केल की लम्बाई में एक-एक करके व्यवस्थित किया जा सकता है।

उत्तर-कार्बन परमाणु का व्यास = 0.15nm = 1.5 × 10-10m = 1.5 × 10-8cm

स्केल की लम्बाई जिसमें कार्बन परमाणु व्यवस्थित हैं = 20cm

∴ कार्बन परमाणुओं की संख्या जों स्केल की लम्बाई में एक-एक करके व्यवस्थित होंगे-

प्रश्न36कार्बन के 2 × 108 परमाणु एक कतार में व्यवस्थित हैं। यदि इस व्यवस्था की लम्बाई 2.4cm है तो कार्बन परमाणु के व्यास की गणना कीजिए।

उत्तर-कार्बन के 2 × 108 परमाणु एक कतार में 2.4cm की लम्बाई में व्यवस्थित है। अतः कार्बन परमाणु का व्यास

प्रश्न37

  1. जिंक परमाणु की त्रिज्या pm में तथा
  2. 1.6cm की लम्बाई में कतार में लगातार उपस्थित परमाणुओं की संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न38किसी कण का स्थिर विद्युत आवेश 2.5 × 10-16C है। इसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-एक इलेक्ट्रान का स्थिर विधुत आवेश

∴ दिए गए कण में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या

प्रश्न39मिलिकन के प्रयोग में तेल की बूंद पर चमकती x किरणों द्वारा प्राप्त स्थैतिक विद्युत-आवेश प्राप्त किया जाता है। तेल की बूंद पर यदि स्थैतिक विद्युत-आवेश -1.282 × 10-18c है तो इसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-इलेक्ट्रॉन द्वारा लिया गया आवेश = -1.6022 × 10-19C

∴ तेल की बूंद पर उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या

प्रश्न40रदरफोर्ड के प्रयोग में सोने, प्लैटिनम आदि भारी परमाणुओं की पतली पत्ती पर α कणों द्वारा बमबारी की जाती है। यदि ऐलुमिनियम आदि जैसे हल्के परमाणु की पतली पन्नी ली जाए तो उपर्युक्त परिणामों में क्या अन्तर होगा?

उत्तर-हल्के परमाणुओं जैसे एलुमिनियम के नाभिक छोटे तथा कम धन आवेश युक्त होते हैं। यदि इनका प्रयोग रदरफोर्ड के प्रयोग में 0 कणों द्वारा बमबारी के लिए किया जाये तो नाभिकों के छोटे होने के कारण अधिकतर कण लक्ष्य परमाणुओं से बिना टकराये ही बाहर निकल जायेंगे। जो कण नाभिक से टकरायेगें वे भी कम नाभिकीय आवेश के कारण अधिक विचलित नहीं होंगे।

प्रश्न41

उत्तर-एक तत्त्व के लिए परमाणु संख्या को मान स्थिर होता है, लेकिन द्रव्यमान संख्या का मान तत्त्व के समस्थानिक की प्रकृति पर निर्भर करता है। अतः द्रव्यमान संख्या को प्रतीक के साथ दर्शाना आवश्यक हो जाती है। परम्परा के अनुसार तत्त्व के प्रतीक में द्रव्यमान संख्या को ऊपर बायें तथा परमाणु संख्या को नीचे दायें ओर इस प्रकार लिखा जाता है-

प्रश्न42एक 81 द्रव्यमान संख्या वाले तत्व में प्रोटॉनों की तुलना में 31.7% न्यूट्रॉन अधिक हैं। इसका परमाणु प्रतीक लिखिए।

उत्तर-दिये गये तत्त्व की द्रव्यमान संख्या = 81

माना कि तत्व में p प्रोटॉन है।

इस प्रकार, तत्व का परमाणु क्रमांक = p =35, अर्थात तत्व ब्रोमीन है।

प्रश्न4337 द्रव्यमान संख्या वाले एक आयन पर ऋणावेश की एक इकाई है। यदि आयन में इलेक्ट्रॉन की तुलना में न्यूट्रॉन 11.1% अधिक है तो आयन का प्रतीक लिखिए।

उत्तर-माना कि आयन में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या x है।

∴  आयन में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या

चूँकि आयन में एक इकाई ऋणात्मक आवेश है। अतः पितृ परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या।

=x−1 और पितृ परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या =x−1

∴ प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या

(x−1)+1.111x=37

∴ प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक =(x−1)=18 – 1=17

प्रश्न4456 द्रव्यमान संख्या वाले एक आयन पर धनावेश की 3 इकाई हैं और इसमें इलेक्ट्रॉन की तुलना में 30.4% न्यूट्रॉन अधिक हैं। इस आयन का प्रतीक लिखिए।

उत्तर-माना कि आयन में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या x है।

∴ आयन में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या

चूँकि आयन में 3 इकाई धनात्मक आवेश है,

अत: पितृ परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = x + 3

और पितृ परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = x + 3

∴ प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या

प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक

प्रश्न45निम्नलिखित विकिरणों के प्रकारों को आवृत्ति के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-

  1. माइक्रोवेव ओवन (oven) से विकिरण
  2. यातायात-संकेत से त्रणमणि (amber) प्रकाश
  • एफ०एम० रेडियो से प्राप्त विकिरण
  1. बाहरी दिक् से कॉस्मिक किरणें
  2. x-किरणें।

उत्तर-FM < माइक्रोवेव < एम्बर प्रकाश < X-किरणें < कॉस्मिक किरणें।

प्रश्न46नाइट्रोजन लेजर 337.1nm की तरंगदैर्ध्य पर एक विकिरण उत्पन्न करती है। यदि उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या 5.6 × 10-24 हो तो इस लेजर की क्षमता की गणना कीजिए।

उत्तर-विकिरण की तरंगदैर्घ्य-

प्रश्न47निऑन गैस को सामान्यतः संकेत बोर्डों में प्रयुक्त किया जाता है। यदि यह 616nm पर प्रबलता से विकिरण-उत्सर्जन करती है तो-

  1. उत्सर्जन की आवृत्ति
  2. 30 सेकण्ड में इस विकिरण द्वारा तय की गई दूरी।
  • क्वाण्टम की ऊर्जा।
  1. उपस्थित क्वाण्टम की संख्या की गणना कीजिए। (यदि यह 2J की ऊर्जा उत्पन्न करती है)।

उत्तर-

  1. विकिरण का वेग (c) = 3.0 × 108ms-1

∴ 30 सेकण्ड में तय की गई दुरी = 30 × 3.0 × 108 = 9.0 × 109m

  • एक क्वाण्टम की ऊर्जा (E) = hv = (6.626 × 10-34) × 4.87 × 1014

= 3.227 × 10-19J

प्रश्न48खगोलीय प्रेक्षणों में दूरस्थ तारों से मिलने वाले संकेत बहुत कमजोर होते हैं। यदि फोटॉन संसूचक 600nm के विकिरण से कुल 3.15 × 10-18J प्राप्त करता है तो संसूचक द्वारा प्राप्त फोटॉनों की संख्या की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न49उत्तेजित अवस्थाओं में अणुओं के जीवनकाल का माप प्रायः लगभग नैनो-सेकण्ड परास वाले विकिरण स्रोत का उपयोग करके किया जाता है। यदि विकिरण स्रोत का काल 2ns और स्पन्दित विकिरण स्रोत के दौरान उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या 2.5 × 10-15 है तो स्रोत की ऊर्जा की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न50सबसे लम्बी द्विगुणित तरंगदैर्घ्य जिंक अवशोषण संक्रमण 589 और 589.6nm पर देखा जाता है। प्रत्येक संक्रमण की आवृत्ति और दो उत्तेजित अवस्थाओं के बीच ऊर्जा के अन्तर की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न51सीजियम परमाणु का कार्यफलन 1.9ev है तो-

  1. उत्सर्जित विकिरण की देहली तरंग-दैर्घ्य,
  2. देहली आवृत्ति की गणना कीजिए।

यदि सीजियम तत्व को 500nm की तरंगदैर्घ्य के साथ विकीर्णित किया जाए तो निकले हुए फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा और वेग की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न52जब सोडियम धातु को विभिन्न तरंग-दैघर्यो के साथ विकीर्णित किया जाता है, तो निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होते है-

500450400
2.554.355.35

देहली तरंगदैर्घ्य तथा प्लांक स्थिरांक की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्लांक स्थिरांक h का मान λ0 के मान को तीनो समीकरणों में से किसी एक में प्रतिस्थापित करने पर प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न53प्रकाश-विद्युत प्रभाव प्रयोग में सिल्वर धातु से फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन 0.35V की वोल्टता द्वारा रोका जा सकता है। जब 256.7nm के विकिरण का उपयोग किया जाता है तो सिल्वर धातु के लिए कार्यफलन की गणना कीजिए।

उत्तर-

फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा = उत्सर्जन को रोकने के लिए लगाया गया विभव =0.35eV

आपतित विकिरण की ऊर्जा = कार्यफलन + फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा

कार्यफलन (W0) = आपतित विकिरण की ऊर्जा – फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा

=(4.83−0.35)eV=4.48eV

प्रश्न54यदि 150pm तरंगदैर्घ्य का फोटॉन एक परमाणु से टकराता है और इसके अन्दर बँधा हुआ इलेक्ट्रॉन 1.5 × 107ms-1 वेग से बाहर निकलता है तो उस ऊर्जा की गणना कीजिए जिससे यह नाभिक से बँधा हुआ है।

उत्तर-

वह ऊर्जा जिससे इलेक्ट्रॉन नाभिक से बँधा हुआ है-

= आपतित विकिरण की ऊर्जा – उत्सर्जित इलेक्ट्रान की ऊर्जा

=(1.325×10−15)−(1.025×10−16)

=1.2225×10−15J=7.63×103eV

प्रश्न55पाश्चन श्रेणी का उत्सर्जन संक्रमण n कक्ष से आरम्भ होता है। कक्ष n = 3 में समाप्त होता है तथा इसे  से दर्शाया जा सकता है। यदि संक्रमण 1285nm पर प्रेक्षित होता है तो n के मान की गणना कीजिए तथा स्पेक्ट्रम का क्षेत्र बताइए।

उत्तर-प्रेक्षित संक्रमण की आवृति-

1285nm का विकिरण अवरक्त क्षेत्र से सम्बंधित है।

प्रश्न56उस उत्सर्जन संक्रमण के तरंग-दैर्घ्य की गणना कीजिए, जो 1.3225nm त्रिज्या वाले कक्ष से आरम्भ और 211.6pm पर समाप्त होता है। इस संक्रमण की श्रेणी का नाम और स्पेक्ट्रम का क्षेत्र भी बताइए।

उत्तर-मानते हुए कि निहित प्रतिदर्श एक H परमाणु है, nth कक्ष की त्रिज्या-

अतः n1 = 5 तथा n2​​​​​​​ = 5 अर्थात संक्रमण पाँचवे कक्षक से दूसरे कक्षक में होता है। यह संक्रमण बामर श्रेणी से सम्बंधित है। इस संक्रमण की तरंग संख्या

यह रेखा दृश्य क्षेत्र में रहेगी।

प्रश्न57दे-ब्रॉग्ली द्वारा प्रतिपादित द्रव्य के दोहरे व्यवहार से इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज हुई, जिसे जैव अणुओं और अन्य प्रकार के पदार्थों की अति आवधित प्रतिबिम्ब के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस सूक्ष्मदर्शी में यदि इलेक्ट्रॉन का वेग 1.6 × 106ms-1 है। तो इस इलेक्ट्रॉन से सम्बन्धित दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए।

उत्तर-इलेक्ट्रॉन की दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य-

प्रश्न58इलेक्ट्रॉन विवर्तन के समान न्यूट्रॉन विवर्तन सूक्ष्मदर्शी को अणुओं की संरचना के निर्धारण में प्रयुक्त किया जाता है। यदि यहाँ 800pm की तरंगदैर्घ्य ली जाए तो न्यूट्रॉन से सम्बन्धित अभिलाक्षणिक वेग की गणना कीजिए।

उत्तर-न्यूट्रॉन का द्रव्यमान = 1.675 × 10-27kg

दे-ब्रॉग्ली समीकरण के अनुसार,

प्रश्न59यदि बोर के प्रथम कक्ष में इलेक्ट्रॉन का वेग 2.9 × 106ms-1 है तो इससे सम्बन्धित दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न60एक प्रोटॉन, जो 1000v के विभवान्तर में गति कर रहा है, से सम्बन्धित वेग 4.37×105ms-1 है। यदि 0.1kg द्रव्यमान की हॉकी की गेंद इस वेग से गतिमान है तो इससे सम्बन्धित तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न61यदि एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति ±0.002nm की शुद्धता से मापी जाती है तो इलेक्ट्रॉन के संवेग में अनिश्चितता की गणना कीजिए। यदि इलेक्ट्रॉन का संवेग  है तो । क्या इस मान को निकालने में कोई कठिनाई होगी?

उत्तर-प्रश्नानुसार, Ax = 0.002nm = 2 × 10-12m

हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धान्त के अनुसार,

वास्तविक संवेग को परिभाषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह संवेग में अनिश्चितता (Ap) से छोटा है।

प्रश्न62छः इलेक्ट्रॉनों की क्वाण्टम संख्याएँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए। क्या इनमें से किसी की ऊर्जा समान है?

उत्तर-

दिये गये इलेक्ट्रॉन कक्षक 1.4d, 2. 3d, 3.4p, 4. 3d, 5. 3p तथा 6.4p से सम्बन्धित हैं। इनकी ऊर्जा इस क्रम में होगी-

5 < 2 = 4 < 6 = 3 < 1

प्रश्न63ब्रोमीन परमाणु में 35 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसके 2p कक्षक में छः इलेक्ट्रॉन, 3p कक्षक में छः इलेक्ट्रॉन तथा 4p कक्षक में पाँच इलेक्ट्रॉन होते हैं। इनमें से कौन-सा इलेक्ट्रॉन न्यूनतम प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करता है?

उत्तर-4p इलेक्ट्रॉन्स न्यूनतम प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करते हैं, क्योंकि ये नाभिक से सबसे अधिक दूर हैं।

प्रश्न64निम्नलिखित में से कौन-सा कक्षक उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा?

  1. 2s और 3s.
  2. 4d और 4f.
  • 3d और 3p.

उत्तर-

  1. 2s कक्षक, 3s कक्षक की तुलना में नाभिक के अधिक निकट होगा। अत: 25 कक्षक उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा।
  2. d कक्षक, f कक्षकों की तुलना में अधिक भेदक (penetrating) होते हैं। इसलिए 44 कक्षक उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा।
  • p कक्षक, 4 कक्षकों की तुलना में अधिक भेदक (penetrating) होते हैं। इसलिए, 3p कक्षक उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा।

प्रश्न65Al तथा Si में 3p कक्षक में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं। कौन-सा इलेक्ट्रॉन नाभिक से अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा?

उत्तर-सिलिकॉन (+14) में, ऐलुमिनियम (+13) की तुलना में अधिक नाभिकीय आवेश होता है। अत: सिलिकॉन में उपस्थित अयुग्मित 3p इलेक्ट्रॉन अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेंगे।

प्रश्न66इन अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताइए।

  1. P
  2. Si
  • Cr
  1. Fe
  2. Kr

उत्तर-

  1. इन तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या निम्न है-

P(z = 5) : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p1x 3p1y 3p1z.

  1. अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 3

Si(Z = 14) : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p1x 3p1y.

  • अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2

Cr(Z = 24) : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d5y 4s1

  1. अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6

Fe(Z = 26) : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d6 4s2

  1. अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4

Kr(Z = 36) : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6.

  1. अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 0

(अक्रिय गैस, कोई अयुग्मित इलेक्ट्रान नहीं है।)

प्रश्न67

  1. n = 4 से सम्बन्धित कितने उपकोश हैं?
  2. उस उपकोश में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे जिसके लिए हैं?

उत्तर-

  1. जब n = 4, l = 0, 1, 2, 3 हैं। अत: चार उपकोश होंगे s, p, d तथा f.
  2. कक्षा n = 4 के लिए, उपस्थित कक्षकों की कुल संख्या = n2 = (4)2 = 16

प्रत्येक कक्षक में एक इलेक्ट्रॉन जिसके लिए  है, उपस्थित है।

अत: युक्त 16 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे।

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